स्वामी विवेकानंद के पत्र – स्वामी प्रेमानन्द को लिखित (24 नवम्बर, 1897)
(स्वामी विवेकानंद का श्रीमती इन्दुमती मित्र को लिखा गया पत्र)
देहरादून,
२४ नवम्बर, १८९७
प्रिय बाबूराम,
हरिप्रसन्न से तुम्हारे विषय में सब समाचार मुझे मिले। यह सुनकर मैं बहुत खुश हूँ कि राखाल एवं हरि अब बिल्कुल स्वस्थ हैं।
इस समय टेहरी के बाबू रघुनाथ भट्टाचार्य गले के दर्द से बहुत कष्ट उठा रहे हैं। बहुत दिनों से गर्दन के पिछले भाग में दर्द से मैं भी पीड़ित हूँ। अगर तुम्हें बहुत पुराना घी मिल सके तो थोड़ा उनको देहरादून भेज देना और थोड़ा मुझको खेतड़ी के पते से भेज देना। शरत् (वकील) या हाबू के यहाँ वह तुम्हें जरूर मिल जायगा। पता लिखना : बाबू रघुनाथ भट्टाचार्य, देहरादून, पश्चिमोत्तर प्रान्त… और वह उनके यहाँ पहुँच जायगा।
परसों मैं सहारनपुर के लिए प्रस्थान करूँगा; वहाँ से फिर राजपूताना।
सस्नेह तुम्हारा,
विवेकानन्द
पुनश्च – मेरा सबको प्यार।
वि.