स्वामी विवेकानंद के पत्र – श्री प्रमदादास मित्र को लिखित (2 अप्रैल, 1890)
(स्वामी विवेकानंद का श्री प्रमदादास मित्र को लिखा गया पत्र)
गाजीपुर,
२ अप्रैल, १८९०
पूज्यपाद,
जिस वैराग्य की आप मुझे सलाह देते हैं, वह मैं कहाँ से प्राप्त करूँ? उसीके लिए तो मैं पृथ्वी पर मारा मारा फिर रहा हूँ। यदि मुझे यह सच्चा वैराग्य कभी उपलब्ध होता है, मैं आपको सूचित करूँगा और यदि आपको इस प्रकार की कोई चीज प्राप्त हो, तो कृपया मुझे उसके साझी के रूप में याद करें।
आपका,
नरेन्द्र