स्वामीजी से कुछ लोगों का संन्यास-दीक्षाग्रहण – विवेकानंद जी के संग मे
मठ में स्वामीजी से कुछ लोगों का संन्यास-दीक्षाग्रहण -संन्यास धर्म विषय पर स्वामीजी का उपदेश – त्याग ही मनुष्यजीवन का उद्देश्य आदि।
Read Moreस्वामी विवेकानंद का संपूर्ण साहित्य
मठ में स्वामीजी से कुछ लोगों का संन्यास-दीक्षाग्रहण -संन्यास धर्म विषय पर स्वामीजी का उपदेश – त्याग ही मनुष्यजीवन का उद्देश्य आदि।
Read Moreस्वामीजी का शिष्य को ऋग्वेद पढ़ाना – पण्डित मैक्समूलरके सम्बन्ध में स्वामीजी का अद्भुत विश्वास – ‘शब्द’ पदका प्राचीन अर्थ आदि।
Read Moreश्रीरामकृष्ण के भक्तों को बुलाकर स्वामीजी के द्वारा कलकत्ते में रामकृष्ण मिशन समिति का संगठन – श्रीरामकृष्ण को स्वामीजी किस भावसे देखते थे।
Read Moreस्वामीजी को भोजन कराना – ध्यान के स्वरूप और अवलम्बन चर्चा – अवस्था में किसी प्रकार की वासना से परिचालित होने पर ब्रह्मज्ञान का लाभ न होना आदि।
Read Moreस्त्रीशिक्षा के सम्बन्ध में स्वामीजी का मत – महाकाली पाठशालाका परिदर्शन और प्रशंसा – शिक्षा के प्रभावसे लोग बुरे नियमों को स्वयं छोड़ देंगे।
Read Moreस्वामीजी का शिष्य को दीक्षादान – दीक्षा से पूर्व प्रश्न – जिससे अपना मोक्ष और जगत् केकल्याणचिन्तन में मन को सर्वदा मग्न रख सके वही दीक्षा आदि।
Read Moreदक्षिणेश्वर में श्रीरामकृष्ण का अन्तिम जन्मोत्सव – किसी भी नवीन सम्प्रदाय का गठन नकरना ही स्वामीजी के धर्मप्रचार का उद्देश्य आदि।
Read Moreपवहारी बाबा के प्रति स्वामी विवेकानंद की बड़ी श्रद्धा और निष्ठा थी। बाबा पर लिखे स्वामीजी के इस अंग्रेज़ी ग्रंथ का हिंदी में अनुवाद पढ़ें।
Read More“विवेकानंद जी के संग में” पुस्तक स्वामी जी के शिष्य श्री शरच्चन्द्र चक्रवर्ती के साथ उनके संवादों का संग्रह है।
Read Moreनवगोपाल बाबू के भवन में श्रीरामकृष्ण की मूर्ति की प्रतिष्ठा – स्वामीजी की दीनता – नवगोपाल बाबू की सपरिवार श्रीरामकृष्ण में भक्ति आदि।
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