स्वामी विवेकानंद

स्वामी विवेकानंद के पत्र – श्री प्रमदादास मित्र को लिखित (28 नवंबर, 1888)

(स्वामी विवेकानंद का श्री प्रमदादास मित्र को लिखा गया पत्र)
श्री श्री दुर्गा

वराहनगर, कलकत्ता,
२८ नवम्बर, १८८८

प्रणामपूर्वक निवेदन,

आपका भेजा हुआ पाणिनि ग्रन्थ मिला – मेरी कृतज्ञता स्वीकार करें। मुझे पुनः ज्वर हो गया था, इसीलिए तत्काल उत्तर न दे सका, क्षमा करें। शरीर अत्यन्त अस्वस्थ है। श्रीमान् की शारीरिक तथा मानसिक कुशलता के लिए श्री महामाया से प्रार्थना करता हूँ।

आपका,
नरेन्द्रनाथ

सन्दीप शाह

सन्दीप शाह दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक हैं। वे तकनीक के माध्यम से हिंदी के प्रचार-प्रसार को लेकर कार्यरत हैं। बचपन से ही जिज्ञासु प्रकृति के रहे सन्दीप तकनीक के नए आयामों को समझने और उनके व्यावहारिक उपयोग को लेकर सदैव उत्सुक रहते हैं। हिंदीपथ के साथ जुड़कर वे तकनीक के माध्यम से हिंदी की उत्तम सामग्री को लोगों तक पहुँचाने के काम में लगे हुए हैं। संदीप का मानना है कि नए माध्यम ही हमें अपनी विरासत के प्रसार में सहायता पहुँचा सकते हैं।

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