धर्म

हनुमत बीसा – Read Hanumat Bisa

“हनुमान बीसा” के नाम से ही स्पष्ट है कि इसमें बीस चौपाइयाँ हैं। कहते हैं कि हनुमत बीसा (Hanumat Bisa) के पाठ से हनुमान जी महाराज शीघ्र ही प्रसन्न हो जाते हैं। जो भी सच्चे मन से हनुमान बीसा को नित्य पढ़ता है, श्री बजरंगबली उसकी सभी कठिनाइयों को शीघ्रातिशीघ्र दूर कर देते हैं तथा उसकी व्याधियों का पूर्णतः नाश कर देते हैं। ऐसे भक्त के सर पर प्रभु श्री राम के अनन्य भक्त हनुमान जी हाथ सर्वदा बना रहता है। हनुमान चालीसा, बजरंग बाण, हनुमान बाहुक और हनुमान अष्टक की ही तरह हनुमान बीसा (Hanuman Bisa) भी बहुत ही जन-प्रिय रचना है जो चमत्कारी प्रभाव दिखाने के लिए जानी जाती है। चाहे इहलोक का समस्त वैभव हो या किसी समस्या का हल, सबकी कुंजी है इस हनुमंत बीसा में। श्री राम भी बिना हनुमान जी की कृपा के बिना नहीं मिलते हैं, अतः इस छोटे से स्तोत्र का पाठ सरलता से उनकी कृपा दिला देता है। इसकी रचना श्री यशपाल जी ने की थी जो हनुमानजी के बहुत बड़े भक्त थे। पढ़ें हनुमान बीसा और पाएँ हनुमान जी की अपरिमित कृपा–

“हनुमत बीसा” पढ़ें

॥ दोहा ॥
राम भक्त विनती करूँ, सुन लो मेरी बात।
दया करो कुछ मेहर उपाओ, सिर पर रखो हाथ॥

॥ चौपाई ॥
जय हनुमन्त, जय तेरा बीसा,
कालनेमि को जैसे खींचा ॥१॥

करुणा पर दो कान हमारो,
शत्रु हमारे तत्क्षण मारो ॥२॥

राम भक्त जय जय हनुमन्ता,
लंका को थे किये विध्वंसा ॥३॥

सीता खोज खबर तुम लाए,
अजर अमर के आशीष पाए ॥४॥

लक्ष्मण प्राण विधाता हो तुम,
राम के अतिशय पासा हो तुम ॥५॥

जिस पर होते तुम अनुकूला,
वह रहता पतझड़ में फूला ॥६॥

राम भक्त तुम मेरी आशा,
तुम्हें ध्याऊँ मैं दिन राता ॥७॥

आकर मेरे काज संवारो,
शत्रु हमारे तत्क्षण मारो ॥८॥

तुम्हरी दया से हम चलते हैं,
लोग न जाने क्यों जलते हैं ॥९॥

भक्त जनों के संकट टारे,
राम द्वार के हो रखवारे ॥१०॥

मेरे संकट दूर हटा दो,
द्विविधा मेरी तुरन्त मिटा दो ॥११॥

रुद्रावतार हो मेरे स्वामी,
तुम्हरे जैसा कोई नाहीं ॥१२॥

ॐ हनु हनु हनुमन्त का बीसा,
बैरिहु मारु जगत के क्लेशा ॥१३॥

तुम्हरो नाम जहाँ पढ़ जावे,
बैरि व्याधि न नेरे आवे ॥१४॥

तुम्हरा नाम जगत सुखदाता,
खुल जाता है राम दरवाजा ॥१५॥

संकट मोचन प्रभु हमारो,
भूत प्रेत पिशाच को मारो ॥१६॥

अंजनी पुत्र नाम हनुमन्ता,
सर्व जगत बजता है डंका ॥१७॥

सर्व व्याधि नष्ट जो जावे,
हनुमद् बीसा जो कह पावे ॥१८॥

संकट एक न रहता उसको,
हं हं हनुमत कहता नर जो ॥१९॥

ह्रीं हनुमते नमः जो कहता,
उससे तो दुःख दूर ही रहता ॥२०॥

॥ दोहा ॥
मेरे राम भक्त हनुमन्ता, कर दो बेड़ा पार।
हूँ दीन मलीन कुलीन बड़ा, कर लो मुझे स्वीकार॥

