स्वामी विवेकानंद

स्वामी विवेकानंद के पत्र – श्री महेन्द्रनाथ गुप्त को लिखित (7 फरवरी, 1889)

(स्वामी विवेकानंद का श्री महेन्द्रनाथ गुप्त को लिखा गया पत्र)

आँटपुर,1
७ फरवरी, १८८९

प्रिय म – ,

मास्टर महाशय, मैं आपको शतशः धन्यवाद देता हूँ। आपने श्रीरामकृष्ण को बिल्कुल ठीक समझा है। खेद है, बहुत थोड़े लोग उन्हें समझ सकते हैं!

आपका,
नरेन्द्रनाथ

पुनश्च – जब कभी मैं किसी व्यक्ति को उस उपदेशवाणी के बीच पूर्ण रूप से निमग्न पाता हूँ, जो भविष्य में संसार में शान्ति की वर्षा करने वाली है, तो मेरा हृदय आनन्द से उछलने लगता है। ऐसे समय मैं पागल नहीं हो जाता हूँ, यही आश्चर्य की बात है!


  1. हुगली जिले में स्वामी प्रेमानन्द की जन्मभूमि।

सन्दीप शाह

सन्दीप शाह दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक हैं। वे तकनीक के माध्यम से हिंदी के प्रचार-प्रसार को लेकर कार्यरत हैं। बचपन से ही जिज्ञासु प्रकृति के रहे सन्दीप तकनीक के नए आयामों को समझने और उनके व्यावहारिक उपयोग को लेकर सदैव उत्सुक रहते हैं। हिंदीपथ के साथ जुड़कर वे तकनीक के माध्यम से हिंदी की उत्तम सामग्री को लोगों तक पहुँचाने के काम में लगे हुए हैं। संदीप का मानना है कि नए माध्यम ही हमें अपनी विरासत के प्रसार में सहायता पहुँचा सकते हैं।

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