धर्मनाथ चालीसा – Bhagwan Dharmanatha Chalisa
धर्मनाथ चालीसा का नियमित पाठ चित्त को पवित्र तथा निष्पाप कर देता है। ऐसे ही चित्त में प्रभु-प्रसाद अवतरित होने की संभावना उत्पन्न होती है।
Read Moreधर्मनाथ चालीसा का नियमित पाठ चित्त को पवित्र तथा निष्पाप कर देता है। ऐसे ही चित्त में प्रभु-प्रसाद अवतरित होने की संभावना उत्पन्न होती है।
Read Moreअनंतनाथ चलीसा में नामानुरूप ही अनंत शक्ति विद्यमान है। इसे जो भी व्यक्ति भक्तिभाव से नियमित पढ़ता है, उसे अभीष्ट की प्राप्ति होती है।
Read Moreविमलनाथ चालीसा में भव-बंधन को काटने की शक्ति है। जो श्रद्धा से भरकर इसका पाठ करता है, उसकी सारी कामनाएँ अवश्य ही पूरी होती हैं।
Read Moreवासुपूज्य चालीसा का पाठ कर्मों के बंधन से छुटकारा दिलाता है। जो उन्हें हृदय में स्थापित कर इस चालीसा को पढ़ता है, उसकी कामनाएँ पूर्ण होती हैं।
Read Moreश्रेयांसनाथ चालीसा मन की सभी इच्छाओं को पूरा करने वाली है। इसके नित्य पाठ से ऐसे काम भी बनने लगते हैं, जिनमें पहले अनेक विघ्न दिखाई देते हों।
Read Moreशीतलनाथ चालीसा स्वयं कल्पवृक्ष की तरह है, जो सभी मनोकामनाओं की पूर्ति करती है। इसका पाठ सभी विघ्न-बाधाओं और पाप-ताप का नाशक है।
Read Moreपुष्पदंत चालीसा का नियमित पाठ जीवन में कल्याण का मार्ग प्रशस्त करता है। जो भक्ति से पुष्पदंत चालीसा पढ़ता है, उसकी मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं।
Read Moreचंद्रप्रभु चालीसा गागर में सागर के समान है। इस चालीसा का नित्य पाठ दरिद्रता और दुःखों का समूल नाश कर देता है। अभी पढ़ें चंद्रप्रभु चालीसा।
Read Moreसुपार्श्वनाथ चालीसा में दिव्य शक्तियाँ निहित हैं। जो नियम से इसका पाठ करता है, उसके सारे संकट कट जाते हैं। जीवन में उसकी राह आसान हो जाती है।
Read Moreपद्मप्रभु चालीसा हर प्रकार की सिद्धि देने में समर्थ है। जो श्रद्धा पूर्वक इसका पाठ करता है, उसके लिए संसार में कुछ भी दुर्लभ नहीं रहता है।
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