धर्म

साईं बाबा के 108 नाम (Sai Baba Ke 108 Naam): Sai Baba 108 Names in Hindi

साईं बाबा के 108 नाम (Sai Baba Ke 108 Naam) हर दुःख और परेशानी की चमत्कारी दवा हैं। जो भी सच्चे हृदय से बाबा को पुकारता है और साईं बाबा के 108 नाम (Sai Baba 108 Names in Hindi) लेता है उसके ऊपर दैवीय कृपा होती है और उसके बिगड़े काम भी बाबा की कृपा से बनने लगते हैं। वे 19वीं और 20वीं सदी के एक प्रमुख संत व समाज सुधारक थे। उनका निवास शिरडी, महाराष्ट्र में था। वे एक सामान्य जीवन व्यतीत करते थे किंतु उनके कार्य व वचन चमत्कारी शक्ति से परिपूर्ण थे। हिंदू और मुस्लिम दोनों ही उन्हें मानते तथा उनका सम्मान करते थे। साईं बाबा सभी भेद-भावों से परे थे तथा जाति व मज़हब के बंधनों से ऊपर थे। वे सबकी मन मांगी मुरादें आसानी से पूरी करने वाले सिद्ध थे। आज भी जो व्यक्ति सच्चे दिल से साईं बाबा के 108 नाम लेता है, उसकी सभी इच्छाएँ अवश्य पूर्ण होती हैं। पढ़ें साईं बाबा के 108 नाम (Sai Baba Ke 108 Naam)–

Sai Baba 108 Names in Hindi
पढ़ें शिरडी साईं बाबा के अलग-अलग 108 नाम


1. साईंनाथ (sāīṃnātha) – प्रभु साई
2. लक्ष्मी नारायण (lakṣmī nārāyaṇa ) – लक्ष्मी नारायण के चमत्कारी शक्ति वाले3
3. कृष्णमशिवमारूतयादिरूप (kṛṣṇamaśivamārūtayādirūpa) – भगवान कृष्ण, शिव, राम तथा अंजनेय का स्वरूप
4. शेषशायिने (śeṣaśāyine) – आदि शेष पर सोने वाला
5. गोदावीरतटीशीलाधीवासी (godāvīrataṭīśīlādhīvāsī) – गोदावरी के तट पर रहने वाले (सिरडी)

6. भक्तह्रदालय (bhaktahradālaya) – भक्तों के दिल में वास करने वाले
7. सर्वह्रन्निलय (sarvahrannilaya) – सबके मन में रहने वाले
8. भूतावासा (bhūtāvāsā) – सभी प्राणियों में रहने वाले
9. भूतभविष्यदुभवाज्रित (bhūtabhaviṣyadubhavājrita) – भूत, भविष्य व वर्तमान का ज्ञान देने वाले
10. कालातीताय (kālātītāya) – समय से परे

11. काल (kāla) – समय
12. कालकाल (kālakāla) – मृत्यु के देवता का हत्यारा
13. कालदर्पदमन (kāladarpadamana) – मृत्यु का भय दूर करने वाले
14. मृत्युंजय (mṛtyuṃjaya) – मृत्यु पर विजय प्राप्त करने वाले
15. अमत्य्र (amatyra) – श्रेष्ठ मानव

16. मर्त्याभयप्रद (martyābhayaprada) – मनुष्य को मुक्ति देने वाले
17. जिवाधारा (jivādhārā) – जीवन का समर्थन करने वाले
18. सर्वाधारा (sarvādhārā) – समस्त क्रिया का समर्थन करने वाले
19. भक्तावनसमर्थ (bhaktāvanasamartha) – पूजनीय
20.भक्तावनप्रतिज्ञाय (bhaktāvanapratijñāya) – अपने भक्तों की रक्षा का वचन निभाने वाले

21. अन्नवसत्रदाय (annavasatradāya) – वस्त्र व अन्न देने वाले
22. आरोग्यक्षेमदाय (ārogyakṣemadāya) – स्वास्थ्य और आराम देने वाले
23. धनमाङ्गल्यप्रदाय (dhanamāṅgalyapradāya) – भलाई और स्वास्थ्य का अनुदान करने वाले
24. ऋद्धिसिद्धिदाय (ṛddhisiddhidāya) – बुद्धि और शक्ति देने वाले
25. पुत्रमित्रकलत्रबन्धुदाय (putramitrakalatrabandhudāya) – पुत्र, मित्र आदि का सुख देने वाले

26. योगक्षेमवहाय (yogakṣemavahāya) – मानुष्य की रक्षा करने वाले
27. आपदबान्धवाय (āpadabāndhavāya) – समस्या के समय भक्तों के साथ रहने वाले
28. मार्गबन्धवे mārgabandhave) – जीवन का मार्ग- दर्शन करने वाले
29. भक्तिमुक्तिस्वर्गापवर्गदाय (bhaktimuktisvargāpavargadāya) – धन, अनन्त परमानंद और अनन्त राज्य (स्वर्ग) देने वाले
30. प्रिय (priya) – भक्तों के प्रिय

