कविता

ताजदार ए हरम – Tajdar E Haram Atif Aslam

“ताजदार-ए-हरम” के बोल अर्थात् लिरिक्स पढ़ें हिंदी में। आतिफ़ असलम की आवाज़ में सजे इस गीत के संगीतकार हैं सबरी ब्रदर्ज़ व लिखा है हकीम मिर्ज़ा मदनी ने।

क़िस्मत में मेरी चैन से जीना लिख दे
डूबे ना कभी मेरा सफ़ीना लिख दे
जन्नत भी गँवारा है मगर मेरे लिए
ऐ कातिब-ए-तक़दीर मदीना लिख दे

ताजदार-ए-हरम
ताजदार-ए-हरम हो निगाह-ए-करम
हम गरीबों के दिन भी संवर जाएंगे
हामी-ए बे-कसां क्या कहेगा जहां
आपके दर से खाली अगर जाएँगे
ताजदार-ए-हरम

कोई अपना नहीं गम के मारे हैं हम
आपके दर पे फ़रियाद लाएँ हैं हम
हो निगाह-ए-करम वरना चौखट पे हम
आपका नाम ले ले के मर जाएँगे

क्या तुमसे कहूँ ऐ रब के कुँवर
तुम जानते हो मन की बतियाँ
दार फुरक़त ई तो आये उम्मी लक़ब
काटे ना कटे हैं अब रतियाँ
तोरी प्रीत में सुध बुध सब बिसरी
कब तक रहेगी ये बेखबरी
गाहे बेफ़िगन दुज़दीदाह नज़र
कभी सुन भी तो लो हमारी बतियाँ
आपके दर से कोई ना खाली गया
अपने दामन को भर के सवाली गया
हो हबीब-ए-हज़ीन
हो हबीब-ए-हज़ीन पर भी आक़ा नज़र
वरना औराक़ ए हस्ती बिखर जाएँगे
ताजदार-ए-हरम…

मैकशों आओ आओ मदीने चलें
इसी महीने चलें, आओ मदीने चलें
तजल्लियों की अजब है फ़िज़ा मदीने में
निगाहें शौक़ की हैं इंतेहां मदीने में
ग़म-ए-हयात ना खौफ-ए-क़ज़ा मदीने में
नमाज़-ए-इश्क़ करेंगे अदा मदीने में
बराह-ए-रास है राह-ए-खुदा मदीने में
आओ मदीने चलें, इसी महीने चलें
मैकशों आओ आओ मदीने चलें
दस्त-ए-साक़ी ये कौसर से पीने चलें
याद रखो अगर, उठ गई इक नज़र
जितने खाली हैं सब जाम भर जाएँगे
वो नज़र
ताजदार-ए-हरम…

खौफ़-ए-तूफ़ान है बिजलियों का है डर
सख़्त मुश्किल है आक़ा किधर जाएँ हम
आप ही गर न लेंगे हमारी खबर
हम मुसीबत के मारे किधर जाएँगे
ताजदार-ए-हरम
या मुस्तफ़ा या मुजतबा इरहम लना इरहम लना
दस्त-ए हमह बेचारा-रा दमाँ तो-ई दमाँ तो-ई
मन आसियां मन आजिज़म मन बे-कसम हाल-ए-मेरा
पुरसं तो-ई पुरसं तो-ई
ऐ मुश्क-बेद ज़ुम्बर फ़िशां
पैक-ए-नसीम ए सुबह दम
ऐ चारहगर ईसा नफ़स
ऐ मूनस ए बीमार-ए-ग़म
ऐ क़ासिद ए फुरकंदपह
तुझको उसी गुल की कसम
इन नलती या री अस-सबा
यौमन इला अर्द इल-हरम
बल्लिघ सलामी रौदतन
फी अन-नबी अल मोहतरम
ताजदार-ए-हरम…

विदेशों में जा बसे बहुत से देशवासियों की मांग है कि हम ताजदार ए हरम गीत को देवनागरी हिंदी के अतिरिक्त अंग्रेजी / रोमन में भी प्रस्तुत करें ताकि वे भी इस गाने को पढ़ सकें व आनंद ले सकें। पढ़ें ताजदार-ए-हरम रोमन में-

