धर्म

यंत्रोद्धारक हनुमान स्तोत्र – Yantrodharaka Hanuman Stotra

“यंत्रोद्धारक हनुमान स्तोत्र” का पाठ हनुमान यंत्र की अन्तर्निहित शक्ति को जागृत कर संतान, यश, धन, स्वास्थ्यादि सभी कामनाओं को पूर्ण करता है। पढ़ें यन्त्रोधारक हनुमान स्तोत्र :-

नमामि दूतं रामस्य सुखदं च सुरद्रुमम् ।
श्री मारुतात्मसम्भूतं विद्युत्काञ्चन सन्निभम् ॥ 1 ॥

नानारत्नसमायुक्त-कुण्डलादिविराजितम् ।
द्वात्रिम्शल्लक्षणोपेतं स्वर्णपीठविराजितम् ॥ 2 ॥

वासिनं चक्रतीर्थस्य दक्षिणस्थ गिरौ सदा ।
तुङ्गाम्भोदि तरङ्गस्य वातेन परिशोभिते ॥ 3 ॥

नानादेशगतैः सद्भिः सेव्यमानं नृपोत्तमैः ।
धूपदीपादि नैवेद्यैः पञ्चखाद्यैश्च शक्तितः ॥ 4 ॥

भजामि श्रीहनूमन्तं हेमकान्तिसमप्रभम् ।
व्यासतीर्थयतीन्द्रेण पूजितं च विधानतः ॥ 5 ॥

त्रिवारं यः पठेन्नित्यं स्तोत्रम् भक्त्या द्विजोत्तमः ।
वाञ्छितं लभतेऽभीष्टं षण्मासाभ्यन्तरं खलु ॥ 6 ॥

पुत्रार्थी लभते पुत्रं यशोऽर्थी लभते यशः ।
विद्यार्थी लभते विद्यां धनार्थी लभते धनम् ॥ 7 ॥

सर्वथामाऽस्तु सन्देहो हरिः साक्षी जगत्पतिः ।
यः करोत्यत्र सन्देहं स याति नरकं ध्रुवम् ॥ 8 ॥

॥ इति श्री व्यासराजकृत यन्त्रोधारक हनुमत् स्तोत्रम् ॥

विदेशों में बसे कुछ हिंदू स्वजनों के आग्रह पर यह यंत्रोद्धारक हनुमान स्तोत्र को हम रोमन में भी प्रस्तुत कर रहे हैं। हमें आशा है कि वे इससे अवश्य लाभान्वित होंगे। पढ़ें स्तोत्र रोमन में–

Read Yantrodharaka Hanuman Stotra

namāmi dūtaṃ rāmasya sukhadaṃ ca suradrumam ।
śrī mārutātmasambhūtaṃ vidyutkāñcana sannibham ॥ 1 ॥

nānāratnasamāyukta-kuṇḍalādivirājitam ।
dvātrimśallakṣaṇopetaṃ svarṇapīṭhavirājitam ॥ 2 ॥

vāsinaṃ cakratīrthasya dakṣiṇastha girau sadā ।
tuṅgāmbhodi taraṅgasya vātena pariśobhite ॥ 3 ॥

nānādeśagataiḥ sadbhiḥ sevyamānaṃ nṛpottamaiḥ ।
dhūpadīpādi naivedyaiḥ pañcakhādyaiśca śaktitaḥ ॥ 4 ॥

bhajāmi śrīhanūmantaṃ hemakāntisamaprabham ।
vyāsatīrthayatīndreṇa pūjitaṃ ca vidhānataḥ ॥ 5 ॥

trivāraṃ yaḥ paṭhennityaṃ stotram bhaktyā dvijottamaḥ ।
vāñchitaṃ labhate’bhīṣṭaṃ ṣaṇmāsābhyantaraṃ khalu ॥ 6 ॥

putrārthī labhate putraṃ yaśo’rthī labhate yaśaḥ ।
vidyārthī labhate vidyāṃ dhanārthī labhate dhanam ॥ 7 ॥

sarvathāmā’stu sandeho hariḥ sākṣī jagatpatiḥ ।
yaḥ karotyatra sandehaṃ sa yāti narakaṃ dhruvam ॥ 8 ॥

॥ iti śrī vyāsarājakṛta yantrodhāraka hanumat stotram ॥

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सन्दीप शाह

सन्दीप शाह दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक हैं। वे तकनीक के माध्यम से हिंदी के प्रचार-प्रसार को लेकर कार्यरत हैं। बचपन से ही जिज्ञासु प्रकृति के रहे सन्दीप तकनीक के नए आयामों को समझने और उनके व्यावहारिक उपयोग को लेकर सदैव उत्सुक रहते हैं। हिंदीपथ के साथ जुड़कर वे तकनीक के माध्यम से हिंदी की उत्तम सामग्री को लोगों तक पहुँचाने के काम में लगे हुए हैं। संदीप का मानना है कि नए माध्यम ही हमें अपनी विरासत के प्रसार में सहायता पहुँचा सकते हैं।

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