31. प्रीतिवर्द्धनाय (prītivarddhanāya) – भगवान के प्रति भक्ति बढ़ाने वाले
32. अन्तर्यामी (antaryāmī) – पवित्र आत्मा
33. सच्चिदात्मने (saccidātmane) – ईश्वरीय सत्य
34. नित्यानन्द (nityānanda) – हमेशा शाश्वत आनंद में डूबे रहने वाले
35. परमसुखदाय (paramasukhadāya) – असीम सुख

36. परमेश्वर (parameśvara) – प्रमुख देव
37. परब्रह्म (parabrahma) – परम ब्रह्म
38. परमात्मा (paramātmā) – दिव्य आत्मा
39. ज्ञानस्वरूपी (jñānasvarūpī) – बुद्धिमान व्यक्ति
40. जगतपिता (jagatapitā) – ब्रह्मांड के पिता

41. भक्तानां मातृ दातृ पितामहाय (bhaktānāṃ mātṛ dātṛ pitāmahāya) – सभी भक्तों के लिए
42. भक्ताभयप्रदाय (bhaktābhayapradāya) – सभी भक्तों को शरण में लेने वाले
43. भक्तपराधीनाय (bhaktaparādhīnāya) – अपने भक्तों का सारंक्षण करने वाले
44. भक्तानुग्रहकातराय (bhaktānugrahakātarāya) – अपने भक्तों को आशीर्वाद देने वाले
45. शरणागतवत्सलाय (śaraṇāgatavatsalāya) – भक्तों को शरण में लेने वाले

46. भक्तिशक्तिप्रदाय (bhaktiśaktipradāya) – अपने भक्तों को ताकत देने वाले
47. ज्ञानवैराग्यप्रदाय (jñānavairāgyapradāya) – बुद्धि और त्याग करने वाले
48. प्रेमप्रदाय (premapradāya) – अपने सभी भक्तों पर प्रेम की निस्वार्थ वर्षा
49. संशयह्रदय दौर्बल्यपापकर्म वासनाक्षयकराय (saṃśayahradaya daurbalyapāpakarma vāsanākṣayakarāya) – पाप और प्रवृत्ति की कमजोरियों को दूर करने वाले
50. ह्रदयग्रन्थिभेदकाय (hradayagranthibhedakāya) – दिल के अनुलग्नक नष्ट कर देने वाले

51. कर्मध्वंसिने (karmadhvaṃsine) – पापों व बुराई नष्ट करने वाले
52. शुद्ध-सत्वस्थिताय (śuddha-satvasthitāya) – शुद्ध, सच्चाई और अच्छाई
53. गुनातीतगुणात्मने (gunātītaguṇātmane) – सभी अच्छे गुणों को पास रखने वाले
54.अनन्तकल्याण गुणाय (anantakalyāṇa guṇāya) – असीम अच्छे गुण वाले
55. अमितपराक्रमाय (amitaparākramāya) – अथाह शौर्य के स्वामी

56. जयिने (jayine) – अजय
57. दुर्धर्षाक्षोभ्याय (durdharṣākṣobhyāya) – अपने भक्तों के सभी आपदाओं को नष्ट करने वाले
58. अपराजिताय (aparājitāya) – सदैव वियजी रहने वाले
59. त्रिलोकेषु अविघातगतये (trilokeṣu avighātagataye) – स्वतंत्रा देने वाले
60. अशक्य-रहीताय (aśakya-rahītāya) – सब कुछ पूरी तरह निष्पादित करने वाले

61. सर्वशक्तिमूर्तये (sarvaśaktimūrtaye) – सभी शक्तियों की मूर्ति
62. सुरूपसुन्दराय (surūpasundarāya) – सुंदर
63. सुलोचनाय (sulocanāya) – आकर्षक सुंदर और प्रभावशाली आंखें
64. बहुरूप विश्वमूर्तये (bahurūpa viśvamūrtaye) – अनेक रूप वाले
65. अरूपाव्यक्ताय (arūpāvyaktāya) – अमूर्त

66. अचिन्त्याय (acintyāya) – सोचा से परे
67. सूक्ष्माय (sūkṣmāya) – छोटा रूप
68. सर्वान्तर्यामिणे (sarvāntaryāmiṇe) – सम्पूर्ण विश्व
69. मनोवागतीताय (manovāgatītāya) – शब्द व दुनिया से परे
70. प्रेममूर्तये (premamūrtaye) – प्यार का अवतार

71. सुलभदुर्लभाय (sulabhadurlabhāya) – जिसको पाना आसान भी और कठिन
72. असहायसहायाय (asahāyasahāyāya) – भक्तों की आस्था पर निर्भर रहने वाले
73. अनाथनाथदीनबंधवे (anāthanāthadīnabaṃdhave) – अनाथों के दयालु प्रभु
74. सर्वभारभृते (sarvabhārabhṛte) – अपने भक्तों की रक्षा का बोझ उठाने वाले
75. अकर्मानेककर्मसुकर्मिणे (akarmānekakarmasukarmiṇe) – महसूस न होने वाले

