स्वामी विवेकानंद

स्वामी विवेकानंद के पत्र – श्रीमती टेनाट ऊड्स को लिखित (19 नवम्बर, 1893)

(स्वामी विवेकानंद का श्रीमती टेनाट ऊड्स को लिखा गया पत्र)

५४१, डियरबोर्न एवेन्यू, शिकागो,
१९ नवम्बर, १८९३

प्रिय श्रीमती ऊड्स,

आपके पत्र का उत्तर देने में देर हुई, क्षमा करेंगी। पता नहीं, मैं फिर कब आपसे मिल सकूँगा। कल मैं मैडिसन और मीनियापोलिस के लिए प्रस्थान करूँगा। जिन अंग्रेज सज्जन का आपने उल्लेख किया है, वह लंदन के डॉ. मोमेरी हैं। लंदन की गरीब जनता के बीच वे एक प्रसिद्ध कार्यकर्त्ता हैं और अत्यन्त मधुर व्यक्ति हैं। आप शायद नहीं जानती होंगी कि संसार भर के धर्मों में केवल आंग्ल धर्म-संघ ही ऐसा है, जिसने हमारे मध्य अपना प्रतिनिधि नहीं भेजा। पर डॉ. मोमेरी धर्म-महासभा में आये, यद्यपि कैन्टरबेरी के आर्कबिशप महासभा (Parliament of Religions) की भर्त्सना कर चुके थे। आप तथा आपके सुन्दर पुत्र के प्रति मेरा प्यार सदा एक सा ही बना रहता है, चाहे मैं आपको पत्र शीघ्र लिख सकूँ या नहीं।

क्या आप मेरी पुस्तकों एवं पत्रों को श्री हेल के पते पर एक्सप्रेस द्वारा भेज देंगी? मुझे उनकी आवश्यकता है। डाक-व्यय यहाँ दे दिया जायेगा।

आप सभी पर ईश्वर की अनुकम्पना बनी रहे, यही मेरी आकांक्षा है।

आपका अभिन्न मित्र,
विवेकानन्द

पुनश्च – यदि आप कुमारी सैनबोर्न एवं पूर्वांचल के हमारे अन्य मित्रों को लिखें, तो कृपया मेरी अगाध श्रद्धा सूचित कर दें।

आपका,
विवेकानन्द

सन्दीप शाह

सन्दीप शाह दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक हैं। वे तकनीक के माध्यम से हिंदी के प्रचार-प्रसार को लेकर कार्यरत हैं। बचपन से ही जिज्ञासु प्रकृति के रहे सन्दीप तकनीक के नए आयामों को समझने और उनके व्यावहारिक उपयोग को लेकर सदैव उत्सुक रहते हैं। हिंदीपथ के साथ जुड़कर वे तकनीक के माध्यम से हिंदी की उत्तम सामग्री को लोगों तक पहुँचाने के काम में लगे हुए हैं। संदीप का मानना है कि नए माध्यम ही हमें अपनी विरासत के प्रसार में सहायता पहुँचा सकते हैं।

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