धर्म

गंगा मैया में जब तक – Ganga Maiya Me Jab Tak Lyrics

मैया, ओ गंगा मैया,
ओ गंगा मैयां में,
गंगा मैया में ज़ब तक ये पानी रहे,
मेरे सजना तेरी जिन्दगानी रहे,
जिंदगानी रहे,
मैया, ओ गंगा मैया।

मेरे जीवन की ओरे खिवैयाँ,
तेरे हाथों में है मेरी नैयाँ,
दुनियाँ कुछ भी कहे,
भले कहती रहे,
मेरी पूजा तेरी ही दीवानी रहे,
दीवानी रहे,
मैया, ओ गंगा मैया।

आग अगनी के फेरे लगा कर,
याद बीते दीनो की जलाकर,
आई में तेरे द्वार,
लिए मन का संसार,
मेरे होंटो पे तेरी कहानी रहे,
कहानी रहे,
मैया, ओ गंगा मैया।

छुपी नारी के मन में वो सीता,
जिसका जीवन अंगारों पे बीता,
मेरे जीवन के राम,
मेरे माथे पे तेरी निशानी रहें,
निशानी रहे,
मैया, ओ गंगा मैया।

मैया, ओ गंगा मैया,
ओ गंगा मैयां में,
गंगा मैया में ज़ब तक ये पानी रहे,
मेरे सजना तेरी जिन्दगानी रहे,
जिंदगानी रहे,
मैया, ओ गंगा मैया।

विदेशों में बसे कुछ हिंदू स्वजनों के आग्रह पर हम गंगा मैया में जब तक (Ganga Maiya Me Jab Tak) भजन को हम रोमन में भी प्रस्तुत कर रहे हैं। हमें आशा है कि वे इससे अवश्य लाभान्वित होंगे। पढ़ें यह गंगा माता भजन रोमन में–

Read Ganga Maiya Me Jab Tak Paani Rahe Lyrics

maiyā, o gaṃgā maiyā,
o gaṃgā maiyāṃ meṃ,
gaṃgā maiyā meṃ ज़ba taka ye pānī rahe,
mere sajanā terī jindagānī rahe,
jiṃdagānī rahe,
maiyā, o gaṃgā maiyā।

mere jīvana kī ore khivaiyā~,
tere hāthoṃ meṃ hai merī naiyā~,
duniyā~ kucha bhī kahe,
bhale kahatī rahe,
merī pūjā terī hī dīvānī rahe,
dīvānī rahe,
maiyā, o gaṃgā maiyā।

āga aganī ke phere lagā kara,
yāda bīte dīno kī jalākara,
āī meṃ tere dvāra,
lie mana kā saṃsāra,
mere hoṃṭo pe terī kahānī rahe,
kahānī rahe,
maiyā, o gaṃgā maiyā।

chupī nārī ke mana meṃ vo sītā,
jisakā jīvana aṃgāroṃ pe bītā,
mere jīvana ke rāma,
mere māthe pe terī niśānī raheṃ,
niśānī rahe,
maiyā, o gaṃgā maiyā।

maiyā, o gaṃgā maiyā,
o gaṃgā maiyāṃ meṃ,
gaṃgā maiyā meṃ ज़ba taka ye pānī rahe,
mere sajanā terī jindagānī rahe,
jiṃdagānī rahe,
maiyā, o gaṃgā maiyā।

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सन्दीप शाह

सन्दीप शाह दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक हैं। वे तकनीक के माध्यम से हिंदी के प्रचार-प्रसार को लेकर कार्यरत हैं। बचपन से ही जिज्ञासु प्रकृति के रहे सन्दीप तकनीक के नए आयामों को समझने और उनके व्यावहारिक उपयोग को लेकर सदैव उत्सुक रहते हैं। हिंदीपथ के साथ जुड़कर वे तकनीक के माध्यम से हिंदी की उत्तम सामग्री को लोगों तक पहुँचाने के काम में लगे हुए हैं। संदीप का मानना है कि नए माध्यम ही हमें अपनी विरासत के प्रसार में सहायता पहुँचा सकते हैं।

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