धर्म

शिवजी बिहाने चले – Shivji Bihane Chale Lyrics: Shiv Vivah

“शिवजी बिहाने चले” बहुत ही सुंदर भजन है जो शिव विवाह (Shiv Vivah) के प्रसंग का अद्भुत वर्णन करता है। भगवान महादेव और माता पार्वती का विवाह भोलेनाथ की शादी आदि अनेक भजनों तथा गीतों का विषय है। फिर भी यह गीत अपने आप में विशेष है क्योंकि इसकी मधुरता अतुलनीय है। इस गीत का प्रत्येक शब्द बहुत ही मनोरम है। पढ़ें इस भजन के बोल (Shivji Bihane Chale Lyrics) हिंदी में–

“शिवजी बिहाने चले” भजन लिरिक्स

शिवजी बिहाने चले,
पालकी सजाय के,
भभूति रमाय के, हो राम,
संग संग बाराती चले,
ढोलवा बजाई के,
घुड़वा दौड़ाय के, हो राम,
शिवजी बिहाने चले,
पालकी सजाय के,
भभूति रमाय के, हो राम।

हिमगिरि ने गौरा के ब्याह की,
लगन पत्रिका लिखवाई,
नारद जी के हाथ वो चिट्ठी,
ब्रह्मा जी तक पहुँचाई,
ब्रह्मा जी ने लग्न पत्रिका,
सबको बाँच सुनाई थी,
शंकर की बारात चलेंगे,
सबने खुशी मनायी थी,
देवता करें तैयारी,
अपनी अपनी सवारी,
लेके कैलाश चले,
शंख बजाए के,
खुशियाँ मनाए के, हो राम,
ए भैया शिवजी बिहाने चले,
पालकी सजाय के,
भभूति रमाय के, हो राम।
संग संग बाराती चले,
ढोलवा बजाई के,
घुड़वा दौड़ाय के हो राम।

विष्णु और लक्ष्मी जी दोनों,
गरुड़ के ऊपर चढ़ आए,
दाढ़ी वाले बूढ़े ब्रह्मा,
हंस सवारी ले आए,
बड़ी शान से इंद्र आए,
ऐरावत लेके हाथी,
भैंसे पर यमराज बिराजै,
और यमदूत सभी साथी,
मस्ती में हरि गुण गाते,
नारद जी खुशी मनाते,
शंकर के बने बराती,
वीणा बजाय के,
तारों को सजाय के हो राम,
ए भैया शिवजी बिहाने चले,
पालकी सजाय के,
भभूति रमाय के, हो राम।
संग संग बाराती चले,
ढोलवा बजाई के,
घुड़वा दौड़ाय के हो राम।

शंकर के गण हुए इकट्ठे,
बाबा को प्रणाम किया,
हार शृंगार बनाने वाला,
तब सारा सामान लिया,
राख मंगाकर श्मशानों से,
उसकी लेप बनाई थी,
जय बम भोले कहके उनके,
तन पे भभूत चढ़ाई थी,
बूढ़े में कुण्डल वाला,
बैठा था फणीधर काला,
मस्ती में झूम रहा,
फनवा घुमाई के,
जिह्वा हिलाई के, हो राम,
ए भैया शिवजी बिहाने चले,
पालकी सजाय के,
भभूति रमाय के, हो राम।
संग संग बाराती चले,
ढोलवा बजाई के,
घुड़वा दौड़ाय के हो राम।

यह भी पढें – हरितालिका तीज व्रत कथा

मस्तक पे थे त्रैलोचन और,
दूध का चंद्र बिराज रहा,
डम डम डमरु बाजे,
और त्रिशूल हाथ में साज रहा,
भोले बाबा को पहनाई,
नर मुण्डों की इक माला,
बाघंबर की खाल ओढ़ाई,
और कंधे पर मृग छाला,
गंगा की धारा बहती,
कलकल कल करके कहती,
बुरी नजर से इन्हें,
रखना बचाई के,
मुखड़ा छुपाई के, हो राम,
ए भैया शिवजी बिहाने चले,
पालकी सजाय के,
भभूति रमाय के, हो राम।
संग संग बाराती चले,
ढोलवा बजाई के,
घुड़वा दौड़ाय के हो राम।

नंदी गण से कह बाबा ने,
अपने सब गण बुलवाए,
शंकर की बारात चढ़ेंगे,
खुशी मनाके सब आए,
यक्षों और पिशाचों के संग,
भूत प्रेतों के टोले,
नाचें कूदें शोर मचावें,
जय भोले बम बम भोले,
कोई पतला कोई मोटा,
कोई लंबा कोई छोटा,
काले और नीले पीले,
टोलियाँ बनाय के,
सजके सजाय के, हो राम,
ए भैया शिवजी बिहाने चले,
पालकी सजाय के,
भभूति रमाय के, हो राम।
संग संग बाराती चले,
ढोलवा बजाई के,
घुड़वा दौड़ाय के, हो राम।

