धर्म

हर हर शंभु – Har Har Shambhu Lyrics – Jubin Nautiyal

पढ़ें “हर हर शंभु” लिरिक्स

हरि ॐ त्र्य॑म्बकं यजामहे
सु॒गन्धिं॑ पुष्टि॒वर्ध॑नम्
उ॒र्वा॒रु॒कमि॑व॒ बन्ध॑नान्
मृ॒त्योर्मु॑क्षीय॒ माऽमृता॑॑त्
ॐ हरि ॐ हरि ॐ हरि ॐ

चंद्रमा ललाट जागे
जटाओं में गंगा सोई
तेरे जैसा आदि योगी
हुआ है ना होगा कोई

चंद्रमा ललाट जागे
जटाओं में गंगा सोई
तेरे जैसा आदि योगी
हुआ है ना होगा कोई

बाबा इतना सरल तू
हर प्रार्थना का फल तू
मेरे भोले संभु
हर हर संभू
निर्बलों का है बल तू

है माटी के दिये हम तो
हवा से कैसे टकराते
तेरे हाथों ने गहरा है
नहीं तो कबके बुझ जाते

है माटी के दिये हम तो
हवा से कैसे टकराते
तेरे हाथों ने गहरा है
नहीं तो कबके बुझ जाते

दुख के सिल्बतें आई
जब हमारे माथे पर
कोई ढूंढा शिवाला
और झुक दिया है सर

धड़कनो से आती है
अब कहां धुंआ कोई
आठो पहर सीने में
गुंजता है हर हर हर

बाबा दर्शन तू नयन तू
बाबा रत्नों का रतन तू
मेरे भोले संभु
हर हर संभू
निर्धनो का है धन तू

तेरे पैग में ना झुकते तो
उठ के सर ना जी पाते
तेरे बिन कोन है मौत में
भी जो मेघ बरसा दे

है माटी के दिये हम तो
हवा से कैसे टकराते
तेरे हाथों ने गहरा है
नहीं तो कबके बुझ जाते

दानियों का दानी है तू
सारी सृष्टि याचक है
नाथ बेह यूज़ है किसका
जो तेरा उपासक है

आते जाते रहते हैं
धूप छाँव से नहाएँ
तू पिता है तेरी करुणा
जन्म से चिता तक है

बाबा जीवन तू मरण तू
बाबा ममता की छुअन तू
मेरे भोले संभु
हर हर संभू
सब सुखों का कारण तू

कोई गिना नहीं जग में
कर्म तेरे जो गिनावा दे
सुन अंदर सिहयी होता तो
तेरे उपकार लिख पाते

है माटी के दिये हम तो
हवा से कैसे टकराते
तेरे हाथों ने गहरा है
नहीं तो कबके बुझ जाते

है माटी के दिये हम तो
हवा से कैसे टकराते
तेरे हाथों ने गहरा है
नहीं तो कबके बुझ जाते

विदेशों में बसे कुछ हिंदू स्वजनों के आग्रह पर हम हर हर शंभु भजन को रोमन में भी प्रस्तुत कर रहे हैं। हमें आशा है कि वे इससे अवश्य लाभान्वित होंगे। पढ़ें यह शिव भजन रोमन में–

Read Har Har Shambhu Lyrics

hari oṃ trya॑mbakaṃ yajāmahe
su॒gandhiṃ॑ puṣṭi॒vardha॑nam
u॒rvā॒ru॒kami॑va॒ bandha॑nān
mṛ॒tyormu॑kṣīya॒ mā’mṛtā॑॑t
oṃ hari oṃ hari oṃ hari oṃ

caṃdramā lalāṭa jāge
jaṭāoṃ meṃ gaṃgā soī
tere jaisā ādi yogī
huā hai nā hogā koī

caṃdramā lalāṭa jāge
jaṭāoṃ meṃ gaṃgā soī
tere jaisā ādi yogī
huā hai nā hogā koī

bābā itanā sarala tū
hara prārthanā kā phala tū
mere bhole saṃbhu
hara hara saṃbhū
nirbaloṃ kā hai bala tū

hai māṭī ke diye hama to
havā se kaise ṭakarāte
tere hāthoṃ ne gaharā hai
nahīṃ to kabake bujha jāte

hai māṭī ke diye hama to
havā se kaise ṭakarāte
tere hāthoṃ ne gaharā hai
nahīṃ to kabake bujha jāte

dukha ke silbateṃ āī
jaba hamāre māthe para
koī ḍhūṃḍhā śivālā
aura jhuka diyā hai sara

dhaḍa़kano se ātī hai
aba kahāṃ dhuṃā koī
āṭho pahara sīne meṃ
guṃjatā hai hara hara hara

bābā darśana tū nayana tū
bābā ratnoṃ kā ratana tū
mere bhole saṃbhu
hara hara saṃbhū
nirdhano kā hai dhana tū

tere paiga meṃ nā jhukate to
uṭha ke sara nā jī pāte
tere bina kona hai mauta meṃ
bhī jo megha barasā de

hai māṭī ke diye hama to
havā se kaise ṭakarāte
tere hāthoṃ ne gaharā hai
nahīṃ to kabake bujha jāte

dāniyoṃ kā dānī hai tū
sārī sṛṣṭi yācaka hai
nātha beha yūja़ hai kisakā
jo terā upāsaka hai

āte jāte rahate haiṃ
dhūpa chā~va se nahāe~
tū pitā hai terī karuṇā
janma se citā taka hai

bābā jīvana tū maraṇa tū
bābā mamatā kī chuana tū
mere bhole saṃbhu
hara hara saṃbhū
saba sukhoṃ kā kāraṇa tū

koī ginā nahīṃ jaga meṃ
karma tere jo gināvā de
suna aṃdara sihayī hotā to
tere upakāra likha pāte

hai māṭī ke diye hama to
havā se kaise ṭakarāte
tere hāthoṃ ne gaharā hai
nahīṃ to kabake bujha jāte

hai māṭī ke diye hama to
havā se kaise ṭakarāte
tere hāthoṃ ne gaharā hai
nahīṃ to kabake bujha jāte

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सात वर्ष की छोटी आयु से ही साहित्य में रुचि रखने वालीं सुरभि भदौरिया एक डिजिटल मार्केटिंग एजेंसी चलाती हैं। अपने स्वर्गवासी दादा से प्राप्त साहित्यिक संस्कारों को पल्लवित करते हुए उन्होंने हिंदीपथ.कॉम की नींव डाली है, जिसका उद्देश्य हिन्दी की उत्तम सामग्री को जन-जन तक पहुँचाना है। सुरभि की दिलचस्पी का व्यापक दायरा काव्य, कहानी, नाटक, इतिहास, धर्म और उपन्यास आदि को समाहित किए हुए है। वे हिंदीपथ को निरन्तर नई ऊँचाइंयों पर पहुँचाने में सतत लगी हुई हैं।

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