स्वामी विवेकानंद के पत्र – श्रीमती ओलि बुल को लिखित (8 जुलाई, 1896)
(स्वामी विवेकानंद का श्रीमती ओलि बुल को लिखा गया पत्र)
६३, सेण्ट जार्जेस रोड, लन्दन,
८ जुलाई, १८९६
प्रिय श्रीमती बुल,
अंग्रेज जाति अत्यन्त उदार है। उस दिन करीब तीन मिनट के अन्दर ही आगामी शरद् में कार्य संचालनार्थ नवीन मकान के लिए मेरी कक्षा से १५० पौण्ड का चन्दा मिला। यदि माँगा जाता तो तत्काल ही वे ५०० पौण्ड प्रदान करने में किचिन्मात्र भी नहीं हिचकते। किन्तु हम लोग धीर-धीरे कार्य करना चाहते हैं, एक साथ जल्दी अधिक खर्च करने का कोई अभिप्राय हमारा नहीं है। यहाँ पर इस कार्य का संचालन करने के लिए हमें अनेक व्यक्ति प्राप्त होंगे एवं वे लोग त्याग की भावना से भी कुछ-कुछ परिचित हैं – अंग्रेजों के चरित्र की गहराई का पता यहीं मिलता है।
शुभाकांक्षी,
विवेकानन्द