स्वामी विवेकानंद

स्वामी विवेकानंद के पत्र – श्रीमती ओलि बुल को लिखित (28 दिसम्बर, 1894)

(स्वामी विवेकानंद का श्रीमती ओलि बुल को लिखा गया पत्र)

ब्रुकलिन,
न्यूयार्क स्टेशन,
२८ दिसम्बर, १८९४

प्रिय श्रीमती बुल,

मैं सकुशल न्यूयार्क आ पहुँचा; यहाँ पर डिपो में लैण्डस्बर्ग ने मुझसे भेंट की। मैं तत्काल ही ब्रुकलिन के लिए रवाना हो गया और ठीक समय पर यहाँ आ पहुँचा।

सायंकाल बहुत ही सुन्दर रहा, ‘नीति-साधन समिति’ (Ethical Culture Society) के कुछ सज्जन मुझसे मिलने आए थे।

आगामी रविवार को एक भाषण होगा। डॉ. जेन्स ने सदा की भाँति मुझसे अत्यंत सरल तथा सदय व्यवहार किया और श्री हिगिन्स को मैंने पहले ही की तरह व्यावहारिक पाया। अन्य शहरों की अपेक्षा इस न्यूयार्क शहर में, पता नहीं क्यों, महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों में धर्मालोचना के प्रति अधिक आग्रह है।

१६१ नं. मकान में मैं अपना उस्तरा भूल आया हूँ ; उसे लैण्ड्सबर्ग के पते पर भेजने की कृपा करें।

श्री हिगिन्स ने मेरे सम्बन्ध में जो छोटी-सी पुस्तिका प्रकाशित की है, उसकी एक प्रति इस पत्र के साथ भेज रहा हूँ। आशा है, भविष्य में और भी प्रतियाँ भेज सकूँगा। कुमारी फार्मर तथा समस्त पावन परिवार को मेरा प्यार।

सदा विश्वस्त,
विवेकानन्द

सन्दीप शाह

सन्दीप शाह दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक हैं। वे तकनीक के माध्यम से हिंदी के प्रचार-प्रसार को लेकर कार्यरत हैं। बचपन से ही जिज्ञासु प्रकृति के रहे सन्दीप तकनीक के नए आयामों को समझने और उनके व्यावहारिक उपयोग को लेकर सदैव उत्सुक रहते हैं। हिंदीपथ के साथ जुड़कर वे तकनीक के माध्यम से हिंदी की उत्तम सामग्री को लोगों तक पहुँचाने के काम में लगे हुए हैं। संदीप का मानना है कि नए माध्यम ही हमें अपनी विरासत के प्रसार में सहायता पहुँचा सकते हैं।

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