कविता

अजीब दास्ताँ है ये – Ajeeb Dastan Hai Ye Lyrics in Hindi

“अजीब दास्ताँ है ये” 1960 की प्रसिद्ध फ़िल्म दिल अपना और प्रीत पराई का गाना है। इसे सुरों से सजाया है लता मंगेशकर ने व संगीतबद्ध किया है शंकर जयकिशन ने। शैलेन्द्र की क़लम ने जन्म दिया है इन ख़ूबसूरत शब्दों को। फ़िल्म में मीना कुमारी, राज कुमार, नादिरा और किशोर साहू ने महत्वपूर्ण भूमिकाएँ अदा की हैं। पढ़ें अजीब दास्ताँ है ये के बोल हिंदी में (Ajeeb Dastan Hai Ye lyrics in Hindi)–

“अजीब दास्ताँ है ये” लिरिक्स

अजीब दास्ताँ है ये
कहाँ शुरू कहाँ ख़तम
ये मंज़िलें है कौन सी
न वो समझ सके न हम
अजीब दास्ताँ है ये…

ये रौशनी के साथ क्यूँ
धुआं उठा चिराग से
ये ख्वाब देखती हूँ मैं
के जग पड़ी हूँ ख्वाब से
अजीब दास्ताँ है ये…

मुबारकें तुम्हें के तुम
किसी के नूर हो गए
किसी के इतने पास हो
के सबसे दूर हो गए
अजीब दास्ताँ है ये…

किसी का प्यार ले के तुम
नया जहां बसाओगे
ये शाम जब भी आएगी
तुम हमको याद आओगे
अजीब दास्ताँ है ये…

दिल अपना और प्रीत पराई से जुड़े तथ्य

फिल्मदिल अपना और प्रीत पराई
वर्ष1960
गायक / गायिकालता मंगेशकर
संगीतकारशंकर जयकिशन
गीतकारशैलेन्द्र
अभिनेता / अभिनेत्रीमीना कुमारी, राज कुमार, नादिरा, किशोर साहू

विदेशों में जा बसे बहुत से देशवासियों की मांग है कि हम अजीब दास्ताँ है ये गीत को देवनागरी हिंदी के अतिरिक्त अंग्रेजी / रोमन में भी प्रस्तुत करें ताकि वे भी इस गाने को पढ़ सकें व आनंद ले सकें। पढ़ें Ajeeb Dastan Hai Ye रोमन में-

Ajeeb Dastan Hai Ye Lyrics in Hindi

ajība dāstā~ hai ye
kahā~ śurū kahā~ kha़tama
ye maṃज़ileṃ hai kauna sī
na vo samajha sake na hama
ajība dāstā~ hai ye…

ye rauśanī ke sātha kyū~
dhuāṃ uṭhā cirāga se
ye khvāba dekhatī hū~ maiṃ
ke jaga paड़ī hū~ khvāba se
ajība dāstā~ hai ye…

mubārakeṃ tumheṃ ke tuma
kisī ke nūra ho gae
kisī ke itane pāsa ho
ke sabase dūra ho gae
ajība dāstā~ hai ye…

kisī kā pyāra le ke tuma
nayā jahāṃ basāoge
ye śāma jaba bhī āegī
tuma hamako yāda āoge
ajība dāstā~ hai ye…

Facts about the Film

FilmDil Apana Aur Preet Parai
Year1960
SingerLata Mangeshkar
MusicShankar Jaikishan
LyricsShailendra
ActorsMeena Kumari, Raaj Kumar, Nadira, Kishore Sahu

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सन्दीप शाह

सन्दीप शाह दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक हैं। वे तकनीक के माध्यम से हिंदी के प्रचार-प्रसार को लेकर कार्यरत हैं। बचपन से ही जिज्ञासु प्रकृति के रहे सन्दीप तकनीक के नए आयामों को समझने और उनके व्यावहारिक उपयोग को लेकर सदैव उत्सुक रहते हैं। हिंदीपथ के साथ जुड़कर वे तकनीक के माध्यम से हिंदी की उत्तम सामग्री को लोगों तक पहुँचाने के काम में लगे हुए हैं। संदीप का मानना है कि नए माध्यम ही हमें अपनी विरासत के प्रसार में सहायता पहुँचा सकते हैं।

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