शंकर के गण हुए इक्कट्ठे,
बाबा को प्रणाम किया,
हार शृंगार बनाने वाला,
तब सारा सामान लिया,
राख मंगाकर श्मशानों से,
उसकी लेप बनाई थी,
जय बम भोले कहके उनके,
तन पे भभूत चढ़ाई थी,
बूढ़े में कुण्डल वाला,
बैठा था फनिधर काला,
मस्ती में झूम रहा,
फनवा घुमाई के,
जिह्वा हिलाई के हो राम,
ए भैया शिवजी बिहाने चले,
पालकी सजाय के,
भभूति रमाय के, हो राम।
संग संग बाराती चले,
ढोलवा बजाई के,
घुड़वा दौड़ाय के हो राम।

मस्तक पे थे त्रिलोचन और,
दूध का चंद्र बिराज रहा,
डम डम डमरु बाजै,
और त्रिशूल हाथ में साज रहा,
भोले बाबा को पहनाई,
नर मुण्डों की इक माला,
बाघंबर की खाल ओढ़ाई,
और कंधे पर मृग छाला,
गंगा की धारा बहती,
कलकल कल करके कहती,
बुरी नजर से इन्हें,
रखना बचाई के,
मुखड़ा छुपाई के, हो राम,
ए भैया शिव जी बिहाने चले,
पालकी सजाय के,
भभूति रमाय के, हो राम।
संग संग बाराती चले,
ढोलवा बजाई के,
घुड़वा दौड़ाय के हो राम।

नंदी गण से कह बाबा ने,
अपने सब गण बुलवाए,
शंकर की बारात चढ़ेंगे,
खुशी मनाके सब आए,
यक्षों और पिशाचों के संग,
भूत प्रेतों के टोले,
नाचे कूदें शोर मचावैं,
जय भोले बम बम भोले,
कोई पतला कोई मोटा,
कोई लंबा कोई छोटा,
काले और नीले पीले,
टोलियाँ बनाय के,
सजके सजाय के हो राम,
ए भैया शिव जी बिहाने चले,
पालकी सजाय के,
भभूति रमाय के, हो राम।
संग संग बाराती चले,
ढोलवा बजाई के,
घुड़वा दौड़ाय के, हो राम।

किसी की आँखे तीन तीन और,
किसी के माथे एक लगी,
एक टाँग पे चले कोई और,
किसी के टांग अनेक लगीं,
मुँह किसी का लगा पेट में,
और किसी का छाती में,
कोई ऊँचा आसमान सा,
कोई रेंगता धरती में,
लंबा चौड़ा मुँह खोले,
बोली भयंकर बोले,
धरती गगन भर डाला,
बभूति उड़ाय के,
धूम मचाई के हो राम,
ए भैया शिवजी बिहाने चले,
पालकी सजाय के,
भभूति रमाय के, हो राम।
संग संग बाराती चले,
ढोलवा बजाई के,
घुड़वा दौड़ाय के, हो राम।

गरुड़ के ऊपर विष्णु निकले,
ब्रह्मा हंस के साथ चले,
ऐरावत पर इंदर बैठे,
भैंसे पर यमराज चले,
बाकी देवता भी ले चल रहे,
अपनी अपनी असवारी,
भोले शंकर ने देखा,
हो गई बारात की तैयारी,
नंदी पर आप विराजे,
डमरु त्रिशूल को साजै,
खुशियों में नंदी नाचै,
सिंगवा हिलाय के,
पूँछवा घुमाय के, हो राम,
ए भैया शिवजी बिहाने चले,
पालकी सजाय के,
भभूति रमाय के, हो राम।
संग संग बाराती चले,
ढोलवा बजाई के,
घुड़वा दौड़ाय के, हो राम।

आगे आगे शंकर बाबा,
पीछे भूत प्रेत चले,
ब्रह्मा विष्णु धर्मराज और,
इंद्र गरुड़ समेत चले,
ढ़ोल नगाड़े शंख बजे और,
बाज रही थी शहनाई,
चलते चलते शंकर की बारात,
नगर के पास आई,
सुंदर स्थान निहारा,
शिवजी ने किया इशारा,
देवता नाचन लागै,
झंडे उठाय के,
बाजे बजाय के, हो राम,
ए भैया शिवजी बिहाने चले,
पालकी सजाय के,
भभूति रमाय के, हो राम।
संग संग बाराती चले,
ढोलवा बजाई के,
घुड़वा दौड़ाय के, हो राम।

हिमगिर ने जब शोर सुना,
पंचायत अपनी बुलवाई,
मिलजुल कर सब करें स्वागत,
गौरा की बारात आई,
चले उधर पंचायत वाले,
स्वागत गीत सुनाते थे,
उनसे भी आगे कुछ बच्चे,
भागे दौड़े जाते थे,
दूल्हे के देखे नैना,
भूतों प्रेतों की सेना,
बालक तो घर को भागे,
होश भुलाय के,
साँस फुलाय के, हो राम,
ए भैया शिवजी बिहाने चले,
पालकी सजाय के,
भभूति रमाय के, हो राम।
संग संग बाराती चले,
ढोलवा बजाई के,
घुड़वा दौड़ाय के, हो राम।

