धर्म

आज मंगलवार है – Aaj Mangalwar Hai

“आज मंगलवार है महावीर का वार है” (Aaj Mangalwar Hai lyrics) बहुत ही सुंदर भजन है जो शिवावतार राम-भक्त अंजनिपुत्र हनुमान जी को समर्पित है। इसके बोल बहुए ही प्यारे हैं। इस भजन के लिरिक्स (Bhajan lyrics) पढ़कर या इसका गायन सुनकर रोम-रोम पुलकित हो जाता है और हृदय गदगद होने लगता है। श्री हनुमान चिरंजीवी हैं और कलियुग में भी अपने भक्तों की रक्षा करने को सदैव तत्पर रहते हैं। उनका स्मरण मात्र ही जन्म-जन्मान्तर के कष्टों से छुटकारा दिलाने के लिए पर्याप्त है। पढ़ें इस सुंदर भजन के बोल या लिरिक्स हिंदी में–

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आज मंगलवार है, महावीर का वार है, यह सच्चा दरबार है।
सच्चे मन से जो कोई ध्यावे, उसका बेड़ा पार है॥

चेत सुति पूनम मंगल का जनम वीर ने पाया है,
लाल लंगोट गदा हाथ में सर पर मुकुट सजाया है।
शंकर का अवतार है, महावीर का वार है,
सच्चे मन से जो कोई ध्यावे, उसका बेड़ा पार है॥

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ब्रह्मा जी के ब्रह्म-ज्ञान का बल भी तुमने पाया है,
राम काज शिव शंकर ने वानर का रूप धराया है।
लीला अपरम पार है, महावीर का वार है,
सच्चे मन से जो कोई ध्यावे, उसका बेड़ा पार है॥

बालपन में महावीर ने हरदम ध्यान लगाया है,
श्रम दिया ऋषिओं ने तुमको ब्रह्म ध्यान लगाया है।
राम रामाधार है, महावीर का वार है,
सच्चे मन से जो कोई ध्यावे, उसका बेड़ा पार है॥

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राम जनम हुआ अयोध्या में कैसा नाच नचाया है,
कहा राम ने लक्ष्मण से यह वानर मन को भाया है।
राम चरण से प्यार है, महावीर का वार है,
सच्चे मन से जो कोई ध्यावे, उसका बेड़ा पार है॥

पंचवटी से माता को जब रावण लेकर आया है,
लंका में जाकर तुमने माता का पता लगाया है।
अक्षय को मारा है, महावीर का वार है,
सच्चे मन से जो कोई ध्यावे, उसका बेडा पार है॥

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मेघनाद ने ब्रह्मपाश में तुमको आन फँसाया है,
ब्रह्मपाश में फंस कर के ब्रह्मा का मान बढ़ाया है।
बजरंगी वाकी मार है, महावीर का वार है,
सच्चे मन से जो कोई ध्यावे, उसका बेड़ा पार है॥

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लंका जलायी आपने जब रावण भी घबराया है,
श्री राम लखन को आकर माँ का सन्देश सुनाया है।
सीता शोक अपार है, महावीर का वार है,
सच्चे मन से जो कोई ध्यावे, उसका बेड़ा पार है॥

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विदेशों में बसे कुछ हिंदू स्वजनों के आग्रह पर आज मंगलवार है महावीर का वार है (Aaj Mangalwar Hai lyrics) भजन को हम रोमन में भी प्रस्तुत कर रहे हैं। हमें आशा है कि वे इससे अवश्य लाभान्वित होंगे। पढ़ें आज मंगलवार है महावीर का वार है भजन रोमन में–

Read Aaj Mangalwar Ha lyrics

āja maṃgalavāra hai, mahāvīra kā vāra hai, yaha saccā darabāra hai।
sacce mana se jo koī dhyāve, usakā beड़ā pāra hai॥

ceta suti pūnama maṃgala kā janama vīra ne pāyā hai,
lāla laṃgoṭa gadā hātha meṃ sara para mukuṭa sajāyā hai।
śaṃkara kā avatāra hai, mahāvīra kā vāra hai,
sacce mana se jo koī dhyāve, usakā beड़ā pāra hai॥

brahmā jī ke brahma-jñāna kā bala bhī tumane pāyā hai,
rāma kāja śiva śaṃkara ne vānara kā rūpa dharāyā hai।
līlā aparama pāra hai, mahāvīra kā vāra hai,
sacce mana se jo koī dhyāve, usakā beड़ā pāra hai॥

bālapana meṃ mahāvīra ne haradama dhyāna lagāyā hai,
śrama diyā ṛṣioṃ ne tumako brahma dhyāna lagāyā hai।
rāma rāmādhāra hai, mahāvīra kā vāra hai,
sacce mana se jo koī dhyāve, usakā beड़ā pāra hai॥

rāma janama huā ayodhyā meṃ kaisā nāca nacāyā hai,
kahā rāma ne lakṣmaṇa se yaha vānara mana ko bhāyā hai।
rāma caraṇa se pyāra hai, mahāvīra kā vāra hai,
sacce mana se jo koī dhyāve, usakā beड़ā pāra hai॥

paṃcavaṭī se mātā ko jaba rāvaṇa lekara āyā hai,
laṃkā meṃ jākara tumane mātā kā patā lagāyā hai।
akṣaya ko mārā hai, mahāvīra kā vāra hai,
sacce mana se jo koī dhyāve, usakā beḍā pāra hai॥

meghanāda ne brahmapāśa meṃ tumako āna pha~sāyā hai,
brahmapāśa meṃ phaṃsa kara ke brahmā kā māna baḍha़āyā hai।
bajaraṃgī vākī māra hai, mahāvīra kā vāra hai,
sacce mana se jo koī dhyāve, usakā beड़ā pāra hai॥

laṃkā jalāyī āpane jaba rāvaṇa bhī ghabarāyā hai,
śrī rāma lakhana ko ākara mā~ kā sandeśa sunāyā hai।
sītā śoka apāra hai, mahāvīra kā vāra hai,
sacce mana se jo koī dhyāve, usakā beड़ā pāra hai॥

जैसा कि स्पष्ट है कि इसका गायन प्रत्येक मंगलवार को किया जाता है, अतः इसे मंगलवार आरती (Mangalwar Aarti), मंगल आरती (Mangal Aarti) और Tuesday Aarti भी कहा जाता है।

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आज रविवार है आज सोमवार है आज बुधवार है
आज गुरुवार है आज शुक्रवार है आज शनिवार है

सन्दीप शाह

सन्दीप शाह दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक हैं। वे तकनीक के माध्यम से हिंदी के प्रचार-प्रसार को लेकर कार्यरत हैं। बचपन से ही जिज्ञासु प्रकृति के रहे सन्दीप तकनीक के नए आयामों को समझने और उनके व्यावहारिक उपयोग को लेकर सदैव उत्सुक रहते हैं। हिंदीपथ के साथ जुड़कर वे तकनीक के माध्यम से हिंदी की उत्तम सामग्री को लोगों तक पहुँचाने के काम में लगे हुए हैं। संदीप का मानना है कि नए माध्यम ही हमें अपनी विरासत के प्रसार में सहायता पहुँचा सकते हैं।

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