स्वामी विवेकानंद

स्वामी विवेकानंद के पत्र – श्री प्रमदादास मित्र को लिखित (25 फरवरी, 1890)

(स्वामी विवेकानंद का श्री प्रमदादास मित्र को लिखा गया पत्र)
ईश्वरो जयति

गाजीपुर,
२५ फरवरी, १८९०

प्रिय महोदय,

कमर के दर्द से बहुत कष्ट हो रहा है, अन्यथा मैं पहले ही आपके यहाँ आने की चेष्टा करता। मन को अब यहाँ शान्ति नहीं मिलती। बाबाजी के स्थान से आये हुए तीन दिन हुए, परन्तु वे कृपापूर्वक प्रायः नित्य ही मेरे सम्बन्ध में पूछताछ करते हैं। जैसे ही कमर का दर्द कुछ अच्छा होगा, मैं बाबाजी से विदा मागूँगा। आप मेरा अनंत प्रणाम स्वीकार करें।

आपका,
नरेन्द्र

सन्दीप शाह

सन्दीप शाह दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक हैं। वे तकनीक के माध्यम से हिंदी के प्रचार-प्रसार को लेकर कार्यरत हैं। बचपन से ही जिज्ञासु प्रकृति के रहे सन्दीप तकनीक के नए आयामों को समझने और उनके व्यावहारिक उपयोग को लेकर सदैव उत्सुक रहते हैं। हिंदीपथ के साथ जुड़कर वे तकनीक के माध्यम से हिंदी की उत्तम सामग्री को लोगों तक पहुँचाने के काम में लगे हुए हैं। संदीप का मानना है कि नए माध्यम ही हमें अपनी विरासत के प्रसार में सहायता पहुँचा सकते हैं।

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