Yamuna

धर्म

यमुना चालीसा – Yamuna Chalisa

॥ दोहा॥  प्रियसंग क्रीड़ा करत नित,सुखनिधि वेद को सार।दरस परस ते पाप मिटे,श्रीकृष्ण प्राण आधार॥  यमुना पावन विमल सुजस,भक्तिसकल रस

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कविता

श्री यमुना जी – ब्रज भाषा की कविता

“श्री यमुना जी” स्व. श्री नवल सिंह भदौरिया “नवल” द्वारा ब्रज भाषा में रचित यमुना मैया को समर्पित कविता है। इस अद्भुत कविता का आनंद लें।

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हिंदी पथ
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