Rashi Pant

कविता

राधा – Radha Song (Pandavaas) पण्डौ

काँधि मा धराली राधा, खैर की गँज्याल़ि राधा।मुण्ड मा धराली राधा, द्यो रिंगाल़ि सुपि राधा। रूम-जाँदि ठुम राधा, मैतुड़ैऽ मँज्युल़ि

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