धर्म

गोविंदा गोपाला – Govinda Gopala Lyrics – Hansraj Raghuwanshi

पढ़ें “गोविंदा गोपाला” लिरिक्स

श्री कृष्णा गोविन्द हरे मुरारी,
हे नाथ नारायण वासुदेवा,
हे नाथ नारायण वासुदेवा,
हे नाथ नारायण वासुदेवा।

गोविंदा गोपाला हरे कृष्ण हरे नन्दलाला,
गोविंदा गोपाला हरे कृष्ण हरे नन्दलाला,
जिसका ना कोई है जगत में,
जिसका ना कोई है जगत में,
उसका है बंसी-बाला,
गोविंदा गोपाला हरे कृष्ण हरे नन्दलाला,
गोविंदा गोपाला हरे कृष्ण हरे नन्दलाला।

हरी बोल हरे कृष्णा हरे राम

हरे कृष्ण कृष्ण हरे कृष्णा,
बोले सांसों की माला,
मनमोहन से मिलते ही,
मन हो जाये मतवाला,
करे नजर से जादू करिया,
है अजब गजब ये ग्वाला,
घुंघराली लट से तोड़ा,
राधा के दिल का ताला,
कभी मिला नहीं मीरा से,
उसे दीवानी कर डाला,
गोविंदा गोपाला हरे कृष्ण हरे नन्दलाला,
गोविंदा गोपाला हरे कृष्ण हरे नन्दलाला।

हरी बोल हरे कृष्णा हरे राम

शरणागत को संकट से,
गिरिधर ने सदा निकाला,
सांवरिया तो विष को भी,
अमृत है करने वाला,
बन जाये कवच भक्तो का,
है श्याम नाम दुशाला,
जो काम करे ये मुरली,
कर पाए ना बरछी भाला,
हो कृष्ण सारथी जिसके,
उसे कौन हराने वाला,
गोविंदा गोपाला हरे कृष्ण हरे नन्दलाला,
गोविंदा गोपाला हरे कृष्ण हरे नन्दलाला।

लाल, गुलाबी, काला,
रंग सब पर श्याम ने डाला,
चढ़े तो फिर ना उतरे,
है श्याम का रंग निराला,
राधा को भी रंग डाला,
मीरा को भी रंग डाला,
रंग डाले सारे गवाले,
रंग दी बृज की हरबाला,
उसका बचना मुश्किल है,
पड़े श्याम से जिसका पाला,
गोविंदा गोपाला हरे कृष्ण हरे नन्दलाला,
गोविंदा गोपाला हरे कृष्ण हरे नन्दलाला।

श्री कृष्णा गोविन्द हरे मुरारी,
हे नाथ नारायण वासुदेवा,
हे नाथ नारायण वासुदेवा,
हे नाथ नारायण वासुदेवा।

विदेशों में बसे कुछ हिंदू स्वजनों के आग्रह पर यह गोविंदा गोपाला हरे कृष्ण भजन को हम रोमन में भी प्रस्तुत कर रहे हैं। हमें आशा है कि वे इससे अवश्य लाभान्वित होंगे। पढ़ें यह भजन रोमन में–

Read Govinda Gopala Hare Krishna Lyrics

śrī kṛṣṇā govinda hare murārī,
he nātha nārāyaṇa vāsudevā,
he nātha nārāyaṇa vāsudevā,
he nātha nārāyaṇa vāsudevā।

goviṃdā gopālā hare kṛṣṇa hare nandalālā,
goviṃdā gopālā hare kṛṣṇa hare nandalālā,
jisakā nā koī hai jagata meṃ,
jisakā nā koī hai jagata meṃ,
usakā hai baṃsī-bālā,
goviṃdā gopālā hare kṛṣṇa hare nandalālā,
goviṃdā gopālā hare kṛṣṇa hare nandalālā।

