स्वामी विवेकानंद

स्वामी विवेकानंद के पत्र – भगिनी निवेदिता को लिखित (11 जुलाई, 1900)

(स्वामी विवेकानंद का भगिनी निवेदिता को लिखा गया पत्र)

१०२ पूर्व ५८वीं स्ट्रीट,
न्यूयार्क,
११ जुलाई, १९००

मेरी प्यारी बहन,

तुम्हारा पत्र पाकर और यह जानकर कि तुम ग्रीनेकर जा रही हो, मुझे ख़ुशी हुई। आशा है इससे तुम ख़ूब लाभ उठाओगी। अपने लम्बे बाल कटवा लेने के लिए हर किसीने मेरी बहुत आलोचना की है। मुझे दुःख है। तुम्हींने मुझे ऐसा करने को मजबूर किया था।

मैं डिट्राएट गया था और कल वापस आया हूँ। जल्दी से जल्दी फ़्रांस जाने की चेष्टा कर रहा हूँ, फिर वहाँ से भारत को। यहाँ कोई ख़ास समाचार नहीं; काम समाप्त हो चुका है। मैं नियमित रूप से भोजन करता हूँ और सोता हूँ – बस।

तुम्हारा चिर स्नेही भाई
विवेकानन्द

पुनश्च – लड़कियों को लिखो कि यदि वहाँ मेरी कोई डाक आयी हो, तो शिकागो के पते पर भेज दें।

वि.

सन्दीप शाह

सन्दीप शाह दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक हैं। वे तकनीक के माध्यम से हिंदी के प्रचार-प्रसार को लेकर कार्यरत हैं। बचपन से ही जिज्ञासु प्रकृति के रहे सन्दीप तकनीक के नए आयामों को समझने और उनके व्यावहारिक उपयोग को लेकर सदैव उत्सुक रहते हैं। हिंदीपथ के साथ जुड़कर वे तकनीक के माध्यम से हिंदी की उत्तम सामग्री को लोगों तक पहुँचाने के काम में लगे हुए हैं। संदीप का मानना है कि नए माध्यम ही हमें अपनी विरासत के प्रसार में सहायता पहुँचा सकते हैं।

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