मात पिता सों बालक बोलै,
ये कैसी बारात आई,
लगता है के नरक छोड़,
यमदूतों की जमात आई,
जो इस ब्याह को देखेगा वो,
बड़ा भाग्यशाली होगा,
पर हम कहते हैं कि सारा,
नगर आज खाली होगा,
माता पिता समझावें,
बच्चों को पास बुलावें,
डर को छोड़ो तुम खेलो,
खुशियाँ मनाय के,
राघवेंद्र गाय के, हो राम,
ए भैया शिवजी बिहाने चले,
पालकी सजाय के,
भभूति रमाय के, हो राम।
संग संग बाराती चले,
ढोलवा बजाई के,
घुड़वा दौड़ाय के, हो राम।

हिमगिरि ने सबके स्वागत में,
अपने नैन बिछाये थे,
कर विनती सम्मान सभी को,
जनवासे में लाए थे,
इंद्रपुरी से जनवासा था,
जहाँ उन्हें ठहराया था,
दास दासियों ने आकर,
सबको जल-पान कराया था,
ब्रह्मा और इंद्र आए,
देखके सब हरषाए,
विष्णु को माथा टेके,
शीश झुकाय के,
हरि गुण गाइके हो राम,
ए भैया शिवजी बिहाने चले,
पालकी सजाय के,
भभूति रमाय के, हो राम।
संग संग बाराती चले,
ढोलवा बजाई के,
घुड़वा दौड़ाय के, हो राम।

इतने में गौरा की सखियाँ,
सोने की थाली लाईं,
महादेव शंकर दूल्हे की,
आरती करने को आई,
उन सबने नारद से पूछा,
दूल्हा कौन है बतलाओ,
बैठा है जिस जगह वहीं पे,
हम सबको भी पहुँचाओ,
नारद की निकले हाँसी,
बोले तब खाँस के खाँसी,
संग गणों को भेजा,
रास्ता दिखाय के,
जरा मुस्काय के, हो राम,
ए भैया शिवजी बिहाने चले,
पालकी सजाय के,
भभूति रमाय के, हो राम।
संग संग बाराती चले,
ढोलवा बजाई के,
घुड़वा दौड़ाय के, हो राम।

सखियों ने देखा बारात ये,
नहीं प्रेतों की टोली,
भाँत भाँत के रूप बनावें,
तरह तरह बोलें बोली,
कोई तो पीवे सूखा गाँजा,
कई घोटते भाँग रहे,
छीना झपटी करते हैं,
कई इक दूजे से माँग रहे,
मस्ती में झूम रहे हैं,
नशे में घूम रहे हैं,
भाँग को लागे रगड़ा,
सोटवा घुमाय के,
घोटवा लगाय के, हो राम,
ए भैया शिवजी बिहाने चले,
पालकी सजाय के,
भभूति रमाय के, हो राम।
संग संग बाराती चले,
ढोलवा बजाई के,
घुड़वा दौड़ाय के, हो राम।

सखियों ने दूल्हे को देखा,
लंबी दाढ़ी वाला है,
हाथ में जिसके खप्पर डमरु,
गले साँप की माला है,
जटाजूट बाँधे और तन पे,
जिसने राख चढ़ाई है,
बाघंबर की खाल ओढ़ने,
ते मृग छाल बिछाई है,
सखियाँ जब करें इशारे,
नंदी जी खड़े निहारें,
सखियों के पीछे पड़ गए,
पूछनी घुमाय के,
सिंगवा हिलाय के हो राम,
ए भैया शिवजी बिहाने चले,
पालकी सजाय के,
भभूति रमाय के, हो राम।
संग संग बाराती चले,
ढोलवा बजाई के,
घुड़वा दौड़ाय के, हो राम।

जनवासे से बाहर निकली,
सब सखियाँ घबराई थीं,
गोरा तेरी किस्मत फूटी,
उसे बताने आई थीं,
पार्वती से आकर बोलीं,
तेरा दूल्हा देख लिया,
तेरे पिता ने बस यूँ समझो,
तुझे नरक में भेज दिया,
है वो श्मशान का वासी,
है कोई जोगी-संन्यासी,
मस्ती में डूबा रहे,
भाँग चढ़ाय के,
धतूरा चबाय के, हो राम,
ए भैया शिवजी बिहाने चले,
पालकी सजाय के,
भभूति रमाय के, हो राम।
संग संग बाराती चले,
ढोलवा बजाई के,
घुड़वा दौड़ाय के, हो राम।

पार्वती ने उत्तर ऐसे,
दिया सभी की बोली का,
मेरा और शंकर का रिश्ता,
है दामन और चोली का,
जन्म जन्म की लगन यही है,
माँ अपनी से कह दूंगी,
ब्याह होगा तो शंकर से,
अन्यथा कुँवारी रह लूंगी,
गौरा की सुनकर वाणी,
खुश हो गईं सखी सयानी,
चलने लगीं दोनों की,
जय जय बुलाय के,
गीत गुनगुनाय के, हो राम,
ए भैया शिवजी बिहाने चले,
पालकी सजाय के,
भभूति रमाय के, हो राम।
संग संग बाराती चले,
ढोलवा बजाई के,
घुड़वा दौड़ाय के, हो राम।

