स्वामी विवेकानंद

स्वामी विवेकानंद के पत्र – भगिनी निवेदिता को लिखित (15 नवम्बर, 1899)

(स्वामी विवेकानंद का भगिनी निवेदिता को लिखा गया पत्र)

१५ नवम्बर, १८९९

प्रिय मार्गट,

… सभी बातों को ध्यान में रखते हुए मैं नहीं समझता कि मेरे शरीर के लिए किसी प्रकार की चिन्ता का कारण है। इस प्रकार का उत्तेजनशील शरीर समय-समय पर महान् संगीत ध्वनित करने तथा अंधकार में विलाप करने का उपयुक्त उपकरण होता है।

तुम्हारा,
विवेकानन्द

सन्दीप शाह

सन्दीप शाह दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक हैं। वे तकनीक के माध्यम से हिंदी के प्रचार-प्रसार को लेकर कार्यरत हैं। बचपन से ही जिज्ञासु प्रकृति के रहे सन्दीप तकनीक के नए आयामों को समझने और उनके व्यावहारिक उपयोग को लेकर सदैव उत्सुक रहते हैं। हिंदीपथ के साथ जुड़कर वे तकनीक के माध्यम से हिंदी की उत्तम सामग्री को लोगों तक पहुँचाने के काम में लगे हुए हैं। संदीप का मानना है कि नए माध्यम ही हमें अपनी विरासत के प्रसार में सहायता पहुँचा सकते हैं।

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