76. पुण्यश्रवणकीर्तनाय (puṇyaśravaṇakīrtanāya) – सुनने योग्य
77. तीर्थाय (tīrthāya) – पवित्र नदियों का स्वरूप
78. वासुदेव (vāsudeva) – कृष्ण का स्वरूप
79. सतां गतये (satāṃ gataye) – सबको शरण में रखने वाले
80. सत्परायण (satparāyaṇa) – अच्छे गुण वाले

81. लोकनाथाय (lokanāthāya) – विश्व के स्वामी
82. पावनानघाय (pāvanānaghāya) – पवित्र रूप
83. अमृतांशवे (amṛtāṃśave) – दिव्य अमृत
84. भास्करप्रभाय( bhāskaraprabhāya) – सूर्य की तरह चमकने वाले
85. ब्रह्मचर्यतपश्चर्यादिसुव्रताय (brahmacaryatapaścaryādisuvratāya) – ब्रह्मचारी की तपस्या के अनुसार

86. सत्यधर्मपरायणाय (satyadharmaparāyaṇāya) – सत्य और धर्म का प्रतीक
87. सिद्धेश्वराय (siddheśvarāya) – समस्त आठ सिद्धि के स्वामी
88. सिद्धसंकल्पाय (siddhasaṃkalpāya) – पूर्ण रूप से इच्छा का सम्मान करने वाले
89. योगेश्वराय (yogeśvarāya) – सभी योगियों या संन्यासियों के मस्तक के समान
90. भगवते (bhagavate) – ब्रह्मांड की प्रमुख प्रभु

91. भक्तवत्सलाय (bhaktavatsalāya) – अपने भक्तों के पराधीन
92. सत्पुरुषाय (satpuruṣāya) – अनन्त, अव्यक्त व उत्तम पुरुष
93. पुरुषोत्तमाय (puruṣottamāya) – उच्चतम
94. सत्यतत्वबोधकाय (satyatatvabodhakāya) – सत्य और वास्तविकता की सही सिद्धांतों का उपदेश देने वाले
95. कामादिशड्वैरिध्वंसिने (kāmādiśaḍvairidhvaṃsine) – इच्छा, क्रोध, लोभ, घृणा, शान, और वासना का नाश करने वाले

96. समसर्वमतसम्मताय (samasarvamatasammatāya) – सहिष्णु और सभी के प्रति समान
97. दक्षिणामूर्तये (dakṣiṇāmūrtaye) – भगवान शिव
98. वेंकटेशरमणाय (veṃkaṭeśaramaṇāya) – भगवान विष्णु
99. अद्भूतानन्तचर्याय (adbhūtānantacaryāya) – अदभुत और अनन्त लीलाओं को करने वाले
100. प्रपन्नार्तिहराय (prapannārtiharāya) – समस्याओं का नाश करने वाले

101. संसारसर्वदु (saṃsārasarvadu) – ख़क्षयकराय: सभी दुखों का नाश करने वाले
102. सर्ववित्सर्वतोमुखाय (sarvavitsarvatomukhāya) – जो त्रिकालदर्शी और सर्वव्यापी हैं
103. सर्वान्तर्बहि (sarvāntarbahi) – स्थिताय: सभी मनुष्य में मौजूद रहने वाले
104. सर्वमंगलकराय (sarvamaṃgalakarāya) – भक्तों के कल्याण के शुभ करने वाले
105. सर्वाभीष्टप्रदाय (sarvābhīṣṭapradāya) – भक्तों की इच्छाओं की पूर्ति करने वाले

106. समरससन्मार्गस्थापनाय (samarasasanmārgasthāpanāya) – एकता का संदेश देने वाले
107. समर्थसद्गुरुसाईनाथाय (samarthasadgurusāīnāthāya) – आत्मिक ज्ञान प्रदान करने वाले
108. अशक्यरहिताय (aśakyarahitāya) – जिनकी शक्ति से कोई बाहर नहीं

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सन्दीप शाह दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक हैं। वे तकनीक के माध्यम से हिंदी के प्रचार-प्रसार को लेकर कार्यरत हैं। बचपन से ही जिज्ञासु प्रकृति के रहे सन्दीप तकनीक के नए आयामों को समझने और उनके व्यावहारिक उपयोग को लेकर सदैव उत्सुक रहते हैं। हिंदीपथ के साथ जुड़कर वे तकनीक के माध्यम से हिंदी की उत्तम सामग्री को लोगों तक पहुँचाने के काम में लगे हुए हैं। संदीप का मानना है कि नए माध्यम ही हमें अपनी विरासत के प्रसार में सहायता पहुँचा सकते हैं।

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