धर्म

महाकाल स्तोत्र – Mahakal Stotram

“महाकाल स्तोत्र” के बोल अर्थात् लिरिक्स पढ़ें। जो व्यक्ति इस स्तोत्र का रोजना दिन में एक बार पाठ कर लेता है उसके भीतर नई ऊर्जा और शक्ति का संचार होता है। और यह स्तोत्र उस व्यक्ति को सफलता के मार्ग में चलने मदद करता है।

ॐ महाकाल महाकाय महाकाल जगत्पते ।
महाकाल महायोगिन् महाकाल नमोस्तुते ॥ १॥

महाकाल महादेव महाकाल महाप्रभो ।
महाकाल महारुद्र महाकाल नमोस्तुते ॥ २॥

महाकाल महाज्ञान महाकाल तमोऽपहन् ।
महाकाल महाकाल महाकाल नमोस्तुते ॥ ३॥

भवाय च नमस्तुभ्यं शर्वाय च नमो नमः ।
रुद्राय च नमस्तुभ्यं पशूनां पतये नमः ॥ ४॥

उग्राय च नमस्तुभ्यं महादेवाय वै नमः ।
भीमाय च नमस्तुभ्यं ईशानाय नमो नमः ॥ ५॥

ईश्वराय नमस्तुभ्यं तत्पुरुषाय वै नमः ॥ ६॥

सद्योजात नमस्तुभ्यं शुक्लवर्ण नमो नमः ।
अधः कालाग्निरुद्राय रुद्ररूपाय वै नमः ॥ ७॥

स्थित्युत्पत्तिलयानां च हेतुरूपाय वै नमः ।
परमेश्वररूपस्त्वं नील एवं नमोस्तुते ॥ ८॥

पवनाय नमस्तुभ्यं हुताशन नमोस्तुते ।
सोमरूप नमस्तुभ्यं सूर्य रूप नमोस्तुते ॥ ९॥

यजमान नमस्तुभ्यं आकाशाय नमो नमः ।
सर्वरूप नमस्तुभ्यं विश्वरूप नमोस्तुते ॥ १०॥

ब्रह्मरूप नमस्तुभ्यं विष्णुरूप नमोस्तुते ।
रुद्ररूप नमस्तुभ्यं महाकाल नमोस्तुते ॥ ११॥

स्थावराय नमस्तुभ्यं जङ्गमाय नमो नमः ।
नमः स्थावरजङ्गमाभ्यां शाश्वताय नमो नमः ॥ १२॥

हुं हुङ्कार नमस्तुभ्यं निष्कलाय नमो नमः ।
अनाद्यन्त महाकाल निर्गुणाय नमो नमः ॥ १३॥

प्रसीद मे नमो नित्यं मेघवर्ण नमोस्तुते ।
प्रसीद मे महेशान दिग्वासाय नमो नमः ॥ १४॥

ॐ ह्रीं मायास्वरूपाय सच्चिदानन्दतेजसे ।
स्वाहा सम्पूर्णमन्त्राय सोऽहं हंसाय ते नमः ॥ १५॥

फलश्रुति

इत्येवं देव देवस्य मह्कालासय भैरवी
कीर्तितम पूजनं सम्यक सधाकानाम सुखावहम

॥ श्री महाकाल स्तोत्र अथवा श्री महाकालभैरव स्तोत्रं सम्पूर्णम् ॥

विदेशों में बसे कुछ हिंदू स्वजनों के आग्रह पर यह महाकाल स्तोत्र को हम रोमन में भी प्रस्तुत कर रहे हैं। हमें आशा है कि वे इससे अवश्य लाभान्वित होंगे। पढ़ें यह महाकाल स्तोत्र (Shri Mahakal Stotram) रोमन में–

Read Mahakal Stotram

oṃ mahākāla mahākāya mahākāla jagatpate ।
mahākāla mahāyogin mahākāla namostute ॥ 1॥

mahākāla mahādeva mahākāla mahāprabho ।
mahākāla mahārudra mahākāla namostute ॥ 2॥

mahākāla mahājñāna mahākāla tamo’pahan ।
mahākāla mahākāla mahākāla namostute ॥ 3॥

bhavāya ca namastubhyaṃ śarvāya ca namo namaḥ ।
rudrāya ca namastubhyaṃ paśūnāṃ pataye namaḥ ॥ 4॥

ugrāya ca namastubhyaṃ mahādevāya vai namaḥ ।
bhīmāya ca namastubhyaṃ īśānāya namo namaḥ ॥ 5॥

īśvarāya namastubhyaṃ tatpuruṣāya vai namaḥ ॥ 6॥

sadyojāta namastubhyaṃ śuklavarṇa namo namaḥ ।
adhaḥ kālāgnirudrāya rudrarūpāya vai namaḥ ॥ 7॥

sthityutpattilayānāṃ ca heturūpāya vai namaḥ ।
parameśvararūpastvaṃ nīla evaṃ namostute ॥ 8॥

pavanāya namastubhyaṃ hutāśana namostute ।
somarūpa namastubhyaṃ sūryarūpa namostute ॥ 9॥

yajamāna namastubhyaṃ ākāśāya namo namaḥ ।
sarvarūpa namastubhyaṃ viśvarūpa namostute ॥ 10॥

brahmarūpa namastubhyaṃ viṣṇurūpa namostute ।
rudrarūpa namastubhyaṃ mahākāla namostute ॥ 11॥

sthāvarāya namastubhyaṃ jaṅgamāya namo namaḥ ।
namaḥ sthāvarajaṅgamābhyāṃ śāśvatāya namo namaḥ ॥ 12॥

huṃ huṅkāra namastubhyaṃ niṣkalāya namo namaḥ ।
anādyanta mahākāla nirguṇāya namo namaḥ ॥ 13॥

prasīda me namo nityaṃ meghavarṇa namostute ।
prasīda me maheśāna digvāsāya namo namaḥ ॥ 14॥

oṃ hrīṃ māyāsvarūpāya saccidānandatejase ।
svāhā sampūrṇamantrāya so’haṃ haṃsāya te namaḥ ॥ 15॥

phalaśruti

ityevaṃ deva devasya mahkālāsaya bhairavī
kīrtitama pūjanaṃ samyaka sadhākānāma sukhāvahama

॥ śrī mahākāla stotra athavā śrī mahākālabhairava stotraṃ sampūrṇam ॥

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सन्दीप शाह

सन्दीप शाह दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक हैं। वे तकनीक के माध्यम से हिंदी के प्रचार-प्रसार को लेकर कार्यरत हैं। बचपन से ही जिज्ञासु प्रकृति के रहे सन्दीप तकनीक के नए आयामों को समझने और उनके व्यावहारिक उपयोग को लेकर सदैव उत्सुक रहते हैं। हिंदीपथ के साथ जुड़कर वे तकनीक के माध्यम से हिंदी की उत्तम सामग्री को लोगों तक पहुँचाने के काम में लगे हुए हैं। संदीप का मानना है कि नए माध्यम ही हमें अपनी विरासत के प्रसार में सहायता पहुँचा सकते हैं।

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