धर्म

श्रेयांसनाथ आरती – Shreyansnath Aarti

श्रेयांसनाथ आरती (Shreyansnath Aarti) जैन धर्म के ग्यारहवें तीर्थंकर स्वरूप की अर्चना के लिए की जाती हैI कहते हैं जो भी नियमित रूप से श्रेयांसनाथ की आरती करता है उसे सभी सांसारिक कष्टों से मुक्ति मिलती है। श्रेयांसनाथ जी ने हमेशा अपने भक्तों को सत्य का मार्ग दिखाया है। भगवान श्रेयांसनाथ आरती उनके अनुयायियों को अहिंसा, धर्म और न्याय के पथ पर अग्रसर होने की प्रेरणा देती है। मान्यताओं के अनुसार भगवान श्रेयांसनाथ आरती अपने भीतर कोटि-कोटि शक्तियों को समेटे हुए है और इसलिए इसको पढ़ने से सभी बिगड़े काम बनते हैं। भगवान श्रेयांसनाथ की आरती पढ़ें और उनका आशीर्वाद पाएंI

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प्रभु श्रेयांस की आरति कीजे,
भव-भव के पातक हर लीजे ॥टेक.॥

स्वर्ण वर्णमय प्रभा निराली,
मूर्ति तुम्हारी है मनहारी ॥१॥
प्रभु श्रेयांस की आरति कीजे…

सिंहपुरी में जब तुम जन्में,
सुरगण जन्मकल्याणक करते ॥२॥
प्रभु श्रेयांस की आरति कीजे…

विष्णुमित्र पितु, नन्दा माता,
नगरी में भी आनन्द छाता ॥३॥
प्रभु श्रेयांस की आरति कीजे…

फाल्गुन वदि ग्यारस शुभ तिथि थी,
जब प्रभुवर ने दीक्षा ली थी ॥४॥
प्रभु श्रेयांस की आरति कीजे…

माघ कृष्ण मावस को स्वामी
कहलाए थे केवलज्ञानी ॥५॥
प्रभु श्रेयांस की आरति कीजे…

श्रावण सुदी पूर्णिमा आई,
यम जीता शिवपदवी पाई ॥६॥
प्रभु श्रेयांस की आरति कीजे…

श्रेय मार्ग के दाता तुम हो,
जजे ‘‘चंदनामति’’ शिवगति दो ॥७॥
प्रभु श्रेयांस की आरति कीजे…

विदेशों में बसे कुछ हिंदू स्वजनों के आग्रह पर श्रेयांसनाथ आरती (Shreyansnath Aarti) को हम रोमन में भी प्रस्तुत कर रहे हैं। हमें आशा है कि वे इससे अवश्य लाभान्वित होंगे। पढ़ें श्रेयांसनाथ की आरती रोमन में–

prabhu śreyāṃsa kī ārati kīje,
bhava-bhava ke pātaka hara līje ॥ṭeka.॥

svarṇa varṇamaya prabhā nirālī,
mūrti tumhārī hai manahārī ॥1॥
prabhu śreyāṃsa kī ārati kīje…

siṃhapurī meṃ jaba tuma janmeṃ,
suragaṇa janmakalyāṇaka karate ॥2॥
prabhu śreyāṃsa kī ārati kīje…

viṣṇumitra pitu, nandā mātā,
nagarī meṃ bhī ānanda chātā ॥3॥
prabhu śreyāṃsa kī ārati kīje…

phālguna vadi gyārasa śubha tithi thī,
jaba prabhuvara ne dīkṣā lī thī ॥4॥
prabhu śreyāṃsa kī ārati kīje…

māgha kṛṣṇa māvasa ko svāmī
kahalāe the kevalajñānī ॥5॥
prabhu śreyāṃsa kī ārati kīje…

śrāvaṇa sudī pūrṇimā āī,
yama jītā śivapadavī pāī ॥6॥
prabhu śreyāṃsa kī ārati kīje…

śreya mārga ke dātā tuma ho,
jaje ‘‘caṃdanāmati’’ śivagati do ॥7॥
prabhu śreyāṃsa kī ārati kīje…

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सन्दीप शाह

सन्दीप शाह दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक हैं। वे तकनीक के माध्यम से हिंदी के प्रचार-प्रसार को लेकर कार्यरत हैं। बचपन से ही जिज्ञासु प्रकृति के रहे सन्दीप तकनीक के नए आयामों को समझने और उनके व्यावहारिक उपयोग को लेकर सदैव उत्सुक रहते हैं। हिंदीपथ के साथ जुड़कर वे तकनीक के माध्यम से हिंदी की उत्तम सामग्री को लोगों तक पहुँचाने के काम में लगे हुए हैं। संदीप का मानना है कि नए माध्यम ही हमें अपनी विरासत के प्रसार में सहायता पहुँचा सकते हैं।

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