राम लषन सीता सहित, करो मेरा कल्याण।
ताप हरो तुम मेरे स्वामी, बना रहे सम्मान॥

प्रभु राम जी माता जानकी जी, सदा हों सहाई।
संकट पड़ा यशपाल पे, तभी आवाज लगाई॥

॥ इति श्रीमद् हनुमान बीसा श्री यशपाल जी कृत समाप्तम् ॥

विदेशों में बसे कुछ हिंदू स्वजनों के आग्रह पर हनुमान बीसा को हम रोमन में भी प्रस्तुत कर रहे हैं। हमें आशा है कि वे इससे अवश्य लाभान्वित होंगे। पढ़ें यह स्तोत्र रोमन में–

Read Hanumat Bisa

॥ dohā ॥
rāma bhakta vinatī karū~, suna lo merī bāta।
dayā karo kucha mehara upāo, sira para rakho hātha॥

॥ caupāī ॥
jaya hanumanta, jaya terā bīsā,
kālanemi ko jaise khīṃcā ॥1॥

karuṇā para do kāna hamāro,
śatru hamāre tatkṣaṇa māro ॥2॥

rāma bhakta jaya jaya hanumantā,
laṃkā ko the kiye vidhvaṃsā ॥3॥

sītā khoja khabara tuma lāe,
ajara amara ke āśīṣa pāe ॥4॥

lakṣmaṇa prāṇa vidhātā ho tuma,
rāma ke atiśaya pāsā ho tuma ॥5॥

jisa para hote tuma anukūlā,
vaha rahatā patajhaḍa़ meṃ phūlā ॥6॥

rāma bhakta tuma merī āśā,
tumheṃ dhyāū~ maiṃ dina rātā ॥7॥

ākara mere kāja saṃvāro,
śatru hamāre tatkṣaṇa māro ॥8॥

tumharī dayā se hama calate haiṃ,
loga na jāne kyoṃ jalate haiṃ ॥9॥

bhakta janoṃ ke saṃkaṭa ṭāre,
rāma dvāra ke ho rakhavāre ॥10॥

mere saṃkaṭa dūra haṭā do,
dvividhā merī turanta miṭā do ॥11॥

rudrāvatāra ho mere svāmī,
tumhare jaisā koī nāhīṃ ॥12॥

oṃ hanu hanu hanumanta kā bīsā,
bairihu māru jagata ke kleśā ॥13॥

tumharo nāma jahā~ paḍha़ jāve,
bairi vyādhi na nere āve ॥14॥

tumharā nāma jagata sukhadātā,
khula jātā hai rāma daravājā ॥15॥

saṃkaṭa mocana prabhu hamāro,
bhūta preta piśāca ko māro ॥16॥

aṃjanī putra nāma hanumantā,
sarva jagata bajatā hai ḍaṃkā ॥17॥

sarva vyādhi naṣṭa jo jāve,
hanumad bīsā jo kaha pāve ॥18॥

saṃkaṭa eka na rahatā usako,
haṃ haṃ hanumata kahatā nara jo ॥19॥

hrīṃ hanumate namaḥ jo kahatā,
usase to duḥkha dūra hī rahatā ॥20॥

॥ dohā ॥
mere rāma bhakta hanumantā, kara do beḍa़ā pāra।
hū~ dīna malīna kulīna baḍa़ā, kara lo mujhe svīkāra॥

rāma laṣana sītā sahita, karo merā kalyāṇa।
tāpa haro tuma mere svāmī, banā rahe sammāna॥

prabhu rāma jī mātā jānakī jī, sadā hoṃ sahāī।
saṃkaṭa paḍa़ā yaśapāla pe, tabhī āvāja lagāī॥

॥ iti śrīmad hanumāna bīsā śrī yaśapāla jī kṛta samāptam ॥

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सन्दीप शाह

सन्दीप शाह दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक हैं। वे तकनीक के माध्यम से हिंदी के प्रचार-प्रसार को लेकर कार्यरत हैं। बचपन से ही जिज्ञासु प्रकृति के रहे सन्दीप तकनीक के नए आयामों को समझने और उनके व्यावहारिक उपयोग को लेकर सदैव उत्सुक रहते हैं। हिंदीपथ के साथ जुड़कर वे तकनीक के माध्यम से हिंदी की उत्तम सामग्री को लोगों तक पहुँचाने के काम में लगे हुए हैं। संदीप का मानना है कि नए माध्यम ही हमें अपनी विरासत के प्रसार में सहायता पहुँचा सकते हैं।

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