धर्म

कृष्ण घर नन्द के जन्मे – Krishna Ghar Nand ke janme Lyrics

पढ़ें “कृष्ण घर नन्द के जन्मे ” लिरिक्स

कृष्ण घर नन्द के जन्मे,
दुलारा हो तो ऐसा हो,
दुलारा हो तो ऐसा हो,
लोग दर्शन चले आये,
सितारा हो तो ऐसा हो……

बकासुर को मसल डाला,
पूतना जान से मारी,
पूतना जान से मारी,
कंस को केश से खिंचा,
खिलाड़ी हो तो ऐसा हो,
श्री कृष्ण घर नन्द के जन्मे,
दुलारा हो तो ऐसा हो,
सितारा हो तो ऐसा हो……

कूद पानी के अंदर से,
नाग को नाथ के लाये,
चरण फण फण पे देकर के,
नचारा हो तो ऐसा हो,
श्री कृष्ण घर नन्द के जन्मे,
दुलारा हो तो ऐसा हो,
सितारा हो तो ऐसा हो…..

तीर जमुना के जाकर के,
बजाई बांसुरी मोहन,
चली घर छोड़ बृजनारी,
बजाना हो तो ऐसा हो,
श्री कृष्ण घर नन्द के आए,
सितारा हो तो ऐसा हो…….

रचाई रास कुंजन में,
मनोहर रूप बनकर के,
देव दर्शन चले आये,
दीदारा हो तो ऐसा हो,
श्री कृष्ण घर नन्द के जन्मे,
दुलारा हो तो ऐसा हो,
सितारा हो तो ऐसा हो……

गए जब छोड़ गोकुल को,
नहीं फिर लौट कर आये,
सखी रोती रही बन में,
किनारा हो तो ऐसा हो,
श्री कृष्ण घर नन्द के आए,
सितारा हो तो ऐसा हो……

कौरव पांडव रण में,
जीत अर्जुन की करवाये,
बचाई लाज द्रोपती की,
सहारा हो तो ऐसा हो,
श्री कृष्ण घर नन्द के जन्मे,
दुलारा हो तो ऐसा हो,
सितारा हो तो ऐसा हो……

पूरी द्वारावती जाकर,
महल सोने के बनवाये,
हजारो रानिया ब्याही,
पसारा हो तो ऐसा हो,
श्री कृष्ण घर नन्द के आए,
सितारा हो तो ऐसा हो……

उतारा भार भूमि का,
सिधारे धाम अपने को,
वो ब्रम्हानंद दुनिया से,
नियारा हो तो ऐसा हो,
श्री कृष्ण घर नन्द के आए,
सितारा हो तो ऐसा हो……

कृष्ण घर नन्द के जन्मे,
दुलारा हो तो ऐसा हो,
दुलारा हो तो ऐसा हो,
करे सब प्रेम से दर्शन,
सितारा हो तो ऐसा हो….

विदेशों में बसे कुछ हिंदू स्वजनों के आग्रह पर कृष्ण घर नन्द के जन्मे भजन को हम रोमन में भी प्रस्तुत कर रहे हैं। हमें आशा है कि वे इससे अवश्य लाभान्वित होंगे। पढ़ें यह कृष्ण भजन रोमन में–

Read Krishna Ghar Nand ke janme Lyrics

kṛṣṇa ghara nanda ke janme,
dulārā ho to aisā ho,
dulārā ho to aisā ho,
loga darśana cale āye,
sitārā ho to aisā ho……

bakāsura ko masala ḍālā,
pūtanā jāna se mārī,
pūtanā jāna se mārī,
kaṃsa ko keśa se khiṃcā,
khilāḍa़ī ho to aisā ho,
śrī kṛṣṇa ghara nanda ke janme,
dulārā ho to aisā ho,
sitārā ho to aisā ho……

kūda pānī ke aṃdara se,
nāga ko nātha ke lāye,
caraṇa phaṇa phaṇa pe dekara ke,
nacārā ho to aisā ho,
śrī kṛṣṇa ghara nanda ke janme,
dulārā ho to aisā ho,
sitārā ho to aisā ho…..

tīra jamunā ke jākara ke,
bajāī bāṃsurī mohana,
calī ghara choḍa़ bṛjanārī,
bajānā ho to aisā ho,
śrī kṛṣṇa ghara nanda ke āe,
sitārā ho to aisā ho…….

racāī rāsa kuṃjana meṃ,
manohara rūpa banakara ke,
deva darśana cale āye,
dīdārā ho to aisā ho,
śrī kṛṣṇa ghara nanda ke janme,
dulārā ho to aisā ho,
sitārā ho to aisā ho……

gae jaba choḍa़ gokula ko,
nahīṃ phira lauṭa kara āye,
sakhī rotī rahī bana meṃ,
kinārā ho to aisā ho,
śrī kṛṣṇa ghara nanda ke āe,
sitārā ho to aisā ho……

kaurava pāṃḍava raṇa meṃ,
jīta arjuna kī karavāye,
bacāī lāja dropatī kī,
sahārā ho to aisā ho,
śrī kṛṣṇa ghara nanda ke janme,
dulārā ho to aisā ho,
sitārā ho to aisā ho……

pūrī dvārāvatī jākara,
mahala sone ke banavāye,
hajāro rāniyā byāhī,
pasārā ho to aisā ho,
śrī kṛṣṇa ghara nanda ke āe,
sitārā ho to aisā ho……

utārā bhāra bhūmi kā,
sidhāre dhāma apane ko,
vo bramhānaṃda duniyā se,
niyārā ho to aisā ho,
śrī kṛṣṇa ghara nanda ke āe,
sitārā ho to aisā ho……

kṛṣṇa ghara nanda ke janme,
dulārā ho to aisā ho,
dulārā ho to aisā ho,
kare saba prema se darśana,
sitārā ho to aisā ho….

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सन्दीप शाह

सन्दीप शाह दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक हैं। वे तकनीक के माध्यम से हिंदी के प्रचार-प्रसार को लेकर कार्यरत हैं। बचपन से ही जिज्ञासु प्रकृति के रहे सन्दीप तकनीक के नए आयामों को समझने और उनके व्यावहारिक उपयोग को लेकर सदैव उत्सुक रहते हैं। हिंदीपथ के साथ जुड़कर वे तकनीक के माध्यम से हिंदी की उत्तम सामग्री को लोगों तक पहुँचाने के काम में लगे हुए हैं। संदीप का मानना है कि नए माध्यम ही हमें अपनी विरासत के प्रसार में सहायता पहुँचा सकते हैं।

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