सूरह फातिहा की तिलावत – अल फातिहा (सूरह 1)
सूरह फातिहा की तिलावत से पहले कुछ बुनियादी बातें जानना ज़रूरी है। यह कुरान का पहला अध्याय है। अरबी भाषा से इसका शाब्दिक अर्थ लें, तो वह होगा “शुरुआत”। सूरह फातिहा अथवा अल फातिहा नमाज़ में सम्मिलित है। कुरान के बाक़ी अध्याय पढ़ने के लिए कृपया यहाँ जाएँ – कुरान शरीफ की तिलावत।
शुरू अल्लाह के नाम से जो बड़ा मेहरबान, निहायत रहमवाला है।
सब तारीफ़ अल्लाह के लिए है जो सारे जहान का मालिक है। बहुत मेहरबान निहायत रहम वाला है। इंसाफ़ के दिन का मालिक है। हम तेरी ही इबादत करते हैं और तुझी से मदद चाहते हैं। हमें सीधा रास्ता दिखा। उन लोगों का रास्ता जिन पर तूने फ़ज़्ल किया। उनका रास्ता नहीं जिन पर तेरा ग़ज़ब हुआ और न उन लोगों का रास्ता जो रास्ते से भटक गए। (1-7)