उधर गणों ने मिलकर के,
शिव बाबा को तैयार किया,
इधर गौरी की सखियों ने था,
गौरा का शृंगार किया,
महलों के प्रांगण में वेदी,
सुंदर एक बनाई थी,
मंडप जब तैयार हुआ तो,
फिर बारात बुलवाई थी,
देवता बाजे बजावें,
शंकर डमरु खड़कावें,
भूतों की सेना चली,
नाच दिखाय के,
धूम मचाय के हो राम,
ए भैया शिवजी बिहाने चले,
पालकी सजाय के,
भभूति रमाय के, हो राम।
संग संग बाराती चले,
ढोलवा बजाई के,
घुड़वा दौड़ाय के, हो राम।

गलियों और बारातों में थी,
सचमुच भीड़ लगी भारी,
अपने अपने घर के आगे,
खड़ी हो हो देखें नारी,
ब्रह्मा विष्णु इंद्र आदि को,
देख सभी हरषाई थीं,
पर शंकर को देख नारियाँ,
घर के भीतर भागी थीं,
धक धक दिल धड़कन लागै,
अंग सब फड़कन लागै,
नन्हे नन्हे बच्चों को,
गोद में उठाय के, हो राम,
गले से लगाइके हो राम,
ए भैया शिवजी बिहाने चले,
पालकी सजाय के,
भभूति रमाय के, हो राम।
संग संग बाराती चले,
ढोलवा बजाई के,
घुड़वा दौड़ाय के, हो राम।

गौरा की माँ ने हिमगिर को,
अपने पास बुलाया था,
सखियों ने जो हाल कहा था,
सब उनको समझाया था,
बोली मैं अपनी बेटी को,
तबाह नहीं होने दूंगी,
कुँए में गिरके मर जाऊंगी,
ब्याह नहीं होने दूंगी,
इतने में हरि गुण गाते,
नारद जी वीण बजाते,
पिछले जनम की कथा,
बोले समझाय के,
सबको सुनाई के हो राम,
ए भैया शिवजी बिहाने चले,
पालकी सजाय के,
भभूति रमाय के, हो राम।
संग संग बाराती चले,
ढोलवा बजाई के,
घुड़वा दौड़ाय के, हो राम।

मण्डप में जब पहुँचे शंकर,
आसन देके बिठलाया,
पहले उनकी पूजा करी फिर,
पार्वती को बुलवाया,
बड़े प्रेम से हिमगिरि ने,
गिरजा का कन्यादान किया,
शंकर सहित बाराती जितने,
सबका ही सम्मान किया,
शंकर और पार्वती की,
सुंदर सी जोड़ी देखी,
देवता खुश हुए,
फूल बरसाय के,
जय जय बुलाय के हो राम,
ए भैया शिव जी बिहाने चले,
पालकी सजाय के,
भभूति रमाय के, हो राम।
संग संग बाराती चले,
ढोलवा बजाई के,
घुड़वा दौड़ाय के, हो राम।

गले लगाकर बेटी को,
हिमगिर मैना ने विदा किया,
पार्वती को शंकर ने,
नंदी की पीठ पर बिठा लिया,
सोमनाथ की इस गाथा को,
सुने वा इसका गान करे,
संकट सारे मिट जाएँ,
शिव जी उनका कल्याण करें,
लेकर के पार्वती को,
शंकर कैलाशपति को,
नंदी मस्ती में भागे,
सिंगवा हिलाय के,
पूँछवा घुमाय के, हो राम,
ए भैया शिवजी बिहाने चले,
पालकी सजाय के,
भभूति रमाय के, हो राम।
संग संग बाराती चले,
ढोलवा बजाई के,
घुड़वा दौड़ाय के, हो राम।

विदेशों में बसे कुछ हिंदू स्वजनों के आग्रह पर यह भजन को हम रोमन में भी प्रस्तुत कर रहे हैं। हमें आशा है कि वे इससे अवश्य लाभान्वित होंगे। पढ़ें यह भजन रोमन में–

Read Shivji Bihane Chale Lyrics

“śivajī bihāne cale” bhajana liriksa
śivajī bihāne cale,
pālakī sajāya ke,
bhabhūti ramāya ke, ho rāma,
saṃga saṃga bārātī cale,
ḍholavā bajāī ke,
ghuड़vā dauड़āya ke, ho rāma,
śivajī bihāne cale,
pālakī sajāya ke,
bhabhūti ramāya ke, ho rāma।

himagiri ne gaurā ke byāha kī,
lagana patrikā likhavāī,
nārada jī ke hātha vo ciṭṭhī,
brahmā jī taka pahu~cāī,
brahmā jī ne lagna patrikā,
sabako bā~ca sunāī thī,
śaṃkara kī bārāta caleṃge,
sabane khuśī manāyī thī,
devatā kareṃ taiyārī,
apanī apanī savārī,
leke kailāśa cale,
śaṃkha bajāe ke,
khuśiyā~ manāe ke, ho rāma,
e bhaiyā śivajī bihāne cale,
pālakī sajāya ke,
bhabhūti ramāya ke, ho rāma।
saṃga saṃga bārātī cale,
ḍholavā bajāī ke,
ghuड़vā dauड़āya ke ho rāma।

