धर्म

भगवान मुनि सुव्रतनाथ की आरती – Bhagwan Muni Suvratnath Ki Aarti

भगवान मुनि सुव्रतनाथ की आरती इस भवसागर के जन्म मरण के बंधनों से मुक्ति दिलाती है। कहते हैं कि भगवान मुनि सुव्रतनाथ की आरती के श्रवण मात्र से भक्त ऊर्जा से लबरेज़ हो जाते हैं। उनमें लोकहित की भावना जागृत हो जाती है जो जीवन को नई दिशा प्रदान करती है। सांसारिक मोह-माया, लोभ, लालच, गुस्सा और दूसरों के लिए हीन भावना जैसी कमियां भगवान मुनि सुव्रतनाथ की आरती (Bhagwan Muni Suvratnath Ki Aarti) के पठन से दूर होती है। भगवान मुनि सुव्रतनाथ यहाँ पढ़ें–

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मुनिसुव्रत भगवान हैं,
सर्वगुणों की खान हैं।
आरति करते जो भविजन,
क्रम से पाते निर्वाण हैं॥
मुनिसुव्रतनाथ भगवान हैं॥टेक.॥

वीतराग सर्वज्ञ हितंकर,
नील प्रभा के धारी हैं। नील……..
हे हरिवंश शिरोमणि
प्रभुवर, छवि तेरी मनहारी है। छवी……
राजगृही शुभ धाम है,
जन्में श्री भगवान हैं॥आरति….॥१॥

पितु सुमित्र जी पिता तुम्हारे,
सोमादेवी माता हैं। सोमादेवी……
श्रावण वदी द्वितीया तिथि को,
गर्भ बसे जगत्राता हैं॥ गर्भ…….
इन्द्र करें गुणगान हैं,
हुआ गर्भकल्याण है॥आरति….॥२॥

शुभ वैशाख वदी बारस तिथि,
जब जिनवर ने जन्म लिया। जब……
अरु वैशाख वदी दशमी तिथि,
दीक्षा ले वन गमन किया॥ दीक्षा…..
प्रभु महिमा सुखदान है,
जाने सकल जहान है॥आरति….॥३॥

थी वैशाख वदी नवमी,
केवल रवि किरणें प्रकट हुईं। केवल…….
फाल्गुन कृष्ण सुबारस,
गिरि सम्मेदशिखर से मुक्ति मिली॥ सम्मेदशिखर…
तीरथराज महान है,
प्रभु को हुआ निर्वाण है॥आरति….॥४॥

प्रभू आपकी आरति करके,
केवल इक अभिलाष करूँ॥ केवल…….
मुक्तिवधू मिल जावे ‘‘इन्दू’’,
फेर न भव-भव भ्रमण करूँ॥ फेर…
करते जगकल्याण हैं,
पावन पूज्य महान हैं॥आरति….॥५॥

विदेशों में बसे कुछ हिंदू स्वजनों के आग्रह पर भगवान मुनि सुव्रतनाथ की आरती (Bhagwan Muni Suvratnath Ki Aarti) को हम रोमन में भी प्रस्तुत कर रहे हैं। हमें आशा है कि वे इससे अवश्य लाभान्वित होंगे। पढ़ें भगवान मुनि सुव्रतनाथ की आरती रोमन में–

munisuvrata bhagavāna haiṃ,
sarvaguṇoṃ kī khāna haiṃ।
ārati karate jo bhavijana,
krama se pāte nirvāṇa haiṃ॥
munisuvratanātha bhagavāna haiṃ॥ṭeka.॥

vītarāga sarvajña hitaṃkara,
nīla prabhā ke dhārī haiṃ।nīla……..
he harivaṃśa śiromaṇi prabhuvara,
chavi terī manahārī hai।chavī……
rājagṛhī śubha dhāma hai,
janmeṃ śrī bhagavāna haiṃ॥ārati….॥1॥

pitu sumitra jī pitā tumhāre,
somādevī mātā haiṃ।somādevī……
śrāvaṇa vadī dvitīyā tithi ko,
garbha base jagatrātā haiṃ॥ garbha…….
indra kareṃ guṇagāna haiṃ,
huā garbhakalyāṇa hai॥ārati….॥2॥

śubha vaiśākha vadī bārasa tithi,
jaba jinavara ne janma liyā। jaba……
aru vaiśākha vadī daśamī tithi,
dīkṣā le vana gamana kiyā॥dīkṣā…..
prabhu mahimā sukhadāna hai,
jāne sakala jahāna hai॥ārati….॥3॥

thī vaiśākha vadī navamī,
kevala ravi kiraṇeṃ prakaṭa huīṃ।kevala…….
phālguna kṛṣṇa subārasa,
giri sammedaśikhara se mukti milī॥ sammedaśikhara…
tīratharāja mahāna hai,
prabhu ko huā nirvāṇa hai॥ārati….॥4॥

prabhū āpakī ārati karake,
kevala ika abhilāṣa karū~॥kevala…….
muktivadhū mila jāve ‘‘indū’’,
phera na bhava-bhava bhramaṇa karū~॥ phera…
karate jagakalyāṇa haiṃ,
pāvana pūjya mahāna haiṃ॥ārati….॥5॥

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सन्दीप शाह

सन्दीप शाह दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक हैं। वे तकनीक के माध्यम से हिंदी के प्रचार-प्रसार को लेकर कार्यरत हैं। बचपन से ही जिज्ञासु प्रकृति के रहे सन्दीप तकनीक के नए आयामों को समझने और उनके व्यावहारिक उपयोग को लेकर सदैव उत्सुक रहते हैं। हिंदीपथ के साथ जुड़कर वे तकनीक के माध्यम से हिंदी की उत्तम सामग्री को लोगों तक पहुँचाने के काम में लगे हुए हैं। संदीप का मानना है कि नए माध्यम ही हमें अपनी विरासत के प्रसार में सहायता पहुँचा सकते हैं।

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