धर्म

महाकाल स्तुति – Mahakal Stuti

पढ़ें “महाकाल स्तुति”

अवन्तिकायां विहितावतारं
मुक्ति प्रदानाय च सज्जनानाम्‌
अकालमृत्योः परिरक्षणार्थं
वन्दे महाकाल महासुरेशम॥

‘महाकाल, महादेव! दुष्ट दंड कर प्रभो
मुक्ति प्रयच्छ नः शम्भो संसाराम्बुधितः शिव॥
अत्रैव्‌ लोक रक्षार्थं स्थातव्यं हि त्वया शिव
स्वदर्श कान्‌ नरांछम्भो तारय त्वं सदा प्रभो॥

ब्रह्मोवाच

नमोऽस्त्वनन्तरूपाय नीलकण्ठ नमोऽस्तु ते ।
अविज्ञातस्वरूपाय कैवल्यायामृताय च ॥ १॥

नान्तं देवा विजानन्ति यस्य तस्मै नमो नमः ।
यं न वाचः प्रशंसन्ति नमस्तस्मै चिदात्मने ॥ २॥

योगिनो यं हृदःकोशे प्रणिधानेन निशचलाः ।
ज्योतीरूपं प्रपश्यन्ति तस्मै श्रीब्रह्मणे नमः ॥ ३॥

कालात्पराय कालाय स्वेच्छया पुरुषाय च ।
गुणत्रयस्वरूपाय नमः प्रकृतिरूपिणे ॥ ४॥

विष्णवे सत्त्वरूपाय रजोरूपाय वेधसे ।
तमोरूपाय रुद्राय स्थितिसर्गान्तकारिणे ॥ ५॥

नमो नमः स्वरूपाय पञ्चबुद्धीन्द्रियात्मने ।
क्षित्यादिपञ्चरूपाय नमस्ते विषयात्मने ॥ ६॥

नमो ब्रह्माण्डरूपाय तदन्तर्व्तिने नमः ।
अर्वाचीनपराचीनविश्वरूपाय ते नमः ॥ ७॥

अचिन्त्यनित्यरूपाय सदसत्पतये नमः ।
नमस्ते भक्तकृपया स्वेच्छाविष्कृतविग्रह ॥ ८॥

तव निःश्वसितं वेदास्तव वेदोऽखिलं जगत् ।
विश्वभूतानि ते पादः शिरो द्यौः समवर्तत ॥ ९॥

नाभ्या आसीदन्तरिक्षं लोमानि च वनस्पतिः ।
चन्द्रमा मनसो जातश्चक्षोः सूर्य स्तव प्रभो ॥ १०॥

त्वमेव सर्व त्वयि देव सर्वं
सर्वस्तुतिस्तव्य इह त्वमेव ।
ईश त्वया वास्यमिदं हि सर्वं
नमोऽस्तु भूयोऽपि नमो नमस्ते ॥ ११॥

विदेशों में बसे कुछ हिंदू स्वजनों के आग्रह पर यह महाकाल स्तुति को हम रोमन में भी प्रस्तुत कर रहे हैं। हमें आशा है कि वे इससे अवश्य लाभान्वित होंगे। पढ़ें यह महाकाल स्तुति (Mahakal Stuti) रोमन में–

Read Mahakal Stuti Lyrics

avantikāyāṃ vihitāvatāraṃ
mukti pradānāya ca sajjanānām‌
akālamṛtyoḥ parirakṣaṇārthaṃ
vande mahākāla mahāsureśama॥

‘mahākāla, mahādeva! duṣṭa daṃḍa kara prabho
mukti prayaccha naḥ śambho saṃsārāmbudhitaḥ śiva॥
atraiv‌ loka rakṣārthaṃ sthātavyaṃ hi tvayā śiva
svadarśa kān‌ narāṃchambho tāraya tvaṃ sadā prabho॥

brahmovāca

namo’stvanantarūpāya nīlakaṇṭha namo’stu te ।
avijñātasvarūpāya kaivalyāyāmṛtāya ca ॥ 1॥

nāntaṃ devā vijānanti yasya tasmai namo namaḥ ।
yaṃ na vācaḥ praśaṃsanti namastasmai cidātmane ॥ 2॥

yogino yaṃ hṛdaḥkośe praṇidhānena niśacalāḥ ।
jyotīrūpaṃ prapaśyanti tasmai śrībrahmaṇe namaḥ ॥ 3॥

kālātparāya kālāya svecchayā puruṣāya ca ।
guṇatrayasvarūpāya namaḥ prakṛtirūpiṇe ॥ 4॥

viṣṇave sattvarūpāya rajorūpāya vedhase ।
tamorūpāya rudrāya sthitisargāntakāriṇe ॥ 5॥

namo namaḥ svarūpāya pañcabuddhīndriyātmane ।
kṣityādipañcarūpāya namaste viṣayātmane ॥ 6॥

namo brahmāṇḍarūpāya tadantarvtine namaḥ ।
arvācīnaparācīnaviśvarūpāya te namaḥ ॥ 7॥

acintyanityarūpāya sadasatpataye namaḥ ।
namaste bhaktakṛpayā svecchāviṣkṛtavigraha ॥ 8॥

tava niḥśvasitaṃ vedāstava vedo’khilaṃ jagat ।
viśvabhūtāni te pādaḥ śiro dyauḥ samavartata ॥ 9॥

nābhyā āsīdantarikṣaṃ lomāni ca vanaspatiḥ ।
candramā manaso jātaścakṣoḥ sūryastava prabho ॥ 10॥

tvameva sarva tvayi deva sarvaṃ
sarvastutistavya iha tvameva ।
īśa tvayā vāsyamidaṃ hi sarvaṃ
namo’stu bhūyo’pi namo namaste ॥ 11॥

https://www.youtube.com/watch?v=yw_plh2yglg

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सन्दीप शाह

सन्दीप शाह दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक हैं। वे तकनीक के माध्यम से हिंदी के प्रचार-प्रसार को लेकर कार्यरत हैं। बचपन से ही जिज्ञासु प्रकृति के रहे सन्दीप तकनीक के नए आयामों को समझने और उनके व्यावहारिक उपयोग को लेकर सदैव उत्सुक रहते हैं। हिंदीपथ के साथ जुड़कर वे तकनीक के माध्यम से हिंदी की उत्तम सामग्री को लोगों तक पहुँचाने के काम में लगे हुए हैं। संदीप का मानना है कि नए माध्यम ही हमें अपनी विरासत के प्रसार में सहायता पहुँचा सकते हैं।

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