कविता

आरम्भ है प्रचण्ड – Aarambh Hai Prachand Lyrics in Hindi

“आरम्भ है प्रचण्ड” 2009  की प्रसिद्ध फ़िल्म गुलाल का गाना है। इसे सुरों से सजाया है राहुल राम ने व संगीतबद्ध किया है पियूष मिश्रा ने। पियूष मिश्रा की क़लम ने जन्म दिया है इन ख़ूबसूरत शब्दों को। फ़िल्म में कृष्ण कुमार मेनन, पीयूष मिश्रा, आयशा मोहन और दीपक डोबरियाल ने महत्वपूर्ण भूमिकाएँ अदा की हैं। पढ़ें आरम्भ है प्रचण्ड के बोल हिंदी में (Aarambh Hai Prachand Lyrics)–

“आरम्भ है प्रचण्ड” लिरिक्स

आरम्भ है प्रचण्ड, बोले मस्तकों के झुंड
आज जंग की घड़ी की तुम गुहार दो
आन बान शान या कि जान का हो दान
आज इक धनुष के बाण पे उतार दो
आरम्भ है प्रचण्ड…

मन करे सो प्राण दे, जो मन करे सो प्राण ले
वही तो एक सर्वशक्तिमान है
कृष्ण की पुकार है, ये भागवत का सार है
कि युद्ध ही तो वीर का प्रमाण है
कौरवों की भीड़ हो या पांडवों का नीड़ हो
जो लड़ सका है वो ही तो महान है
जीत की हवस नहीं, किसी पे कोई वश नहीं
क्या ज़िन्दगी है ठोकरों पे मार दो
मौत अंत है नहीं, तो मौत से भी क्यों डरें
ये जा के आसमान में दहाड़ दो
आरम्भ है प्रचंड…

वो दया का भाव, या कि शौर्य का चुनाव
या कि हार का वो घाव तुम ये सोच लो
या कि पूरे भाल पे जला रहे विजय का लाल
लाल ये गुलाल तुम ये सोच लो
रंग केसरी हो या मृदंग केसरी हो या कि
केसरी हो ताल तुम ये सोच लो
जिस कवि की कल्पना में, ज़िन्दगी हो प्रेम गीत
उस कवि को आज तुम नकार दो
भीगती मसों में आज, फूलती रगों में आज
आग की लपट का तुम बघार दो
आरम्भ है प्रचंड…

गुलाल से जुड़े तथ्य

फिल्मगुलाल
वर्ष2009 
गायक / गायिकाराहुल राम
संगीतकारपियूष मिश्रा
गीतकारपियूष मिश्रा
अभिनेता / अभिनेत्रीकृष्ण कुमार मेनन, पीयूष मिश्रा, आयशा मोहन, दीपक डोबरियाल

विदेशों में जा बसे बहुत से देशवासियों की मांग है कि हम आरम्भ है प्रचण्ड गीत को देवनागरी हिंदी के अतिरिक्त अंग्रेजी / रोमन में भी प्रस्तुत करें ताकि वे भी इस गाने को पढ़ सकें व आनंद ले सकें। पढ़ें Aarambh Hai Prachand रोमन में-

Aarambh Hai Prachand Lyrics in Hindi

ārambha hai pracaṇḍa, bole mastakoṃ ke jhuṃḍa
āja jaṃga kī ghaḍa़ī kī tuma guhāra do
āna bāna śāna yā ki jāna kā ho dāna
āja ika dhanuṣa ke bāṇa pe utāra do
ārambha hai pracaṇḍa…

