धर्म

शिव शम्भू सा निराला – Shiv Shambhu Sa Nirala Lyrics

शिव शम्भू सा निराला,
कोई देवता नहीं है,
जैसा भी है डमरू वाला,
कोई देवता नहीं है ॥

सर पे बसी है गंगा,
माथे पे चन्द्रमा है,
नंदी की है सवारी,
अर्धांगिनी उमा है,
गले सर्प की है माला,
कोई देवता नहीं है,
जैसा भी है डमरू वाला,
कोई देवता नहीं है ॥

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अमृत की कामना से,
सब मथ रहे शिवसागर,
निकला है उससे विष जो,
सब पि गए हलाहल,
उस ज़हर को पिने वाला,
कोई देवता नहीं है,
जैसा भी है डमरू वाला,
कोई देवता नहीं है ॥

आशा हुई निराशा,
जाए तो किसके द्वारे,
तुझे छोड़ हे महेश्वर,
अब किसको हम पुकारे,
सूना है मन शिवाला,
कोई देवता नहीं है,
जैसा भी है डमरू वाला,
कोई देवता नहीं है ॥

शिव शम्भू सा निराला,
कोई देवता नहीं है,
जैसा भी है डमरू वाला,
कोई देवता नहीं है ॥

विदेशों में बसे कुछ हिंदू स्वजनों के आग्रह पर हम शिव शम्भू सा निराला भजन को हम रोमन में भी प्रस्तुत कर रहे हैं। हमें आशा है कि वे इससे अवश्य लाभान्वित होंगे। पढ़ें यह शिव भजन रोमन में–

Read Shiv Shambhu Sa Nirala Lyrics

śiva śambhū sā nirālā,
koī devatā nahīṃ hai,
jaisā bhī hai ḍamarū vālā,
koī devatā nahīṃ hai ॥

sara pe basī hai gaṃgā,
māthe pe candramā hai,
naṃdī kī hai savārī,
ardhāṃginī umā hai,
gale sarpa kī hai mālā,
koī devatā nahīṃ hai,
jaisā bhī hai ḍamarū vālā,
koī devatā nahīṃ hai ॥

amṛta kī kāmanā se,
saba matha rahe śivasāgara,
nikalā hai usase viṣa jo,
saba pi gae halāhala,
usa ज़hara ko pine vālā,
koī devatā nahīṃ hai,
jaisā bhī hai ḍamarū vālā,
koī devatā nahīṃ hai ॥

āśā huī nirāśā,
jāe to kisake dvāre,
tujhe choड़ he maheśvara,
aba kisako hama pukāre,
sūnā hai mana śivālā,
koī devatā nahīṃ hai,
jaisā bhī hai ḍamarū vālā,
koī devatā nahīṃ hai ॥

śiva śambhū sā nirālā,
koī devatā nahīṃ hai,
jaisā bhī hai ḍamarū vālā,
koī devatā nahīṃ hai ॥

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सन्दीप शाह

सन्दीप शाह दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक हैं। वे तकनीक के माध्यम से हिंदी के प्रचार-प्रसार को लेकर कार्यरत हैं। बचपन से ही जिज्ञासु प्रकृति के रहे सन्दीप तकनीक के नए आयामों को समझने और उनके व्यावहारिक उपयोग को लेकर सदैव उत्सुक रहते हैं। हिंदीपथ के साथ जुड़कर वे तकनीक के माध्यम से हिंदी की उत्तम सामग्री को लोगों तक पहुँचाने के काम में लगे हुए हैं। संदीप का मानना है कि नए माध्यम ही हमें अपनी विरासत के प्रसार में सहायता पहुँचा सकते हैं।

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