viṣṇu aura lakṣmī jī donoṃ,
garuड़ ke ūpara caढ़ āe,
dāढ़ī vāle būढ़e brahmā,
haṃsa savārī le āe,
baड़ī śāna se iṃdra āe,
airāvata leke hāthī,
bhaiṃse para yamarāja birājai,
aura yamadūta sabhī sāthī,
mastī meṃ hari guṇa gāte,
nārada jī khuśī manāte,
śaṃkara ke bane barātī,
vīṇā bajāya ke,
tāroṃ ko sajāya ke ho rāma,
e bhaiyā śivajī bihāne cale,
pālakī sajāya ke,
bhabhūti ramāya ke, ho rāma।
saṃga saṃga bārātī cale,
ḍholavā bajāī ke,
ghuड़vā dauड़āya ke ho rāma।

śaṃkara ke gaṇa hue ikaṭṭhe,
bābā ko praṇāma kiyā,
hāra śṛṃgāra banāne vālā,
taba sārā sāmāna liyā,
rākha maṃgākara śmaśānoṃ se,
usakī lepa banāī thī,
jaya bama bhole kahake unake,
tana pe bhabhūta caढ़āī thī,
būढ़e meṃ kuṇḍala vālā,
baiṭhā thā phaṇīdhara kālā,
mastī meṃ jhūma rahā,
phanavā ghumāī ke,
jihvā hilāī ke, ho rāma,
e bhaiyā śivajī bihāne cale,
pālakī sajāya ke,
bhabhūti ramāya ke, ho rāma।
saṃga saṃga bārātī cale,
ḍholavā bajāī ke,
ghuड़vā dauड़āya ke ho rāma।

mastaka pe the trailocana aura,
dūdha kā caṃdra birāja rahā,
ḍama ḍama ḍamaru bāje,
aura triśūla hātha meṃ sāja rahā,
bhole bābā ko pahanāī,
nara muṇḍoṃ kī ika mālā,
bāghaṃbara kī khāla oढ़āī,
aura kaṃdhe para mṛga chālā,
gaṃgā kī dhārā bahatī,
kalakala kala karake kahatī,
burī najara se inheṃ,
rakhanā bacāī ke,
mukhaड़ā chupāī ke, ho rāma,
e bhaiyā śivajī bihāne cale,
pālakī sajāya ke,
bhabhūti ramāya ke, ho rāma।
saṃga saṃga bārātī cale,
ḍholavā bajāī ke,
ghuड़vā dauड़āya ke ho rāma।

naṃdī gaṇa se kaha bābā ne,
apane saba gaṇa bulavāe,
śaṃkara kī bārāta caढ़eṃge,
khuśī manāke saba āe,
yakṣoṃ aura piśācoṃ ke saṃga,
bhūta pretoṃ ke ṭole,
nāceṃ kūdeṃ śora macāveṃ,
jaya bhole bama bama bhole,
koī patalā koī moṭā,
koī laṃbā koī choṭā,
kāle aura nīle pīle,
ṭoliyā~ banāya ke,
sajake sajāya ke, ho rāma,
e bhaiyā śivajī bihāne cale,
pālakī sajāya ke,
bhabhūti ramāya ke, ho rāma।
saṃga saṃga bārātī cale,
ḍholavā bajāī ke,
ghuड़vā dauड़āya ke, ho rāma।

śaṃkara ke gaṇa hue ikkaṭṭhe,
bābā ko praṇāma kiyā,
hāra śṛṃgāra banāne vālā,
taba sārā sāmāna liyā,
rākha maṃgākara śmaśānoṃ se,
usakī lepa banāī thī,
jaya bama bhole kahake unake,
tana pe bhabhūta caढ़āī thī,
būढ़e meṃ kuṇḍala vālā,
baiṭhā thā phanidhara kālā,
mastī meṃ jhūma rahā,
phanavā ghumāī ke,
jihvā hilāī ke ho rāma,
e bhaiyā śivajī bihāne cale,
pālakī sajāya ke,
bhabhūti ramāya ke, ho rāma।
saṃga saṃga bārātī cale,
ḍholavā bajāī ke,
ghuड़vā dauड़āya ke ho rāma।

mastaka pe the trilocana aura,
dūdha kā caṃdra birāja rahā,
ḍama ḍama ḍamaru bājai,
aura triśūla hātha meṃ sāja rahā,
bhole bābā ko pahanāī,
nara muṇḍoṃ kī ika mālā,
bāghaṃbara kī khāla oढ़āī,
aura kaṃdhe para mṛga chālā,
gaṃgā kī dhārā bahatī,
kalakala kala karake kahatī,
burī najara se inheṃ,
rakhanā bacāī ke,
mukhaड़ā chupāī ke, ho rāma,
e bhaiyā śiva jī bihāne cale,
pālakī sajāya ke,
bhabhūti ramāya ke, ho rāma।
saṃga saṃga bārātī cale,
ḍholavā bajāī ke,
ghuड़vā dauड़āya ke ho rāma।

