गंगा बहती हो क्यों – Ganga Behti Ho Kyon Lyrics
पढ़ें “गंगा बहती हो क्यों” लिरिक्स विस्तार है आपार, प्रजा दोनों पारकरे हाहाकार निःशब्द सदाओ गंगा तुम, गंगा बहती हो
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