स्वामी विवेकानंद के पत्र – भगिनी निवेदिता को लिखित (24 जनवरी,1900)
(स्वामी विवेकानंद का भगिनी निवेदिता को लिखा गया पत्र)
लॉस एंजिलिस, कैलिफोर्निया,
२४ जनवरी, १९००
प्रिय निवेदिता,
मुझे लगता है कि मैं जिस शान्ति और विश्राम की खोज में हूँ, वह मुझे कभी प्राप्त नहीं होगा। फिर भी महामाया दूसरों का – कम से कम मेरे स्वदेश का – मेरे द्वारा कुछ कल्याण करा रही है; और इस उत्सर्ग के भाव का अवलम्बन कर अपने भाग्य के साथ समझौता करना बहुत कुछ सरल है। हम सभी अपने अपने भावों में आत्म-बलिदान कर रहे हैं। महापूजन हो रहा है – एक महान् बलिदान के बिना और किसी प्रकार से इसका कोई अर्थ नहीं निकलता है। जो स्वेच्छापूर्वक अपने मस्तक आगे बढ़ा देते हैं, वे अनेक यातनाओं से मुक्ति पा जाते हैं और जो बाधा उपस्थित करते हैं, उन्हें बलपूर्वक दबाया जाता है एवं उनको कष्ट भी अधिक भोगना पड़ता है। मैं अब स्वेच्छा से आत्मसमर्पण करने के लिए कटिबद्ध हूँ।