स्वामी विवेकानंद के पत्र – स्वामी ब्रह्मानन्द को लिखित (14 दिसम्बर, 1897)
(स्वामी विवेकानंद का स्वामी ब्रह्मानन्द को लिखा गया पत्र)
खेतड़ी,
१४ दिसम्बर, १८९७
अभिन्नहृदय,
आज तुम्हारे मुख्तारनामा पर अपना हस्ताक्षर कर भेज दिया।… जितना शीघ्र हो सके तुम रुपये निकाल लेना एवं वैसा करते ही मुझे ‘तार’ से सूचित करना। छतरपुर नामक किसी एक बुन्देलखण्डी राज्य के राजा ने मुझे आमन्त्रित किया है। मठ लौटते समय उनके यहाँ होता जाऊँगा। लिमड़ी के राजा साहब भी अत्यन्त आग्रह के साथ बुला रहे है; वहाँ भी जाना ही पड़ेगा। एक बार झटपट काठियावाड़ का चक्कर लगाकर जाना है। कलकत्ते पहुँचने पर कहीं शान्ति मिलेगी।… बोस्टन के समाचार भी तो अभी तक कुछ भी नहीं मिले हैं, ऐसा मालूम होता है कि सम्भवतः शरत् वापस आ रहा है। अस्तु, जहाँ से भी जो कुछ समाचार प्राप्त हो, तत्क्षण ही मुझे सूचित करना। इति।
सस्नेह तुम्हारा,
विवेकानन्द
पुनश्च – कन्हाई का स्वास्थ्य कैसा है? पता लगा कि उसका स्वास्थ्य ठीक नहीं है। उसकी देखभाल अच्छी तरह से करना तथा इस बात का ध्यान रखना कि किसी पर हुकूमत न होने पावे। हरि की तथा अपनी कुशलता का समाचार देना।
वि.