स्वामी विवेकानंद

स्वामी विवेकानंद के पत्र – श्री हरिदास बिहारीदास देसाई को लिखित (26 अप्रैल 1892)

(स्वामी विवेकानंद का श्री हरिदास बिहारीदास देसाई को लिखा गया पत्र)

बड़ौदा
२६ अप्रैल,१८९२

प्रिय दीवानजी साहब,

यहाँ भी आपका पत्र पाकर बड़ा प्रसन्न हुआ। नदियाद स्टेशन से आपके घर पहुँचने में मुझे कुछ भी कठिनाई नहीं हुई। और आपके भाई – वैसे ही हैं, जैसा उन्हें होना चाहिए, बिल्कुल आपके भाई। ईश्वर आपके परिवार पर सर्वोत्कृष्ट आशीर्वादों की वर्षा करे। मेरी सारी यात्राओं में ऐसा शानदार कोई दूसरा परिवार नहीं मिला।

आपके मित्र मणिभाई ने मेरे लिए सभी सुविधाएँ प्रदान की हैं। जहाँ तक उनके सत्संग का प्रश्न है, केवल मैं उनसे दो बार मिला, एक बार एक मिनट के लिए, और दूसरी बार ज्यादा से ज्यादा दस मिनट के लिए, जब उन्होंने यहाँ की शिक्षा-पद्धति पर बातचीत की। पुस्तकालय और रवि वर्मा के चित्र तो खैर, मैंने देख ही लिये, यहाँ केवल यही दर्शनीय वस्तुएँ हैं। अतः आज शाम को मैं बम्बई जा रहा हूँ। यहाँ दीवान जी को (आपको) मेरा धन्यवाद। अधिक बम्बई से लिखूँगा।

सस्नेह आपका,
विवेकानन्द

पुनश्च – नदियाद में मैं मणिलाल नाभूभाई से मिला। वे एक बहुत ही विद्वान् एवं पवित्र सज्जन हैं, और मैंने उनके सत्संग से बहुत आनन्द प्राप्त किया।

सन्दीप शाह

सन्दीप शाह दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक हैं। वे तकनीक के माध्यम से हिंदी के प्रचार-प्रसार को लेकर कार्यरत हैं। बचपन से ही जिज्ञासु प्रकृति के रहे सन्दीप तकनीक के नए आयामों को समझने और उनके व्यावहारिक उपयोग को लेकर सदैव उत्सुक रहते हैं। हिंदीपथ के साथ जुड़कर वे तकनीक के माध्यम से हिंदी की उत्तम सामग्री को लोगों तक पहुँचाने के काम में लगे हुए हैं। संदीप का मानना है कि नए माध्यम ही हमें अपनी विरासत के प्रसार में सहायता पहुँचा सकते हैं।

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