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सांवलिया सेठ के श्री चरणों में – Sanwariya Seth Ke Shri Charnon Main Arji Lagane Aaya Hun Lyrics In Hindi

पढ़ें “सांवलिया सेठ के श्री चरणों में” लिरिक्स

सांवलिया सेठ के, श्री चरणों में,
अर्जी लगाने आया हूं..
झुकती है सारी, दुनिया जहां पर,
मैं भी सर झुकाने आया हूं….

(तर्ज – पर्बत के पीछे चम्बे दा गांव)

सबको पता है, खाटू सा, दरबार नही दूजा,
इसीलिये, कलयुग में घर-घर, होती है पूजा,
इस दुनिया में, बाबा सा, दात्तार नही दूजा,
मनके भावों को, दिल के घावों को,
मर्हम लगवाने आया हूं.. हो..
सांवलिया सेठ के, श्री चरणों में….

इनका वचन है, इनका भगत, परेशान नही होगा,
इज्जत शोहरत सब होगी, अभिमान नही होगा,
इनकी कृपा से, बढ़ कर कोई, वरदान नही होगा
किस्मत की रेखा, कर्मों का लेखा,
मैं भी.. बदलवाने आया हूं.. हो..
सांवलिया सेठ के, श्री चरणों में….

खाटू की ग्यारस जैसा, त्योंहार नही देखा,
भग्तों का, यहां आना कभी, बेकार नही देखा,
‘अम्बरीष’ कहै, इस दर पे कभी, इनकार नही देखा,
किरपा ये तेरी, किस्मत में मेरी,
मैं भी.. लिखवाने आया हूँ.. हो..
सांवलिया सेठ के, श्री चरणों में…..
सांवलिया सेठ, के श्री चरणों में….

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सुरभि भदौरिया

सात वर्ष की छोटी आयु से ही साहित्य में रुचि रखने वालीं सुरभि भदौरिया एक डिजिटल मार्केटिंग एजेंसी चलाती हैं। अपने स्वर्गवासी दादा से प्राप्त साहित्यिक संस्कारों को पल्लवित करते हुए उन्होंने हिंदीपथ.कॉम की नींव डाली है, जिसका उद्देश्य हिन्दी की उत्तम सामग्री को जन-जन तक पहुँचाना है। सुरभि की दिलचस्पी का व्यापक दायरा काव्य, कहानी, नाटक, इतिहास, धर्म और उपन्यास आदि को समाहित किए हुए है। वे हिंदीपथ को निरन्तर नई ऊँचाइंयों पर पहुँचाने में सतत लगी हुई हैं।

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