सूरह अन नास हिंदी में – सूरह 114
शुरू अल्लाह के नाम से जो बड़ा मेहरबान, निहायत रहम वाला है। कहो, मैं पनाह मांगता हूं लोगों के रब
Read Moreशुरू अल्लाह के नाम से जो बड़ा मेहरबान, निहायत रहम वाला है। कहो, मैं पनाह मांगता हूं लोगों के रब
Read Moreशुरू अल्लाह के नाम से जो बड़ा मेहरबान, निहायत रहम वाला है। कहो, मैं पनाह मांगता हूं सुबह के रब
Read Moreशुरू अल्लाह के नाम से जो बड़ा मेहरबान, निहायत रहम वाला है। कहो वह अल्लाह एक है। अल्लाह बेनियाज़ (निस्पृह)
Read Moreशुरू अल्लाह के नाम से जो बड़ा मेहरबान, निहायत रहम वाला है। जब अल्लाह की मदद आ जाए और फ़तह।
Read Moreशुरू अल्लाह के नाम से जो बड़ा मेहरबान, निहायत रहम वाला है। कहो कि ऐ मुंकिरो, मैं उनकी इबादत नहीं
Read Moreशुरू अल्लाह के नाम से जो बड़ा मेहरबान, निहायत रहम वाला है। क्या तुमने देखा उस शख्स को जो इंसाफ़
Read Moreशुरू अल्लाह के नाम से जो बड़ा मेहरबान, निहायत रहम वाला है। इस वास्ते कि क्रैश मानूस (अभ्यस्त) हुए, जाड़े
Read Moreशुरू अल्लाह के नाम से जो बड़ा मेहरबान, निहायत रहम वाला है। क्या तुमने नहीं देखा कि तुम्हारे रब ने
Read Moreशुरू अल्लाह के नाम से जो बड़ा मेहरबान, निहायत रहम वाला है। क़सम है ज़माने की। बेशक इंसान घाटे में
Read Moreशुरू अल्लाह के नाम से जो बड़ा मेहरबान, निहायत रहम वाला है। खड़खड़ाने वाली। क्या है खड़खड़ाने वाली। और तुम
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