बजरंग की कैंची – Bajrang ki Kainchi
बजरंग की कैंची का पाठ हनुमान जी का पूजन कर नित्य 108 निम्न स्तोत्र का 21 दिन पाठ करें, 21वें दिन हनुमान् जी को सिन्दूर, लंगोट, सवा सेर का रोट, नारियल अर्पित करें। इससे कुंडली में मौजूद ग्रहों के दोषों से रक्षा करती है। यदि आपकी कुंडली में शनि, राहु, या केतु का दोष है, तो बजरंग की कैंची आपके लिए विशेष रूप से लाभकारी हो सकती है। यह व्यापार में वृद्धि करती है और नौकरी में तरक्की दिलाती है।
फजले बिस्मिल्ला रहमान,
अटल खुरजी तेज खुरान।
घड़ी-घड़ी में निकलै बान।
लालो लाल कमान, राखवाले की जबान।
खाक माता खाक पिता।
त्रिलोकी की मिसैली। राजा – प्रजा पड़ै मोहिनी।
जल देखै, थल कतरै।
राजा इन्द्र की आसन कतरै।
तलवार की धार कतरै।
आकाश पाताल, वायु – मण्डल को कतरै।
तेंतीस कोटि देवी- देवताओं को कतरै।
शिव – शंकर को कतरै।
भीमसेन की गदा कतरै।
अर्जुन को बाण कतरै।
कृष्ण को सुदर्शन कतरै।
सोला हंसा को कतरै।
पेट में के बावरे को कतरै।
दौलतपुर के डोमा को कतरै।
ब्राह्मण के ब्रहम-राक्षस को कतरै।
धोबी के जिन को कतरै।
भंगी के जिन को कतरै।
रमाने के जिन को कतरै।
मसान के जिन को कतरै।
मेरे नरसिंह से कतरै।
गुरु के नरसिंह से कतरै।
बौलातन चुड़ैल को कतरै।
जहाँ खुरी नौ खण्ड, बारह बंगाले की विद्या जा पहुँचे।
अञ्जनी के पूत हनुमान !
तोहे एक लाख अस्सी हजार
पीर-पैगम्बरों की दुहाई, दुहाई, दुहाई।”
विदेशों में जा बसे बहुत से देशवासियों की मांग है कि हम इस बजरंग की कैंची को देवनागरी हिंदी के अतिरिक्त अंग्रेजी / रोमन में भी प्रस्तुत करें ताकि वे भी इस हनुमान बजरंग कैची (Hanuman Bajrang ki Kainchi) को पढ़ सकें।
Read Bajrang ki Kainchi Lyrics
phajale bismillā rahamāna,
aṭala khurajī teja khurāna।
ghaḍa़ī-ghaḍa़ī meṃ nikalai bāna।
lālo lāla kamāna, rākhavāle kī jabāna।
khāka mātā khāka pitā।
trilokī kī misailī। rājā – prajā paḍa़ai mohinī।
jala dekhai, thala katarai।
rājā indra kī āsana katarai।
talavāra kī dhāra katarai।
ākāśa pātāla, vāyu – maṇḍala ko katarai।
teṃtīsa koṭi devī- devatāoṃ ko katarai।
śiva – śaṃkara ko katarai।
bhīmasena kī gadā katarai।
arjuna ko bāṇa katarai।
kṛṣṇa ko sudarśana katarai।
solā haṃsā ko katarai।
peṭa meṃ ke bāvare ko katarai।
daulatapura ke ḍomā ko katarai।
brāhmaṇa ke brahama-rākṣasa ko katarai।
dhobī ke jina ko katarai।
bhaṃgī ke jina ko katarai।
ramāne ke jina ko katarai।
masāna ke jina ko katarai।
mere narasiṃha se katarai।
guru ke narasiṃha se katarai।
baulātana cuḍa़aila ko katarai।
jahā~ khurī nau khaṇḍa, bāraha baṃgāle kī vidyā jā pahu~ce।
añjanī ke pūta hanumāna !
tohe eka lākha assī hajāra
pīra-paigambaroṃ kī duhāī, duhāī, duhāī।”
यह भी पढ़ें
● हनुमान वडवानल स्तोत्र ● आज मंगलवार है ● हनुमत बीसा ● हनुमत पंचरत्न स्तोत्र ● हनुमान साठिका ● हनुमान बाहुक ● हे दुख भंजन मारुति नंदन ● मंगल प्रदोष व्रत कथा ● मंगलवार व्रत कथा ● मारुती स्तोत्र भीमरूपी महारुद्रा ● बाला जी चालीसा ● बालाजी की आरती ● हनुमत पंचरत्न स्तोत्र ● राम न मिलेंगे हनुमान के बिन ● हनुमान अष्टक ● हनुमान अमृतवाणी ● अंजनी माता की आरती ● मारुती स्तोत्र ● त्रिमूर्तिधाम हनुमान जी की आरती ● हनुमान चालीसा ● अब दया करो बजंगबली ● राम न मिलेंगे हनुमान के बिना ● दुनिया चले ना श्री राम ● हनुमान द्वादश नाम स्तोत्र ● हनुमत स्तवन ● वानर गीता ● आसमान को छूकर देखा ● मंगल मूर्ति मारुति नंदन ● सुंदरकांड ● मैं वारी जाऊँ बालाजी ● बालाजी आछा लागे सै