Read Tajdar E Haram Lyrics English

क़ismata meṃ merī caina se jīnā likha de
ḍūbe nā kabhī merā saफ़īnā likha de
jannata bhī ga~vārā hai magara mere lie
ai kātiba-e-taक़dīra madīnā likha de

tājadāra-e-harama
tājadāra-e-harama ho nigāha-e-karama
hama garīboṃ ke dina bhī saṃvara jāeṃge
hāmī-e be-kasāṃ kyā kahegā jahāṃ
āpake dara se khālī agara jāe~ge
tājadāra-e-harama

koī apanā nahīṃ gama ke māre haiṃ hama
āpake dara pe फ़riyāda lāe~ haiṃ hama
ho nigāha-e-karama varanā caukhaṭa pe hama
āpakā nāma le le ke mara jāe~ge

kyā tumase kahū~ ai raba ke ku~vara
tuma jānate ho mana kī batiyā~
dāra phuraक़ta ī to āye ummī laक़ba
kāṭe nā kaṭe haiṃ aba ratiyā~
torī prīta meṃ sudha budha saba bisarī
kaba taka rahegī ye bekhabarī
gāhe beफ़igana duज़dīdāha naज़ra
kabhī suna bhī to lo hamārī batiyā~
āpake dara se koī nā khālī gayā
apane dāmana ko bhara ke savālī gayā
ho habība-e-haज़īna
ho habība-e-haज़īna para bhī āक़ā naज़ra
varanā aurāक़ e hastī bikhara jāe~ge
tājadāra-e-harama…

maikaśoṃ āo āo madīne caleṃ
isī mahīne caleṃ, āo madīne caleṃ
tajalliyoṃ kī ajaba hai फ़iज़ā madīne meṃ
nigāheṃ śauक़ kī haiṃ iṃtehāṃ madīne meṃ
ग़ma-e-hayāta nā khaupha-e-क़ज़ā madīne meṃ
namāज़-e-iśक़ kareṃge adā madīne meṃ
barāha-e-rāsa hai rāha-e-khudā madīne meṃ
āo madīne caleṃ, isī mahīne caleṃ
maikaśoṃ āo āo madīne caleṃ
dasta-e-sāक़ī ye kausara se pīne caleṃ
yāda rakho agara, uṭha gaī ika naज़ra
jitane khālī haiṃ saba jāma bhara jāe~ge
vo naज़ra
tājadāra-e-harama…

khauफ़-e-tūफ़āna hai bijaliyoṃ kā hai ḍara
saख़ta muśkila hai āक़ā kidhara jāe~ hama
āpa hī gara na leṃge hamārī khabara
hama musībata ke māre kidhara jāe~ge
tājadāra-e-harama
yā mustaफ़ā yā mujatabā irahama lanā irahama lanā
dasta-e hamaha becārā-rā damā~ to-ī damā~ to-ī
mana āsiyāṃ mana ājiज़ma mana be-kasama hāla-e-merā
purasaṃ to-ī purasaṃ to-ī
ai muśka-beda ज़umbara फ़iśāṃ
paika-e-nasīma e subaha dama
ai cārahagara īsā naफ़sa
ai mūnasa e bīmāra-e-ग़ma
ai क़āsida e phurakaṃdapaha
tujhako usī gula kī kasama
ina nalatī yā rī asa-sabā
yaumana ilā arda ila-harama
balligha salāmī raudatana
phī ana-nabī ala mohatarama
tājadāra-e-harama…

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सन्दीप शाह

सन्दीप शाह दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक हैं। वे तकनीक के माध्यम से हिंदी के प्रचार-प्रसार को लेकर कार्यरत हैं। बचपन से ही जिज्ञासु प्रकृति के रहे सन्दीप तकनीक के नए आयामों को समझने और उनके व्यावहारिक उपयोग को लेकर सदैव उत्सुक रहते हैं। हिंदीपथ के साथ जुड़कर वे तकनीक के माध्यम से हिंदी की उत्तम सामग्री को लोगों तक पहुँचाने के काम में लगे हुए हैं। संदीप का मानना है कि नए माध्यम ही हमें अपनी विरासत के प्रसार में सहायता पहुँचा सकते हैं।

One thought on “ताजदार ए हरम – Tajdar E Haram Atif Aslam

  • Abdul Wasim

    mustafa ke pale hain hum bareilly wale hain

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