कविता

पहाड़ों में काम धाम – Pahadon Me Kam Dham Lyrics – Kumaoni Song

पढ़ें “पहाड़ों में काम धाम” लिरिक्स

गोविंदी घुंगुर बजादे छम छम्मा
नैरेणा हुड़ुकी बजादे घम घमा अंतरा
आंखों मे सूरम मेरो लटी लंबी धमेली
टिकुली बिंदुली नाक नथुली हाई मेरी पिछोड़ी

अरे गोविंदी मिजात जरा कम कमा
अरे नैरेणा नजर लगए तू कम कमा
सुन नंदा देवी म्याल लगी रो डीडीहाट बजारा
अरे रेशमी त्वे साड़ी दिलुलो छन डबल हजारा

अरे नैरेणा बटुवा तेरो ठन ठना
अरे गोविंदी फिकर करे तू कम कमा
पहाड़ों में काम धाम मे लीजा शहरा
ट्याड़ म्याड़ा बाट नैरैना मे लगांछी डरा

अरे गोविंदी नखर दिखाए कम कमा
अरे नैरेणा भाबर जनैयु चम चमा
पाल भीतर ठुली इजा की लागी रुछी खाट
काम धाम क्या निहती त्यार हैरई ठाट

अरे नैरेणा झगड़ करेंछी तेरी आमा
अरे गोविंदी मे रिस ऊंची मन मना
रते उठी गोरु चरुनु और काटुनू घासा
खान पकुन भान माजन हई जांछी ब्याला

अरे गोविंदी तू नि करिए गन गना
अरे नैरेणा तेरी ईजा करेंछी कन मना
अरे जस तू कोली उस करुलो नि होए नाराजा
अरे के तू कर के मे करु हई जलो काजा

अरे नैरेणा फसक करे तू कम कमा
अरे गोविंद मे खांछू तेरी कसमा
बजानी की ठंडी हवा पन्यारे को पानी
अरे झ्वाड़ चाचरी न्योली छापेली दगड़ मे गानी

अरे नैरेणा पहाड़ में रुलो त्यार संगा
रे गोविंदी तू आई रैछ म्यार मना

विदेशों में बसे कुछ हिंदू स्वजनों के आग्रह पर हम पहाड़ों में काम धाम उत्तराखंड गीत को हम रोमन में भी प्रस्तुत कर रहे हैं। हमें आशा है कि वे इससे अवश्य लाभान्वित होंगे। पढ़ें गोविंदी घुंगुर बजादे छम छम्मा गीत के बोल रोमन में–

Read Govindi Lyrics

goviṃdī ghuṃgura bajāde chama chammā
naireṇā huḍa़ukī bajāde ghama ghamā aṃtarā
āṃkhoṃ me sūrama mero laṭī laṃbī dhamelī
ṭikulī biṃdulī nāka nathulī hāī merī pichoḍa़ī

are goviṃdī mijāta jarā kama kamā
are naireṇā najara lagae tū kama kamā
suna naṃdā devī myāla lagī ro ḍīḍīhāṭa bajārā
are reśamī tve sāḍa़ī dilulo chana ḍabala hajārā

are naireṇā baṭuvā tero ṭhana ṭhanā
are goviṃdī phikara kare tū kama kamā
pahāḍa़oṃ meṃ kāma dhāma me lījā śaharā
ṭyāḍa़ myāḍa़ā bāṭa nairainā me lagāṃchī ḍarā

are goviṃdī nakhara dikhāe kama kamā
are naireṇā bhābara janaiyu cama camā
pāla bhītara ṭhulī ijā kī lāgī ruchī khāṭa
kāma dhāma kyā nihatī tyāra hairaī ṭhāṭa

are naireṇā jhagaḍa़ kareṃchī terī āmā
are goviṃdī me risa ūṃcī mana manā
rate uṭhī goru carunu aura kāṭunū ghāsā
khāna pakuna bhāna mājana haī jāṃchī byālā

are goviṃdī tū ni karie gana ganā
are naireṇā terī ījā kareṃchī kana manā
are jasa tū kolī usa karulo ni hoe nārājā
are ke tū kara ke me karu haī jalo kājā

are naireṇā phasaka kare tū kama kamā
are goviṃda me khāṃchū terī kasamā
bajānī kī ṭhaṃḍī havā panyāre ko pānī
are jhvāḍa़ cācarī nyolī chāpelī dagaḍa़ me gānī

are naireṇā pahāḍa़ meṃ rulo tyāra saṃgā
re goviṃdī tū āī raicha myāra manā

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सुरभि भदौरिया

सात वर्ष की छोटी आयु से ही साहित्य में रुचि रखने वालीं सुरभि भदौरिया एक डिजिटल मार्केटिंग एजेंसी चलाती हैं। अपने स्वर्गवासी दादा से प्राप्त साहित्यिक संस्कारों को पल्लवित करते हुए उन्होंने हिंदीपथ.कॉम की नींव डाली है, जिसका उद्देश्य हिन्दी की उत्तम सामग्री को जन-जन तक पहुँचाना है। सुरभि की दिलचस्पी का व्यापक दायरा काव्य, कहानी, नाटक, इतिहास, धर्म और उपन्यास आदि को समाहित किए हुए है। वे हिंदीपथ को निरन्तर नई ऊँचाइंयों पर पहुँचाने में सतत लगी हुई हैं।

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