harī bola hare kṛṣṇā hare rāma

hare kṛṣṇa kṛṣṇa hare kṛṣṇā,
bole sāṃsoṃ kī mālā,
manamohana se milate hī,
mana ho jāye matavālā,
kare najara se jādū kariyā,
hai ajaba gajaba ye gvālā,
ghuṃgharālī laṭa se toड़ā,
rādhā ke dila kā tālā,
kabhī milā nahīṃ mīrā se,
use dīvānī kara ḍālā,
goviṃdā gopālā hare kṛṣṇa hare nandalālā,
goviṃdā gopālā hare kṛṣṇa hare nandalālā।

harī bola hare kṛṣṇā hare rāma

śaraṇāgata ko saṃkaṭa se,
giridhara ne sadā nikālā,
sāṃvariyā to viṣa ko bhī,
amṛta hai karane vālā,
bana jāye kavaca bhakto kā,
hai śyāma nāma duśālā,
jo kāma kare ye muralī,
kara pāe nā barachī bhālā,
ho kṛṣṇa sārathī jisake,
use kauna harāne vālā,
goviṃdā gopālā hare kṛṣṇa hare nandalālā,
goviṃdā gopālā hare kṛṣṇa hare nandalālā।

lāla, gulābī, kālā,
raṃga saba para śyāma ne ḍālā,
caढ़e to phira nā utare,
hai śyāma kā raṃga nirālā,
rādhā ko bhī raṃga ḍālā,
mīrā ko bhī raṃga ḍālā,
raṃga ḍāle sāre gavāle,
raṃga dī bṛja kī harabālā,
usakā bacanā muśkila hai,
paड़e śyāma se jisakā pālā,
goviṃdā gopālā hare kṛṣṇa hare nandalālā,
goviṃdā gopālā hare kṛṣṇa hare nandalālā।

śrī kṛṣṇā govinda hare murārī,
he nātha nārāyaṇa vāsudevā,
he nātha nārāyaṇa vāsudevā,
he nātha nārāyaṇa vāsudevā।

यह भी पढ़ें

प्रेम मंदिरराधा जी की आरतीराधे राधे जपो चले आएंगे बिहारीदामोदर अष्टकमसंतान गोपाल मंत्रसंतान गोपाल स्तोत्रजन्माष्टमी पूजा और विधिलड्डू गोपाल की आरतीगिरिराज की आरतीगोपाल चालीसाश्याम तेरी बंसी पुकारे राधा श्यामबजाओ राधा नाम की तालीअरे द्वारपालों कन्हैया से कह दोश्याम तेरी बंसी पुकारे राधा नाम छोटी छोटी गईया छोटे छोटे ग्वालगोविंद बोलो हरि गोपाल बोलोमेरा आपकी कृपा से सब काम हो रहा हैमेरे बांके बिहारी लालओ कान्हा अब तो मुरली कीभर दे रे श्याम झोली भरदेमैं हूं शरण में तेरी संसार के रचैयाकन्हैया कन्हैया पुकारा करेंगेश्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारीराधा चालीसामुकुंदा मुकुंदा कृष्णा मुकुंदा मुकुंदासजा दो घर को गुलशन सा मेरे सरकार आए हैंलल्ला की सुन के मैं आईनंद के आनंद भयो जय कन्हैया लाल कीमेरे कान्हाकृष्णा मनमोहना मोरे कान्हा मोरे कृष्णा

सुरभि भदौरिया

सात वर्ष की छोटी आयु से ही साहित्य में रुचि रखने वालीं सुरभि भदौरिया एक डिजिटल मार्केटिंग एजेंसी चलाती हैं। अपने स्वर्गवासी दादा से प्राप्त साहित्यिक संस्कारों को पल्लवित करते हुए उन्होंने हिंदीपथ.कॉम की नींव डाली है, जिसका उद्देश्य हिन्दी की उत्तम सामग्री को जन-जन तक पहुँचाना है। सुरभि की दिलचस्पी का व्यापक दायरा काव्य, कहानी, नाटक, इतिहास, धर्म और उपन्यास आदि को समाहित किए हुए है। वे हिंदीपथ को निरन्तर नई ऊँचाइंयों पर पहुँचाने में सतत लगी हुई हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

हिंदी पथ
error: यह सामग्री सुरक्षित है !!
Exit mobile version