स्वामी विवेकानंद

स्वामी विवेकानंद के पत्र – श्रीमती ओलि बुल को लिखित (13 नवम्बर, 1896)

(स्वामी विवेकानंद का श्रीमती ओलि बुल को लिखा गया पत्र)

ग्रेकोट गार्डन्स,
वेस्ट मिनिस्टर,
१३ नवम्बर, १८९६

प्रिय श्रीमती बुल,

मैं शीघ्र ही भारत के लिए प्रस्थान करने वाला हूँ, कदाचित् १६ दिसम्बर को। अमेरिका आने से पहले मुझे एक बार भारत जाने की तीव्र अभिलाषा है और मैंने अपने साथ इंग्लैण्ड से कई मित्रों को भारत ले जाने का प्रबन्ध किया है, इसलिए चाहे मेरी कितनी ही इच्छा हो, परन्तु अमेरिका होते हुए जाना मेरे लिए असम्भव है।

निश्चय ही डॉ. जेम्स अति उत्तम काम कर रहे हैं। उन्होंने मेरी और मेरे कार्य की जो सहायता की है, उसके लिए और उनके कृपाभाव के लिए कृतज्ञता प्रकट करने में मैं असमर्थ सा हूँ यहाँ का कार्य अत्यन्त सुन्दर रूप से आगे बढ़ रहा है।

तुम्हारा,
विवेकानन्द

सन्दीप शाह

सन्दीप शाह दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक हैं। वे तकनीक के माध्यम से हिंदी के प्रचार-प्रसार को लेकर कार्यरत हैं। बचपन से ही जिज्ञासु प्रकृति के रहे सन्दीप तकनीक के नए आयामों को समझने और उनके व्यावहारिक उपयोग को लेकर सदैव उत्सुक रहते हैं। हिंदीपथ के साथ जुड़कर वे तकनीक के माध्यम से हिंदी की उत्तम सामग्री को लोगों तक पहुँचाने के काम में लगे हुए हैं। संदीप का मानना है कि नए माध्यम ही हमें अपनी विरासत के प्रसार में सहायता पहुँचा सकते हैं।

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