कविता

दिल से रे – Dil Se Re Lyrics in Hindi

“दिल से रे” 1998 की प्रसिद्ध फ़िल्म दिल से का गाना है। इसे सुरों से सजाया है ए.आर.रहमान ने व संगीतबद्ध किया है ए.आर.रहमान ने। गुलज़ार की क़लम ने जन्म दिया है इन ख़ूबसूरत शब्दों को। फ़िल्म में शाहरुख खान, मनीषा कोइराला, प्रीति ज़िंटा और संजय मिश्रा ने महत्वपूर्ण भूमिकाएँ अदा की हैं। पढ़ें दिल से रे के बोल हिंदी में (Dil Se Re Song)–

“दिल से रे” लिरिक्स

इक सूरज निकला था
कुछ तारा पिघला था
इक आँधी आयी थी
जब दिल से आह निकली थी
दिल से रे

दिल तो आखिर दिल है ना
मीठी सी मुश्किल है ना
पिया पिया, पिया पिया ना पिया
जिया जिया, जिया जिया ना जिया
दिल से रे…

दो पत्ते पतझड़ के पेड़ों से उतरे थे
पेड़ों की शाखों से उतरे थे
फिर कितने मौसम गुज़रे, वो पत्ते दो बेचारे
फिर उगने की चाहत में, वो सहराओं से गुज़रे
वो पत्ते दिल-दिल-दिल थे, वो दिल थे, दिल-दिल थे
दिल है तो फिर दर्द होगा, दर्द है तो दिल भी होगा
मौसम गुज़रते रहते हैं
दिल है तो फिर दर्द होगा, दर्द है तो दिल भी होगा
दिल से, दिल से, दिल से, दिल से रे
दिल तो आखिर…

बन्धन है रिश्तों में, काँटों की तारें हैं
पत्थर के दरवाज़े, दीवारें
बेलें फिर भी उगती हैं और गुँचे भी खिलते हैं
और चलते हैं अफ़साने, किरदार भी मिलते हैं
वो रिश्ते दिल-दिल-दिल थे, वो दिल थे, दिल-दिल थे
ग़म दिल के बस चुलबुले हैं, पानी के ये बुलबुले हैं
बुझते ही बनते रहते हैं
दिल से, दिल से, दिल से, दिल से रे

दिल से से जुड़े तथ्य

फिल्मदिल से
वर्ष1998
गायक / गायिकाए.आर.रहमान
संगीतकारए.आर.रहमान
गीतकारगुलज़ार
अभिनेता / अभिनेत्रीशाहरुख खान, मनीषा कोइराला, प्रीति ज़िंटा, संजय मिश्रा

विदेशों में जा बसे बहुत से देशवासियों की मांग है कि हम दिल से रे गीत को देवनागरी हिंदी के अतिरिक्त अंग्रेजी / रोमन में भी प्रस्तुत करें ताकि वे भी इस गाने को पढ़ सकें व आनंद ले सकें। पढ़ें Dil Se Re रोमन में-

Dil Se Re Lyrics in Hindi

ika sūraja nikalā thā
kucha tārā pighalā thā
ika ā~dhī āyī thī
jaba dila se āha nikalī thī
dila se re

dila to ākhira dila hai nā
mīṭhī sī muśkila hai nā
piyā piyā, piyā piyā nā piyā
jiyā jiyā, jiyā jiyā nā jiyā
dila se re…

do patte patajhaḍa़ ke peḍa़oṃ se utare the
peḍa़oṃ kī śākhoṃ se utare the
phira kitane mausama guja़re, vo patte do becāre
phira ugane kī cāhata meṃ, vo saharāoṃ se guja़re
vo patte dila-dila-dila the, vo dila the, dila-dila the
dila hai to phira darda hogā, darda hai to dila bhī hogā
mausama guja़rate rahate haiṃ
dila hai to phira darda hogā, darda hai to dila bhī hogā
dila se, dila se, dila se, dila se re
dila to ākhira…

bandhana hai riśtoṃ meṃ, kā~ṭoṃ kī tāreṃ haiṃ
patthara ke daravāja़e, dīvāreṃ
beleṃ phira bhī ugatī haiṃ aura gu~ce bhī khilate haiṃ
aura calate haiṃ apha़sāne, kiradāra bhī milate haiṃ
vo riśte dila-dila-dila the, vo dila the, dila-dila the
ga़ma dila ke basa culabule haiṃ, pānī ke ye bulabule haiṃ
bujhate hī banate rahate haiṃ
dila se, dila se, dila se, dila se re

Facts about the Song

FilmDil Se
Year1998
SingerA.R. Rahman
MusicA.R. Rahman
LyricsGulzar
ActorsShahrukh Khan, Manisha Koirala, Preity Zinta, Sanjay Mishra

यह भी पढ़ें

ये देश है वीर जवानों कामेरा रंग दे बसंतीहर करम अपना करेंगेमेरा मुल्क मेरा देशमाँ तुझे सलामभारत माता की आरतीकल हो न होहम है इस पल यहाँमेरा दिल ये पुकारे आजावो किसना हैचाहूंगा मैं तुझे सांझ सवेरे लिरिक्सजाने वालो जराराही मनवा दुख की चिंताकोई जब राह न पाएमेरा तो जो भी कदम हैगजाननाहर हर गंगेविघ्नहर्ताबड़ा नटखट है रे कृष्ण कन्हैयागोविंदा आला रे आलायशोदा का नंदलालायशोमती मैया से बोले नंदलालासाथी हाथ बढ़ानानन्हे मुन्ने बच्चे तेरी मुट्ठी में क्या हैऐसा देस है मेरागुड़िया हमसे रूठी रहोगीमां शेरावालिये तेरा शेर आ गयाशिव भोला भंडारीअथ श्री महाभारत कथा गीतसाईनाथ तेरे हज़ारों हाथसाईं बाबा बोलोमुकुंदा मुकुंदा कृष्णा मुकुंदा मुकुंदापल पल दिल के पासतू ही तूगो गो गोविंदामेरे निशानओ पालनहारेहरि बोलरांझा शेरशाहकभी तुम्हें कुछ तो हुआ हैकल हो न होआ जा जाने-जांआजा आई बहारआ गुपचुप गुपचुप प्यार करेंआ गले लग जा मेरे सपने मेरे अपनेआ चल के तुझे मैं लेके चलूंआ भी जाआ अब लौट चलेंआ आ भी जाआदमी जो कहता हैआधी रात को

सन्दीप शाह

सन्दीप शाह दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक हैं। वे तकनीक के माध्यम से हिंदी के प्रचार-प्रसार को लेकर कार्यरत हैं। बचपन से ही जिज्ञासु प्रकृति के रहे सन्दीप तकनीक के नए आयामों को समझने और उनके व्यावहारिक उपयोग को लेकर सदैव उत्सुक रहते हैं। हिंदीपथ के साथ जुड़कर वे तकनीक के माध्यम से हिंदी की उत्तम सामग्री को लोगों तक पहुँचाने के काम में लगे हुए हैं। संदीप का मानना है कि नए माध्यम ही हमें अपनी विरासत के प्रसार में सहायता पहुँचा सकते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

हिंदी पथ
error: यह सामग्री सुरक्षित है !!
Exit mobile version