स्वामी विवेकानंद

स्वामी विवेकानंद के पत्र – श्री कृष्णमयी तथा इन्दु को लिखित (5 जनवरी, 1890)

(स्वामी विवेकानंद का कृष्णमयी तथा इन्दु को लिखा गया पत्र)

इलाहाबाद,
५ जनवरी, १८९०

प्रिय राम, कृष्णमयी तथा इन्दु,

बच्चों, याद रखना कि कायर तथा दुर्बल व्यक्ति ही पापाचरण करते हैं एवं झूठ बोलते हैं। साहसी तथा शक्तिशाली व्यक्ति सदा ही नीतिपरायण होते हैं। नीतिपरायण, साहसी तथा सहानुभूतिसम्पन्न बनने का प्रयास करो।

तुम्हारा,
नरेन्द्रनाथ

सन्दीप शाह

सन्दीप शाह दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक हैं। वे तकनीक के माध्यम से हिंदी के प्रचार-प्रसार को लेकर कार्यरत हैं। बचपन से ही जिज्ञासु प्रकृति के रहे सन्दीप तकनीक के नए आयामों को समझने और उनके व्यावहारिक उपयोग को लेकर सदैव उत्सुक रहते हैं। हिंदीपथ के साथ जुड़कर वे तकनीक के माध्यम से हिंदी की उत्तम सामग्री को लोगों तक पहुँचाने के काम में लगे हुए हैं। संदीप का मानना है कि नए माध्यम ही हमें अपनी विरासत के प्रसार में सहायता पहुँचा सकते हैं।

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