गुरु और शिष्य के लक्षण – स्वामी विवेकानंद (भक्तियोग)
“गुरु और शिष्य के लक्षण” नामक यह अध्याय स्वामी विवेकानंद की प्रसिद्ध किताब भक्तियोग से लिया गया है। इसमें स्वामी
Read Moreस्वामी विवेकानंद का संपूर्ण साहित्य
“गुरु और शिष्य के लक्षण” नामक यह अध्याय स्वामी विवेकानंद की प्रसिद्ध किताब भक्तियोग से लिया गया है। इसमें स्वामी
Read More“गुरु की आवश्यकता” नामक यह अध्याय स्वामी विवेकानंद की प्रसिद्ध पुस्तक भक्ति योग से लिया गया है। आध्यात्मिक जीवन में
Read More“भक्तियोग का ध्येय प्रत्यक्षानुभूति” नामक यह अध्याय स्वामी विवेकानंद की प्रसिद्ध पुस्तक भक्ति योग से लिया गया है। इसमें स्वामी
Read More“ईश्वर का स्वरूप” नामक स्वामी विवेकानंद कृत भक्ति योग का यह तीसरा अध्याय है। इसमें स्वामी जी बता रहे हैं
Read More“भक्ति के लक्षण” नामक यह अध्याय स्वामी विवेकानंद की प्रसिद्ध पुस्तक भक्ति योग का द्वितीय अध्याय है। भक्ति की साधना
Read More“प्रार्थना” नामक यह अध्याय स्वामी विवेकानंद की प्रसिद्ध पुस्तक भक्ति योग का प्रथम अध्याय है। इसमें श्वेताश्वतर उपनिषद के दो
Read Moreभक्तियोग स्वामी विवेकानंद की अद्भुत कृति है। इसमें स्वामी जी ने भक्ति मार्ग का विवेचन किया है और बताया है
Read More“दैवी प्रेम की मानवी विवेचना” नामक यह अध्याय स्वामी विवेकानंद की प्रसिद्ध पुस्तक भक्ति योग से लिया गया है। इसमें
Read More“संन्यासी का गीत” नामक यह कविता स्वामी विवेकानंद ने न्यू यॉर्क में जुलाई 1895 में लिखी थी। इस कविता में
Read More“आत्मा : उसके बन्धन तथा मुक्ति” नामक यह व्याख्यान स्वामी विवेकानंद ने अमेरिका में दिया था। यह भाषण उनकी विख्यात
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