naṃdī gaṇa se kaha bābā ne,
apane saba gaṇa bulavāe,
śaṃkara kī bārāta caढ़eṃge,
khuśī manāke saba āe,
yakṣoṃ aura piśācoṃ ke saṃga,
bhūta pretoṃ ke ṭole,
nāce kūdeṃ śora macāvaiṃ,
jaya bhole bama bama bhole,
koī patalā koī moṭā,
koī laṃbā koī choṭā,
kāle aura nīle pīle,
ṭoliyā~ banāya ke,
sajake sajāya ke ho rāma,
e bhaiyā śiva jī bihāne cale,
pālakī sajāya ke,
bhabhūti ramāya ke, ho rāma।
saṃga saṃga bārātī cale,
ḍholavā bajāī ke,
ghuड़vā dauड़āya ke, ho rāma।

kisī kī ā~khe tīna tīna aura,
kisī ke māthe eka lagī,
eka ṭā~ga pe cale koī aura,
kisī ke ṭāṃga aneka lagīṃ,
mu~ha kisī kā lagā peṭa meṃ,
aura kisī kā chātī meṃ,
koī ū~cā āsamāna sā,
koī reṃgatā dharatī meṃ,
laṃbā cauड़ā mu~ha khole,
bolī bhayaṃkara bole,
dharatī gagana bhara ḍālā,
babhūti uड़āya ke,
dhūma macāī ke ho rāma,
e bhaiyā śivajī bihāne cale,
pālakī sajāya ke,
bhabhūti ramāya ke, ho rāma।
saṃga saṃga bārātī cale,
ḍholavā bajāī ke,
ghuड़vā dauड़āya ke, ho rāma।

garuड़ ke ūpara viṣṇu nikale,
brahmā haṃsa ke sātha cale,
airāvata para iṃdara baiṭhe,
bhaiṃse para yamarāja cale,
bākī devatā bhī le cala rahe,
apanī apanī asavārī,
bhole śaṃkara ne dekhā,
ho gaī bārāta kī taiyārī,
naṃdī para āpa virāje,
ḍamaru triśūla ko sājai,
khuśiyoṃ meṃ naṃdī nācai,
siṃgavā hilāya ke,
pū~chavā ghumāya ke, ho rāma,
e bhaiyā śivajī bihāne cale,
pālakī sajāya ke,
bhabhūti ramāya ke, ho rāma।
saṃga saṃga bārātī cale,
ḍholavā bajāī ke,
ghuड़vā dauड़āya ke, ho rāma।

āge āge śaṃkara bābā,
pīche bhūta preta cale,
brahmā viṣṇu dharmarāja aura,
iṃdra garuड़ sameta cale,
ढ़ola nagāड़e śaṃkha baje aura,
bāja rahī thī śahanāī,
calate calate śaṃkara kī bārāta,
nagara ke pāsa āī,
suṃdara sthāna nihārā,
śivajī ne kiyā iśārā,
devatā nācana lāgai,
jhaṃḍe uṭhāya ke,
bāje bajāya ke, ho rāma,
e bhaiyā śivajī bihāne cale,
pālakī sajāya ke,
bhabhūti ramāya ke, ho rāma।
saṃga saṃga bārātī cale,
ḍholavā bajāī ke,
ghuड़vā dauड़āya ke, ho rāma।

himagira ne jaba śora sunā,
paṃcāyata apanī bulavāī,
milajula kara saba kareṃ svāgata,
gaurā kī bārāta āī,
cale udhara paṃcāyata vāle,
svāgata gīta sunāte the,
unase bhī āge kucha bacce,
bhāge dauड़e jāte the,
dūlhe ke dekhe nainā,
bhūtoṃ pretoṃ kī senā,
bālaka to ghara ko bhāge,
hośa bhulāya ke,
sā~sa phulāya ke, ho rāma,
e bhaiyā śivajī bihāne cale,
pālakī sajāya ke,
bhabhūti ramāya ke, ho rāma।
saṃga saṃga bārātī cale,
ḍholavā bajāī ke,
ghuड़vā dauड़āya ke, ho rāma।

māta pitā soṃ bālaka bolai,
ye kaisī bārāta āī,
lagatā hai ke naraka choड़,
yamadūtoṃ kī jamāta āī,
jo isa byāha ko dekhegā vo,
baड़ā bhāgyaśālī hogā,
para hama kahate haiṃ ki sārā,
nagara āja khālī hogā,
mātā pitā samajhāveṃ,
baccoṃ ko pāsa bulāveṃ,
ḍara ko choड़o tuma khelo,
khuśiyā~ manāya ke,
rāghaveṃdra gāya ke, ho rāma,
e bhaiyā śivajī bihāne cale,
pālakī sajāya ke,
bhabhūti ramāya ke, ho rāma।
saṃga saṃga bārātī cale,
ḍholavā bajāī ke,
ghuड़vā dauड़āya ke, ho rāma।

