कविता

हेरी सखी मंगल गाओ री – Heri Sakhi Mangal Gao Ri Lyrics

पढ़ें “हेरी सखी मंगल गाओ री” लिरिक्स

चोख पुरावो, माटी रंगावो,
आज मेरे पिया घर आवेंगे

खबर सुनाऊ जो,
खुशी ये बताऊँ जो,
आज मेरे पिया घर आवेंगे॥

हेरी/ओरी सखी मंगल गावो री,
धरती अम्बर सजाओ री,
उतरेगी आज मेरे पिया की सवारी,
हेरी कोई काजल लाओ री,
मोहे काला टीका लगाओ री,
उनकी छब से दिखूं में तो प्यारी,
लक्ष्मी जी वारो , नजर उतारो,
आज मेरे पिया घर आवेंगे॥

रंगो से रंग मिले, नए-नए ढंग खिले,
खुशी आज द्वारे मेरे डाले है डेरा,
पीहू पीहू पपीहा रटे,
कुहू कुहू कोयल जपे,
आँगन-आँगन है परियो ने घेरा,
अनहद नाद. बजाओ रे सब-मिल,
आज मेरे पिया घर आवेंगे॥

चोख पुरावो, माटी रंगावो,
आज मेरे पिया घर आवेंगे

खबर सुनाऊ जो,
खुशी ये बताऊँ जो,
आज मेरे पिया घर आवेंगे॥

विदेशों में जा बसे बहुत से देशवासियों की मांग है कि हम इस गीत को देवनागरी हिंदी के अतिरिक्त अंग्रेजी / रोमन में भी प्रस्तुत करें ताकि वे भी इस गीत को पढ़ सकें व आनंद ले सकें। पढ़ें Heri Sakhi Mangal Gao Ri Lyrics रोमन में-

Read Piya Ghar Aavenge

cokha purāvo, māṭī raṃgāvo,
āja mere piyā ghara āveṃge

khabara sunāū jo,
khuśī ye batāū~ jo,
āja mere piyā ghara āveṃge॥

herī/orī sakhī maṃgala gāvo rī,
dharatī ambara sajāo rī,
utaregī āja mere piyā kī savārī,
herī koī kājala lāo rī,
mohe kālā ṭīkā lagāo rī,
unakī chaba se dikhūṃ meṃ to pyārī,
lakṣmī jī vāro , najara utāro,
āja mere piyā ghara āveṃge॥

raṃgo se raṃga mile, nae-nae ḍhaṃga khile,
khuśī āja dvāre mere ḍāle hai ḍerā,
pīhū pīhū papīhā raṭe,
kuhū kuhū koyala jape,
ā~gana-ā~gana hai pariyo ne gherā,
anahada nāda. bajāo re saba-mila,
āja mere piyā ghara āveṃge॥

cokha purāvo, māṭī raṃgāvo,
āja mere piyā ghara āveṃge

khabara sunāū jo,
khuśī ye batāū~ jo,
āja mere piyā ghara āveṃge॥

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सन्दीप शाह

सन्दीप शाह दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक हैं। वे तकनीक के माध्यम से हिंदी के प्रचार-प्रसार को लेकर कार्यरत हैं। बचपन से ही जिज्ञासु प्रकृति के रहे सन्दीप तकनीक के नए आयामों को समझने और उनके व्यावहारिक उपयोग को लेकर सदैव उत्सुक रहते हैं। हिंदीपथ के साथ जुड़कर वे तकनीक के माध्यम से हिंदी की उत्तम सामग्री को लोगों तक पहुँचाने के काम में लगे हुए हैं। संदीप का मानना है कि नए माध्यम ही हमें अपनी विरासत के प्रसार में सहायता पहुँचा सकते हैं।

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