स्वामी विवेकानंद के पत्र – भगिनी निवेदिता को लिखित (15 नवम्बर, 1899)
(स्वामी विवेकानंद का भगिनी निवेदिता को लिखा गया पत्र)
१५ नवम्बर, १८९९
प्रिय मार्गट,
… सभी बातों को ध्यान में रखते हुए मैं नहीं समझता कि मेरे शरीर के लिए किसी प्रकार की चिन्ता का कारण है। इस प्रकार का उत्तेजनशील शरीर समय-समय पर महान् संगीत ध्वनित करने तथा अंधकार में विलाप करने का उपयुक्त उपकरण होता है।
तुम्हारा,
विवेकानन्द