स्वामी विवेकानंद

स्वामी विवेकानंद के पत्र – श्री प्रमदादास मित्र को लिखित (14 जुलाई, 1889)

(स्वामी विवेकानंद का श्री प्रमदादास मित्र को लिखा गया पत्र)

शिमला, कलकत्ता,
१४ जुलाई, १८८९

पूज्यपाद,

आपका पत्र पाकर बड़ी प्रसन्नता हुई। इस परिस्थिति में बहुतों ने मुझे सांसारिकता की ओर झुकने की राय दी। परन्तु आप एक सत्यनिष्ठ और वज्रहृदय पुरुष हैं। आपके उत्साह एवं साहसपूर्ण शब्दों में मुझे बहुत सान्त्वना मिली है।

करीब-करीब यहाँ की मेरी सारी कठिनाइयाँ दूर हो गयी हैं – केवल मैंने जमीन बेचने के लिए एक दलाल नियुक्त कर रखा है, और आशा है कि वह शीघ्र ही बिक जायेगी। उस स्थिति में मैं सारी चिन्ताओं से मुक्त हो जाऊँगा और सीधे आपके पास वाराणसी पहुँचूँगा।

आपका,
नरेन्द्रनाथ

सन्दीप शाह

सन्दीप शाह दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक हैं। वे तकनीक के माध्यम से हिंदी के प्रचार-प्रसार को लेकर कार्यरत हैं। बचपन से ही जिज्ञासु प्रकृति के रहे सन्दीप तकनीक के नए आयामों को समझने और उनके व्यावहारिक उपयोग को लेकर सदैव उत्सुक रहते हैं। हिंदीपथ के साथ जुड़कर वे तकनीक के माध्यम से हिंदी की उत्तम सामग्री को लोगों तक पहुँचाने के काम में लगे हुए हैं। संदीप का मानना है कि नए माध्यम ही हमें अपनी विरासत के प्रसार में सहायता पहुँचा सकते हैं।

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