कविता

सात रंग में खेल – Saat Rang Mein Khel Rahi Hai Lyrics in Hindi

“सात रंग में खेल” 1985 की प्रसिद्ध फ़िल्म आखिर क्यों का गाना है। इसे सुरों से सजाया है अमित कुमार और अनुराधा पौड़वाल ने व संगीतबद्ध किया है राजेश रोशन ने। इन्दीवर की क़लम ने जन्म दिया है इन ख़ूबसूरत शब्दों को। फ़िल्म में राजेश खन्ना, स्मिता पाटिल, टीना मुनीम और सुजीत कुमार ने महत्वपूर्ण भूमिकाएँ अदा की हैं। पढ़ें सात रंग में खेल के बोल हिंदी में (Saat Rang Mein Khel Rahi Hai lyrics in Hindi)–

“सात रंग में खेल” लिरिक्स

सात रंग में खेल रही है
दिल वालों की टोली रे
भीगे दामन चोली रे
अरे अपने ही रंग में रंग ले मुझको
याद रहेगी होली रे

लाल-गुलाबी नीले-पीले
रंग है दुनिया वालों के
प्यार के रंग में डूब गए दिल
देखो हम मतवालों के
अरे उजला मुखड़ा देख के तेरा
रंग उड़े है उजालों के
सात रंग में खेल…

हौंदा है इक बार साल विच
फागुन दा महीना
नहा के रंग में निखर गयी है
आज हर इक हसीना
अरे इस मौसम में जो ना भीगे
क्या है उसका जीना
सात रंग में खेल…

आखिर क्यों से जुड़े तथ्य

फिल्मआखिर क्यों
वर्ष1985
गायक / गायिकाअमित कुमार, अनुराधा पौड़वाल
संगीतकारराजेश रोशन
गीतकारइन्दीवर
अभिनेता / अभिनेत्रीराजेश खन्ना, स्मिता पाटिल, टीना मुनीम, सुजीत कुमार

विदेशों में जा बसे बहुत से देशवासियों की मांग है कि हम सात रंग में खेल गीत को देवनागरी हिंदी के अतिरिक्त अंग्रेजी / रोमन में भी प्रस्तुत करें ताकि वे भी इस गाने को पढ़ सकें व आनंद ले सकें। पढ़ें Saat Rang Mein Khel Rahi Hai रोमन में-

Saat Rang Mein Khel Rahi Hai Lyrics in Hindi

sāta raṃga meṃ khela rahī hai
dila vāloṃ kī ṭolī re
bhīge dāmana colī re
are apane hī raṃga meṃ raṃga le mujhako
yāda rahegī holī re

lāla-gulābī nīle-pīle
raṃga hai duniyā vāloṃ ke
pyāra ke raṃga meṃ ḍūba gae dila
dekho hama matavāloṃ ke
are ujalā mukhaड़ā dekha ke terā
raṃga uड़e hai ujāloṃ ke
sāta raṃga meṃ khela…

hauṃdā hai ika bāra sāla vica
phāguna dā mahīnā
nahā ke raṃga meṃ nikhara gayī hai
āja hara ika hasīnā
are isa mausama meṃ jo nā bhīge
kyā hai usakā jīnā
sāta raṃga meṃ khela…

Facts about the Song

FilmAakhir Kyon
Year1985
SingerAmit Kumar, Anuradha Paudwal
MusicRajesh Roshan
LyricsIndeevar
ActorsRajesh Khanna, Smita Patil, Tina Munim, Sujit Kumar

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सन्दीप शाह

सन्दीप शाह दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक हैं। वे तकनीक के माध्यम से हिंदी के प्रचार-प्रसार को लेकर कार्यरत हैं। बचपन से ही जिज्ञासु प्रकृति के रहे सन्दीप तकनीक के नए आयामों को समझने और उनके व्यावहारिक उपयोग को लेकर सदैव उत्सुक रहते हैं। हिंदीपथ के साथ जुड़कर वे तकनीक के माध्यम से हिंदी की उत्तम सामग्री को लोगों तक पहुँचाने के काम में लगे हुए हैं। संदीप का मानना है कि नए माध्यम ही हमें अपनी विरासत के प्रसार में सहायता पहुँचा सकते हैं।

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