himagiri ne sabake svāgata meṃ,
apane naina bichāye the,
kara vinatī sammāna sabhī ko,
janavāse meṃ lāe the,
iṃdrapurī se janavāsā thā,
jahā~ unheṃ ṭhaharāyā thā,
dāsa dāsiyoṃ ne ākara,
sabako jala-pāna karāyā thā,
brahmā aura iṃdra āe,
dekhake saba haraṣāe,
viṣṇu ko māthā ṭeke,
śīśa jhukāya ke,
hari guṇa gāike ho rāma,
e bhaiyā śivajī bihāne cale,
pālakī sajāya ke,
bhabhūti ramāya ke, ho rāma।
saṃga saṃga bārātī cale,
ḍholavā bajāī ke,
ghuड़vā dauड़āya ke, ho rāma।

itane meṃ gaurā kī sakhiyā~,
sone kī thālī lāīṃ,
mahādeva śaṃkara dūlhe kī,
āratī karane ko āī,
una sabane nārada se pūchā,
dūlhā kauna hai batalāo,
baiṭhā hai jisa jagaha vahīṃ pe,
hama sabako bhī pahu~cāo,
nārada kī nikale hā~sī,
bole taba khā~sa ke khā~sī,
saṃga gaṇoṃ ko bhejā,
rāstā dikhāya ke,
jarā muskāya ke, ho rāma,
e bhaiyā śivajī bihāne cale,
pālakī sajāya ke,
bhabhūti ramāya ke, ho rāma।
saṃga saṃga bārātī cale,
ḍholavā bajāī ke,
ghuड़vā dauड़āya ke, ho rāma।

sakhiyoṃ ne dekhā bārāta ye,
nahīṃ pretoṃ kī ṭolī,
bhā~ta bhā~ta ke rūpa banāveṃ,
taraha taraha boleṃ bolī,
koī to pīve sūkhā gā~jā,
kaī ghoṭate bhā~ga rahe,
chīnā jhapaṭī karate haiṃ,
kaī ika dūje se mā~ga rahe,
mastī meṃ jhūma rahe haiṃ,
naśe meṃ ghūma rahe haiṃ,
bhā~ga ko lāge ragaड़ā,
soṭavā ghumāya ke,
ghoṭavā lagāya ke, ho rāma,
e bhaiyā śivajī bihāne cale,
pālakī sajāya ke,
bhabhūti ramāya ke, ho rāma।
saṃga saṃga bārātī cale,
ḍholavā bajāī ke,
ghuड़vā dauड़āya ke, ho rāma।

sakhiyoṃ ne dūlhe ko dekhā,
laṃbī dāढ़ī vālā hai,
hātha meṃ jisake khappara ḍamaru,
gale sā~pa kī mālā hai,
jaṭājūṭa bā~dhe aura tana pe,
jisane rākha caढ़āī hai,
bāghaṃbara kī khāla oढ़ne,
te mṛga chāla bichāī hai,
sakhiyā~ jaba kareṃ iśāre,
naṃdī jī khaड़e nihāreṃ,
sakhiyoṃ ke pīche paड़ gae,
pūchanī ghumāya ke,
siṃgavā hilāya ke ho rāma,
e bhaiyā śivajī bihāne cale,
pālakī sajāya ke,
bhabhūti ramāya ke, ho rāma।
saṃga saṃga bārātī cale,
ḍholavā bajāī ke,
ghuड़vā dauड़āya ke, ho rāma।

janavāse se bāhara nikalī,
saba sakhiyā~ ghabarāī thīṃ,
gorā terī kismata phūṭī,
use batāne āī thīṃ,
pārvatī se ākara bolīṃ,
terā dūlhā dekha liyā,
tere pitā ne basa yū~ samajho,
tujhe naraka meṃ bheja diyā,
hai vo śmaśāna kā vāsī,
hai koī jogī-saṃnyāsī,
mastī meṃ ḍūbā rahe,
bhā~ga caढ़āya ke,
dhatūrā cabāya ke, ho rāma,
e bhaiyā śivajī bihāne cale,
pālakī sajāya ke,
bhabhūti ramāya ke, ho rāma।
saṃga saṃga bārātī cale,
ḍholavā bajāī ke,
ghuड़vā dauड़āya ke, ho rāma।

pārvatī ne uttara aise,
diyā sabhī kī bolī kā,
merā aura śaṃkara kā riśtā,
hai dāmana aura colī kā,
janma janma kī lagana yahī hai,
mā~ apanī se kaha dūṃgī,
byāha hogā to śaṃkara se,
anyathā ku~vārī raha lūṃgī,
gaurā kī sunakara vāṇī,
khuśa ho gaīṃ sakhī sayānī,
calane lagīṃ donoṃ kī,
jaya jaya bulāya ke,
gīta gunagunāya ke, ho rāma,
e bhaiyā śivajī bihāne cale,
pālakī sajāya ke,
bhabhūti ramāya ke, ho rāma।
saṃga saṃga bārātī cale,
ḍholavā bajāī ke,
ghuड़vā dauड़āya ke, ho rāma।

