कविता

आज कल पाँव जमींपर – Aaj Kal Paon Zameen Par Nahi Lyrics in Hindi

“आज कल पाँव जमींपर” 1978 की प्रसिद्ध फ़िल्म घर का गाना है। इसे सुरों से सजाया है लता मंगेशकर ने व संगीतबद्ध किया है गुलज़ार ने। राहुल देव बर्मन की क़लम ने जन्म दिया है इन ख़ूबसूरत शब्दों को। फ़िल्म में विनोद मेहरा, रेखा, दिनेश ठाकुर और गोवेर्धन असरानी ने महत्वपूर्ण भूमिकाएँ अदा की हैं। पढ़ें आज कल पाँव जमींपर के बोल हिंदी में (Aaj Kal Paon Zameen Par Nahi lyrics in Hindi)–

“आज कल पाँव जमींपर” लिरिक्स

आज कल पाँव ज़मीं पर नहीं पड़ते मेरे
बोलो देखा है कभी तुमने मुझे उड़ते हुए

जब भी थामा है तेरा हाथ तो देखा है
लोग कहते हैं के बस हाथ की रेखा है
हमने देखा है दो तक़दीरों को जुड़ते हुए
आज कल पाँव…

नींद सी रहती है, हलका सा नशा रहता है
रात-दिन आँखों में इक चेहरा बसा रहता है
पर लगी आँखों को देखा है कभी उड़ते हुए
आज कल पाँव…

जाने क्या होता है हर बात पे कुछ होता है
दिन में कुछ होता है और रात में कुछ होता है
थाम लेना जो कभी देखो हमें उड़ते हुए
आज कल पाँव…

घर से जुड़े तथ्य

फिल्मघर
वर्ष1978
गायक / गायिकालता मंगेशकर
संगीतकारगुलज़ार
गीतकारराहुल देव बर्मन
अभिनेता / अभिनेत्रीविनोद मेहरा, रेखा, दिनेश ठाकुर, गोवेर्धन असरानी

विदेशों में जा बसे बहुत से देशवासियों की मांग है कि हम आज कल पाँव जमींपर गीत को देवनागरी हिंदी के अतिरिक्त अंग्रेजी / रोमन में भी प्रस्तुत करें ताकि वे भी इस गाने को पढ़ सकें व आनंद ले सकें। पढ़ें Aaj Kal Paon Zameen Par Nahi रोमन में-

Aaj Kal Paon Zameen Par Nahi Lyrics in Hindi

āja kala pā~va ज़mīṃ para nahīṃ paड़te mere
bolo dekhā hai kabhī tumane mujhe uड़te hue

jaba bhī thāmā hai terā hātha to dekhā hai
loga kahate haiṃ ke basa hātha kī rekhā hai
hamane dekhā hai do taक़dīroṃ ko juड़te hue
āja kala pā~va…

nīṃda sī rahatī hai, halakā sā naśā rahatā hai
rāta-dina ā~khoṃ meṃ ika ceharā basā rahatā hai
para lagī ā~khoṃ ko dekhā hai kabhī uड़te hue
āja kala pā~va…

jāne kyā hotā hai hara bāta pe kucha hotā hai
dina meṃ kucha hotā hai aura rāta meṃ kucha hotā hai
thāma lenā jo kabhī dekho hameṃ uड़te hue
āja kala pā~va…

Facts about the Film

FilmGhar
Year1978
SingerLata Mangeshkar
MusicGulzar
LyricsRahul Dev Burman
ActorsVinod Mehra, Rekha, Dinesh Thakur, Govardhan Asrani

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सन्दीप शाह

सन्दीप शाह दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक हैं। वे तकनीक के माध्यम से हिंदी के प्रचार-प्रसार को लेकर कार्यरत हैं। बचपन से ही जिज्ञासु प्रकृति के रहे सन्दीप तकनीक के नए आयामों को समझने और उनके व्यावहारिक उपयोग को लेकर सदैव उत्सुक रहते हैं। हिंदीपथ के साथ जुड़कर वे तकनीक के माध्यम से हिंदी की उत्तम सामग्री को लोगों तक पहुँचाने के काम में लगे हुए हैं। संदीप का मानना है कि नए माध्यम ही हमें अपनी विरासत के प्रसार में सहायता पहुँचा सकते हैं।

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