स्वामी विवेकानंद

स्वामी विवेकानंद के पत्र – श्रीमती विलियम स्टारगीज को लिखित (29 जुलाई (अगस्त?), 1895)

(स्वामी विवेकानंद का श्रीमती विलियम स्टारगीज को लिखा गया पत्र)

सहस्रद्वीपोद्यान,
२९ जुलाई (अगस्त?), १८९५

माँ,

आपका जीवन गौरवोज्ज्वल हो। और मुझे विश्वास है – आप स्वस्थ और प्रसन्न हैं। आपने जो ५० डॉलर भेजे हैं, उनके लिए अनेकानेक धन्यवाद। इस रकम से बड़ा काम निकला।

हमारे दिन यहाँ कितने आनन्द में बीते। डिट्रॉएट से यहाँ तक की यात्रा करके दो महिलाएँ हम लोगों के साथ रहने को आयीं। वे इतनी पवित्र और भली थीं कि क्या बताऊँ? मैं सहस्रद्वीपोद्यान से डिट्रॉएट, उसके बाद शिकागो जा रहा हूँ।

न्यूयार्क में हमारा क्लास चालू है और उन्होंने इसे बहुत हिम्मत से जारी रखा है, हालाँकि मैं वहाँ नहीं था।

बहरहाल, वे दोनों महिलाएँ – जो डिट्रॉएट से आयी हैं – क्लास में थी और दुर्भाग्यवश वे दुष्ट प्रेतात्माओं से बहुत भय खाती हैं। दुष्ट प्रेतात्मा अथवा शैतान का पता लगाने के लिए उन्हें एक टोटका सिखाया गया है। थोड़ा सा नमक जलते हुए अल्कोहल में डाल देते हैं – यदि नीचे कोई काला पदार्थ जमा हो गया तो इसे दुष्ट आत्मा की उपस्थिति का संकेत माना जाता है। जो भी हो, भूत-प्रेत का उन्हें बड़ा डर था। उनका विश्वास है कि भूत-प्रेत संसार के कण कण में – विश्व-ब्रह्माण्ड में व्याप्त हैं। फादर लेगेट आपकी अनुपस्थिति से बहुत उदास होंगे; क्योंकि मुझे आज तक उनकी कोई चिट्ठी नहीं मिली है। इसलिए मैं उन्हें अब परेशान नहीं करता।

जो जो चाची को समुद्र में तकलीफ हुई होगी। खैर, अंत भला तो सब भला।1 बच्चे निश्चय ही जर्मनी-प्रवास का आनन्द ले रहे होंगे। मेरा – जहाज भर प्यार उन्हें।

हम सभी आपको प्यार भेजते हैं और आपके ऐसे जीवन की कामना करते हैं, जो आनेवाली पीढ़ियों के लिए मशाल का काम करे।

आपका पुत्र,
विवेकानन्द


  1. होलिस्टर और अल्बर्टा जर्मनी के किसी स्कूल में पढ़ते थे।

सन्दीप शाह

सन्दीप शाह दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक हैं। वे तकनीक के माध्यम से हिंदी के प्रचार-प्रसार को लेकर कार्यरत हैं। बचपन से ही जिज्ञासु प्रकृति के रहे सन्दीप तकनीक के नए आयामों को समझने और उनके व्यावहारिक उपयोग को लेकर सदैव उत्सुक रहते हैं। हिंदीपथ के साथ जुड़कर वे तकनीक के माध्यम से हिंदी की उत्तम सामग्री को लोगों तक पहुँचाने के काम में लगे हुए हैं। संदीप का मानना है कि नए माध्यम ही हमें अपनी विरासत के प्रसार में सहायता पहुँचा सकते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

हिंदी पथ
error: यह सामग्री सुरक्षित है !!
Exit mobile version