udhara gaṇoṃ ne milakara ke,
śiva bābā ko taiyāra kiyā,
idhara gaurī kī sakhiyoṃ ne thā,
gaurā kā śṛṃgāra kiyā,
mahaloṃ ke prāṃgaṇa meṃ vedī,
suṃdara eka banāī thī,
maṃḍapa jaba taiyāra huā to,
phira bārāta bulavāī thī,
devatā bāje bajāveṃ,
śaṃkara ḍamaru khaड़kāveṃ,
bhūtoṃ kī senā calī,
nāca dikhāya ke,
dhūma macāya ke ho rāma,
e bhaiyā śivajī bihāne cale,
pālakī sajāya ke,
bhabhūti ramāya ke, ho rāma।
saṃga saṃga bārātī cale,
ḍholavā bajāī ke,
ghuड़vā dauड़āya ke, ho rāma।

galiyoṃ aura bārātoṃ meṃ thī,
sacamuca bhīड़ lagī bhārī,
apane apane ghara ke āge,
khaड़ī ho ho dekheṃ nārī,
brahmā viṣṇu iṃdra ādi ko,
dekha sabhī haraṣāī thīṃ,
para śaṃkara ko dekha nāriyā~,
ghara ke bhītara bhāgī thīṃ,
dhaka dhaka dila dhaड़kana lāgai,
aṃga saba phaड़kana lāgai,
nanhe nanhe baccoṃ ko,
goda meṃ uṭhāya ke, ho rāma,
gale se lagāike ho rāma,
e bhaiyā śivajī bihāne cale,
pālakī sajāya ke,
bhabhūti ramāya ke, ho rāma।
saṃga saṃga bārātī cale,
ḍholavā bajāī ke,
ghuड़vā dauड़āya ke, ho rāma।

gaurā kī mā~ ne himagira ko,
apane pāsa bulāyā thā,
sakhiyoṃ ne jo hāla kahā thā,
saba unako samajhāyā thā,
bolī maiṃ apanī beṭī ko,
tabāha nahīṃ hone dūṃgī,
ku~e meṃ girake mara jāūṃgī,
byāha nahīṃ hone dūṃgī,
itane meṃ hari guṇa gāte,
nārada jī vīṇa bajāte,
pichale janama kī kathā,
bole samajhāya ke,
sabako sunāī ke ho rāma,
e bhaiyā śivajī bihāne cale,
pālakī sajāya ke,
bhabhūti ramāya ke, ho rāma।
saṃga saṃga bārātī cale,
ḍholavā bajāī ke,
ghuड़vā dauड़āya ke, ho rāma।

maṇḍapa meṃ jaba pahu~ce śaṃkara,
āsana deke biṭhalāyā,
pahale unakī pūjā karī phira,
pārvatī ko bulavāyā,
baड़e prema se himagiri ne,
girajā kā kanyādāna kiyā,
śaṃkara sahita bārātī jitane,
sabakā hī sammāna kiyā,
śaṃkara aura pārvatī kī,
suṃdara sī joड़ī dekhī,
devatā khuśa hue,
phūla barasāya ke,
jaya jaya bulāya ke ho rāma,
e bhaiyā śiva jī bihāne cale,
pālakī sajāya ke,
bhabhūti ramāya ke, ho rāma।
saṃga saṃga bārātī cale,
ḍholavā bajāī ke,
ghuड़vā dauड़āya ke, ho rāma।

gale lagākara beṭī ko,
himagira mainā ne vidā kiyā,
pārvatī ko śaṃkara ne,
naṃdī kī pīṭha para biṭhā liyā,
somanātha kī isa gāthā ko,
sune vā isakā gāna kare,
saṃkaṭa sāre miṭa jāe~,
śiva jī unakā kalyāṇa kareṃ,
lekara ke pārvatī ko,
śaṃkara kailāśapati ko,
naṃdī mastī meṃ bhāge,
siṃgavā hilāya ke,
pū~chavā ghumāya ke, ho rāma,
e bhaiyā śivajī bihāne cale,
pālakī sajāya ke,
bhabhūti ramāya ke, ho rāma।
saṃga saṃga bārātī cale,
ḍholavā bajāī ke,
ghuड़vā dauड़āya ke, ho rāma।

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सन्दीप शाह

सन्दीप शाह दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक हैं। वे तकनीक के माध्यम से हिंदी के प्रचार-प्रसार को लेकर कार्यरत हैं। बचपन से ही जिज्ञासु प्रकृति के रहे सन्दीप तकनीक के नए आयामों को समझने और उनके व्यावहारिक उपयोग को लेकर सदैव उत्सुक रहते हैं। हिंदीपथ के साथ जुड़कर वे तकनीक के माध्यम से हिंदी की उत्तम सामग्री को लोगों तक पहुँचाने के काम में लगे हुए हैं। संदीप का मानना है कि नए माध्यम ही हमें अपनी विरासत के प्रसार में सहायता पहुँचा सकते हैं।

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