स्वामी विवेकानंद के पत्र – श्री एफ. लेगेट को लिखित (18 जून, 1895)
(स्वामी विवेकानंद का श्री एफ. लेगेट को लिखा गया पत्र)
द्वारा कुमारी डचर,
सहस्रद्वीपोद्यान,
न्यूयार्क,
१८ जून, १८९५
प्रिय मित्र,
कुमारी स्टारगीज के जाने के एक दिन पूर्व मुझे उनका एक पत्र – ५० डॉलर के चेक के साथ – मिला। प्राप्ति की सूचना – दूसरे ही दिन उनकी सेवा में प्रेषित करना सम्भव नहीं था। इसलिए आपसे निवेदन है कि मेरा हार्दिक धन्यवाद तथा धन-प्राप्ति की सूचना अपने पत्र में उन्हें दे दें।
हमारा समय यहाँ आनन्दपूर्वक कट रहा है। किन्तु बंगला में एक कहावत है कि ढेंकी स्वर्ग जाय, तो वहाँ भी उसको धानकुटाई ही करनी पड़ती है। जो कुछ हो, मुझे बेहद परिश्रम करना पड़ता है। मैं अगस्त के प्रारम्भ में शिकागो जा रहा हूँ। आप कब चल रहे हैं?
हमारे यहाँ के सभी मित्र आपका अभिवादन भेज रहे हैं। आपके लिए सम्पूर्ण आनन्द, प्रसन्नता एवं स्वास्थ्य की आशा करता हूँ और उसके लिए सतत प्रार्थना करता हूँ।
स्नेहाधीन,
विवेकानन्द