mana kare so prāṇa de, jo mana kare so prāṇa le
vahī to eka sarvaśaktimāna hai
kṛṣṇa kī pukāra hai, ye bhāgavata kā sāra hai
ki yuddha hī to vīra kā pramāṇa hai
kauravoṃ kī bhīḍa़ ho yā pāṃḍavoṃ kā nīḍa़ ho
jo laḍa़ sakā hai vo hī to mahāna hai
jīta kī havasa nahīṃ, kisī pe koī vaśa nahīṃ
kyā ja़indagī hai ṭhokaroṃ pe māra do
mauta aṃta hai nahīṃ, to mauta se bhī kyoṃ ḍareṃ
ye jā ke āsamāna meṃ dahāḍa़ do
ārambha hai pracaṃḍa…

vo dayā kā bhāva, yā ki śaurya kā cunāva
yā ki hāra kā vo ghāva tuma ye soca lo
yā ki pūre bhāla pe jalā rahe vijaya kā lāla
lāla ye gulāla tuma ye soca lo
raṃga kesarī ho yā mṛdaṃga kesarī ho yā ki
kesarī ho tāla tuma ye soca lo
jisa kavi kī kalpanā meṃ, ja़indagī ho prema gīta
usa kavi ko āja tuma nakāra do
bhīgatī masoṃ meṃ āja, phūlatī ragoṃ meṃ āja
āga kī lapaṭa kā tuma baghāra do
ārambha hai pracaṃḍa…

Facts about the Song

FilmGulaal
Year2009 
SingerRahul Ram
MusicPiyush Mishra
LyricsPiyush Mishra
ActorsKrishna Kumar Menon, Piyush Mishra, Ayesha Mohan, Deepak Dobriyal
https://www.youtube.com/watch?v=5xiN1AGEVSQ

यह भी पढ़ें

कल हो न होहम है इस पल यहाँमेरा दिल ये पुकारे आजावो किसना हैचाहूंगा मैं तुझे सांझ सवेरे लिरिक्सजाने वालो जराराही मनवा दुख की चिंताकोई जब राह न पाएमेरा तो जो भी कदम हैगजाननाहर हर गंगेविघ्नहर्ताबड़ा नटखट है रे कृष्ण कन्हैयागोविंदा आला रे आलायशोदा का नंदलालायशोमती मैया से बोले नंदलालासाथी हाथ बढ़ानानन्हे मुन्ने बच्चे तेरी मुट्ठी में क्या हैऐसा देस है मेरागुड़िया हमसे रूठी रहोगीमां शेरावालिये तेरा शेर आ गयाशिव भोला भंडारीअथ श्री महाभारत कथा गीतसाईनाथ तेरे हज़ारों हाथसाईं बाबा बोलोमुकुंदा मुकुंदा कृष्णा मुकुंदा मुकुंदापल पल दिल के पासतू ही तूगो गो गोविंदामेरे निशानओ पालनहारेहरि बोलरांझा शेरशाहकभी तुम्हें कुछ तो हुआ हैकल हो न होआ जा जाने-जांआजा आई बहारआ गुपचुप गुपचुप प्यार करेंआ गले लग जा मेरे सपने मेरे अपनेआ चल के तुझे मैं लेके चलूंआ भी जाआ अब लौट चलेंआ आ भी जाआदमी जो कहता हैआधी रात को खनक गया मेरा कंगनाआधा है चंद्रमा रात आधीआ री आजा निंदियाआ मेरी जान

सन्दीप शाह

सन्दीप शाह दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक हैं। वे तकनीक के माध्यम से हिंदी के प्रचार-प्रसार को लेकर कार्यरत हैं। बचपन से ही जिज्ञासु प्रकृति के रहे सन्दीप तकनीक के नए आयामों को समझने और उनके व्यावहारिक उपयोग को लेकर सदैव उत्सुक रहते हैं। हिंदीपथ के साथ जुड़कर वे तकनीक के माध्यम से हिंदी की उत्तम सामग्री को लोगों तक पहुँचाने के काम में लगे हुए हैं। संदीप का मानना है कि नए माध्यम ही हमें अपनी विरासत के प्रसार में सहायता पहुँचा सकते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

हिंदी पथ
error: यह सामग्री सुरक्षित है !!
Exit mobile version